रायपुर । भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश प्रवक्ता नलिनीश ठोकने ने मुख्यमंत्री बघेल द्वारा शुरू किए गए युवाओं से सीधे संवाद के ताजा अभियान पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री बघेल अब भेंट-मुलाकात नहीं, ‘सेट-मुलाकात’ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनावी सवाल में युवा मतदाताओं को साधने की कोशिश कर रहे मुख्यमंत्री बघेल को अब पौने पाँच साल का कार्यकाल बीत जाने के बाद युवाओं की याद आई है।
लेकिन भेंट मुलाकात नाम पर सेट मुलाकात का मुख्यमंत्री बघेल का यह सियासी ड्रामा पूरी तरह फ्लॉप शो साबित होगा। ठोकने ने युवाओं से अपील की है कि मुख्यमंत्री के इस ‘सेट मुलाकात’ में प्रदेश के युवा इन सारे मुद्दों पर मुख्यमंत्री बघेल से खुलकर चर्चा करें और युवाओं के भविष्य को दाँव पर लगाने वाले मुख्यमंत्री से सवाल पूछें।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कहा कि रोजगार मांगते युवाओं को भयावह कोरोना काल में आंदोलन के लिए विवश करने, न्याय व हक मांगने पर लाठियां बरसाने और बेरोजगारी भत्ते के नाम पर छल करने वाले मुख्यमंत्री बघेल को क्या यह पता है कि युवाओं के मन में उनकी छवि प्रदेश की राजनीति के खलनायक की बन चुकी है। बेरोजगार युवाओं को साढ़े चार साल तक बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया गया।
कुछ युवाओं को अब यह भत्ता दिया जा रहा है, जबकि प्रदेश के 10 लाख बेरोजगार युवाओं को 2500 रुपए भत्ता देने का वादा कांग्रेस ने पिछले चुनाव में किया था। प्रदेश सरकार ने युवाओं के हक का 12 हजार करोड़ रुपया दबा लिया। इससे युवा खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। जब कांग्रेस की प्रदेश सरकार को इसकी याद दिलाई गई तो कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम अपनी ही पार्टी के जन घोषणा पत्र को फर्जी बताने लगे ताकि बेरोजगारी भत्ता न देना पड़े।
उन्होंने कहा कि वर्षों तक परिश्रम करके इन परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवा अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाली प्रदेश सरकार ने तो अपनी कारगुजारियों को छिपाने के लिए प्रश्नपत्र, उत्तरपुस्तिका व ओएमआर शीट को नष्ट करने के लिए एक नहीं, दो बार टेंडर निकाला। इसी तरह शिक्षक विज्ञान प्रयोगशाला भर्ती में घोटाला करके प्रदेश सरकार ने युवाओं को ठगने का काम किया। प्रदेश सरकार बताए कि इंटरव्यू के लिए बुलाए गए अभ्यर्थियों की सूची में जिनका नाम था ही नहीं, उनका नाम चयनित सूची में कहाँ से और कैसे आ गया? नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने अपने ट्वीट में इस बारे में मुख्यमंत्री बघेल से सवाल किया था, लेकिन उन्होंने जवाब तक नहीं दिया।
विज्ञापनों और लोकवाणी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री बघेल 5 लाख नौकरी देने का दावा करते हैं और जमीनी सच यह है कि रोजगार के नाम पर प्रदेश सरकार ने पढ़े-लिखे युवाओं को शराब का डिलीवरी ब्वॉय बना दिया। पढ़े-लिखे युवाओं को प्रदेश सरकार के मंत्री पंचर बनाने की सलाह देते हैं! पढ़े-लिखे युवा मनरेगा में मजदूरी करके परिवार का खर्च वहन कर रहे हैं और इससे भी शर्मनाक यह है कि मेडिकल और इंजीनियरिंग पढ़े युवा एक भृत्य के पद के लिए आवेदन कर रहे हैं।