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मणिपुर हिंसा में दो पत्रकार समेत 27 लोग लापता, जानें राज में अब कैसे हैं हालात

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Manipur Violence :  हिंसा प्रभावित मणिपुर में दो पत्रकार, दो नाबालिग और दो महिलाओं सहित कम से कम 27 गैर-आदिवासी व्यक्ति लापता हैं. सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. स्थानीय मीडिया के दो लापता पत्रकार — 47 वर्षीय एटम समरेंद्र सिंह और 48 वर्षीय युमखैबम किरणकुमार सिंह हैं. 27 लोगों में से कुछ मई से, कुछ जून से और शेष जुलाई से लापता हैं और वे इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, टेंग्नौपाल, बिष्णुपुर, कांगपोकपी, थौबल और काकचिंग जिलों के रहने वाले हैं. विभिन्न थानों में गुमशुदगी के मामले दर्ज कराए गए हैं. 


लापता लोगों की उम्र 17 साल से 47 साल के बीच है. मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच जारी बवाल के बीच अब राज्य में बड़ी घुसपैठ की जानकारी सामने आई है. बताया गया था कि म्यांमार के 700 से ज्यादा नागरिकों ने अवैध रूप से मणिपुर के चंदेल जिले में घुसपैठ की है. इसी बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. जानकारी के मुताबिक अब म्यांमार से भारत आने वाले किसी भी शरणार्थी का बायोमेट्रिक डाटा एकत्र किया जाएगा. इसके जरिए सरकार को ऐसे अप्रवासियों की पहचान करने में मदद मिलेगी, जिन्हें “निगेटिव बायोमेट्रिक लिस्ट” में रखा जाएगा, ताकि वे बाद में भारत के नागरिक न बन सकें. 

सूत्रों के मुताबिक भारत-म्यांमार बॉर्डर पर कंटीले तार (फेंसिंग) लगाने का काम तेजी से किया जा रहा है. अब तक मणिपुर-मिजोरम बॉर्डर पर 10 किलोमीटर के एरिया में फेंसिंग लगाने का काम पूरा हो चुका है. जो एजेंसियां इस योजना पर काम कर रही हैं, उन्हें निर्देश दिया गया है कि वह बॉर्डर पर जल्द से जल्द इस काम को पूरा कर लें. केंद्र सरकार की ओर से ये कदम मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच चल रही हिंसा के बीच उठाया गया है. मैतेई समुदाय ने आरोप लगाया है कि कुकी “म्यांमार सीमा पार से अवैध रूप से आए हैं और मणिपुर में वन भूमि पर कब्जा कर रहे हैं”.


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