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मोहित की धुंधलाती आंखों ने देखा आईआईएम में दाखिले का सपना

रायपुर। मैं और भैया आंखों की जेनेटिक बीमारी रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा से जूझ रहे हैं, इस बीमारी में धीरे-धीरे आंखों की ज्योति कम होती जाती है। मुझे बिल्कुल भी दिखाई नहीं देता और भैया की आंखों में लगभग पचास प्रतिशत ज्योति है। जब भैया का सिलेक्शन आईआईएम अहमदाबाद के लिए हुआ तो वहां की फीस जानकर हमने पढाई की उम्मीद ही छोड़ दी। हमसे कहा गया कि अगर कोई कुछ कर सकता है तो वो सिर्फ मुख्यमंत्री ही कर सकते हैं। मगर हमने सोचा कि हम मुख्यमंत्री तक कैसे पहुंच सकते- हम आखिर हैं ही कौन ?

आज जब मुख्यमंत्री निवास में मुस्कान ने ये बातें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कहीं तो मुख्यमंत्री ने मुस्कान बिटिया से कहा- अरे ! ऐसा कभी मत सोचना, आपके सपने जरूर पूरे होंगे। फीस की चिंता भूल जाओ और खूब मन लगाकर पढ़ाई करो। मुख्यमंत्री ने मोहित की फीस के लिए 25 लाख रुपये प्रदान करने के संबंध में प्रस्ताव कैबिनेट से मंजूरी के लिए भेजने के निर्देश अधिकारियों को दिए।मोहित ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे रायपुर के रहने वाले हैं। 

उनके पिता एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। आंखों की जेनेटिक बीमारी के बावजूद वे पढ़ना चाहते हैं ताकि अपने जैसे बच्चों के लिए कुछ कर सकें। भारत के शीर्ष संस्थान आईआईएम अहमदाबाद के एंट्रेंस- कैट में उनका 99.93 परसेंट से सिलेक्शन एमबीए के लिए हुआ है। वहां 2 साल की फीस लगभग 25 लाख रुपये है। इतनी बड़ी रकम देना उनके लिए सम्भव नहीं है। मुख्यमंत्री ने भाई-बहन मोहित और मुस्कान से कहा कि आपने कड़ी मेहनत से ये सफलता प्राप्त की है। आप फीस की चिंता हमारे ऊपर छोड़ दीजिए और पूरा ध्यान पढाई पर लगाइए। कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर आपका सपना पूरा करेंगे।

मुस्कान ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे भी बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से बीएड की पढ़ाई कर रही हैं। साथ ही साथ वे और मोहित रे ऑफ होपनाम से प्रोजेक्ट चलाते हैं। जिसके तहत वे देश और विदेश के विज़न की समस्या से जूझ रहे लगभग 200 लोगों को मेंटल मैथ्स और इंग्लिश ऑनलाइन पढ़ाते हैं। वे आगे इस काम को और आगे ले जाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने मोहित और मुस्कान को उनके लोगों की मदद करने के जज्बे की खूब सराहना की।

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