Chandrayaan-3 की सफलता के साथ भारत ने बुधवार को अंतरिक्ष में नया इतिहास रचा। चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग में इसरो की बहुत बड़ी टीम ने काम किया है। देशभर के कई होनहार वैज्ञानिकों को टीम का हिस्सा बनाया गया, जो अलग-अलग कोनों से संबंध रखते हैं।
इन टीमों में छत्तीसगढ़ के कई वैज्ञानिकों ने भी अहम भूमिका निभाई है। किसी ने उपकरण डिजाइन किया तो कोई चंद्रयान पर हर पल निगरानी रख रहा था। रायपुर , भिलाई और महासमुंद जैसे कई शहरों से निकले इन वैज्ञानिकों भारत की इस सफलता में बड़ा योगदान दिया है।
चंद्रयान-3 अभियान में इसरो के वैज्ञानिकों की टीम में अंबिकापुर के वैज्ञानिक निशांत सिंह भी शामिल रहे । निशांत सिंह के साथ इसरो के वैज्ञानिकों की टीम ने ही चंद्र यान-3 में एक उपकरण लगाया है, जो चांद पर मिट्टी सहित अन्य तत्वों का अध्ययन करेगा । निशांत के साथ टीम ने अल्फ़ा पार्टिकल एक्स-रे पोटोमीटर चंद्रयान - 3 स्थापित करेगा। इसी तरह, महासमुंद जिले के बसना- सरायपाली निवासी ज्ञानेंद्र कश्यप ने भी चंद्र यान- 3 मिशन में अपनी भागीदारी निभाई है, जो इस समय इसरो में कर्यरत हैं।