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जगन्नाथ मंदिर खजाने की चाबियां दशकों से गायब हैं, जानें खजाने का रहस्य

पुरी । जगन्नाथ पुरी के रत्नभंडार (खजाने) की चाबी को लेकर राज्य में बीजेडी सरकार और भाजपा के बीच ठन गई है। हाल ही में ओडिशा हाई कोर्ट ने बीजेडी सरकार से न्यायिक जांच आयोग  की रिपोर्ट की जानकारी देने को कहा है। सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप बराल की याचिका पर हाई कोर्ट ने 25 अप्रैल को सुनवाई करते हुए राज्य के मुख्य सचिव और कानून सचिव को सरकार की तरफ से जवाब देने को कहा गया है। इस मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को होनी है। हालांकि खजाने के इस रहस्य को लेकर भाजपा बीजेडी पर हमलावर है।


दरअसल पुरी के जगन्नाथ मंदिर  में कुछ संदिग्ध गतिविधियों की आशंका है। इसी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। बताया जाता है कि मंदिर के आंतरिक रत्न भंडार की चाबियां गायब हैं। इसी बीच मंदिर की दो अहम फाइल गायब होने की भी रिपोर्ट आ गई। अब विपक्ष इस मुद्दे को लेकर पटनायक सरकार को घेर रहा है और कठघरे में खड़ा करने की कोशिश कर रहा है।

कहां गुम हो गईं रत्न भंडार की चाबी?

बता दें कि 4 अप्रैल 2018 को एएसआई की टीम रत्नभंडार को खोलने के लिए पहुंची थी लेकिन इसकी चाबी ही नहीं मिली। ऐसे में रत्न भंडार खुल नहीं पाया। इसको लेकर विवाद होने लगा। भाजपा नेता पितांबर आचार्य ने कहा कि आखिर सरकार मंदिर का आंतरिक कक्ष क्यों नहीं खोलना चाहती है। उन्होंने कहा, एएसआई ने हाई कोर्ट में कहा है कि इस कक्ष की रिपेयरिंग की सख्त जरूरत है। संदेह है कि इस कक्ष में सुरक्षित रखे गए रत्न अब हैं भी या नहीं।

वहीं ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी  के चेयरपर्सन गनेश्वर बेहरा ने भी सवाल उठाते हुए कहा कि इस मंदिर की सुरक्षा एएसआई के जिम्मे है। अगर वह कह रही है कि रिपेयरिंग की जरूरत है तो तुरंत इसे खोला जाना चाहिए। उन्होंने कहा, बीजेडी सरकार जिस तरह की हरकत कर रही है उससे लगता है कि अब कक्ष में रत्न सुरक्षित नहीं है। यहां रखे गए खजाने के बारे में राज्य को सबको बताना चाहिए।

बता दें कि 12वीं शताब्दी के इस मंदिर में रत्न भंडार के दो भाग हैं। बाहरी भाग की चाबी उपलब्ध है और इसे सूना बेशा के दौरान भगवानके श्रंगार के लिए खोला जाता है। सालाना रथ यात्रा के दौरान यह परंपरा निभाई जाती है। वहीं बाहरी भाग की तीन चाबियां पुरी राज घराने के पास हैं। बात आंतरिक भाग की है जिसकी चाबियां गायब हो गई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस कक्ष की रिपेयरिंग 1978 में हुई थी। इसके बाद इसे 14 जुलाई 1985 को खोला गया। 29 नवंबर को आयोग ने इस बारे में 324 पेज की रिपोर्ट सरकार को दी थी लेकिन सरकार ने इसे अब तक सार्वजनिक नहीं किया।

साल 2018 में विधानसभा में सरकार के जवाब के मुताबिक रत्न भंडार में 12831 भारी सोने के गहने हैं। एक भारी 11.66 ग्राम के बराबर होता है। वहीं इस रत्न भंडार में 22153 भारी चांदी के बर्तन हैं। इसके अलावा भी कुछ बहुमूल्य रत्न यहां मौजूद हैं।

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