नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन करेंगे। लोकसभा सचिवालय ने गुरुवार (18 मई) को यह जानकारी दी. नए संसद भवन के उद्घाटन की तारीख आई तो कांग्रेस ने पीएम मोदी पर तंज किया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश की ओर से पीएम मोदी की एक तस्वीर भी ट्वीट की गई।
कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि नवनिर्मित संसद भवन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा वाली परियोजना’ है और सवाल किया कि ऐसी इमारत की जरूरत ही क्या है, जब विपक्ष के ‘माइक’ बंद कर दिए गए हैं। विपक्षी दल ने यह भी कहा कि संसद भवन सिर्फ इमारत नहीं है बल्कि बेजुबानों की जुबान है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने नए संसद भवन में चल रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए प्रधानमंत्री की एक तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘28 मई को उद्घाटन किए जाने वाले नए संसद भवन के एकमात्र वास्तुकार, डिजाइनर और श्रमिक. तस्वीर सबकुछ बयां करती है… व्यक्तिगत महात्वाकांक्षा वाली परियोजना।’’
मणिकम टैगोर ने भी कसा तंज
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में पार्टी के सचेतक मणिकम टैगोर ने ट्वीट किया, ‘‘संसद भवन सिर्फ ईंट और सीमेंट की बनी दीवारें नहीं है, यह बेजुबानों की जुबान है.’’ उन्होंने सवाल किया है, ‘‘यह जगह की बात नहीं है… यह सुविधाओं की बात नहीं है… यह आवाज है. लेकिन जब विपक्ष के माइक ही बंद हैं तो इसकी जरूरत क्या है.’’
दिसंबर 2020 में हुआ था नए संसद भवन का शिलान्यास
नए संसद भवन की खासियत?
संसद के नवनिर्मित भवन को गुणवत्ता के साथ रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है. बयान के अनुसार, अब संसद का नवनिर्मित भवन जहां एक ओर भारत की गौरवशाली लोकतांत्रिक परंपराओं और संवैधानिक मूल्यों को और ज्यादा समृद्ध करने का कार्य करेगा, वहीं अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त इस भवन में सदस्यों को अपने कार्यों को और बेहतर तरीके से निष्पादित करने में सहायता मिलेगी. बयान में बताया गया है कि नए संसद भवन के अंतर्गत लोकसभा में 888 सदस्यों और राज्यसभा में 384 सदस्यों की बैठक की व्यवस्था की गई है. संसद के वर्तमान भवन में लोकसभा में 550 जबकि राज्यसभा में 250 माननीय सदस्यों की बैठक की व्यवस्था है।
संसद की नई इमारत का निर्माण दो साल पहले शुरू हुआ था. नई इमारत राष्ट्र के शक्ति केंद्र सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास का हिस्सा है. राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर की सड़क का नवीनीकरण, एक सामान्य केंद्रीय सचिवालय का निर्माण, प्रधानमंत्री का एक नया कार्यालय और आवास और एक नया उपराष्ट्रपति एन्क्लेव भी केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) की ओर से पूरी की जा रही इस परियोजना का हिस्सा हैं।
संसद की नई इमारत का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड की ओर से किया जा रहा है. इस इमारत में भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संविधान कक्ष, संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थान होगा. संसद के वर्तमान भवन का निर्माण 1927 में हुआ था।