बेंगलुरु । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्नाटक के बांदीपुर टाइगर रिजर्व पहुंचे। इस दौरान पीएम मोदी ने थेप्पाकडू हाथी शिविर में हाथी को गन्ना भी खिलाया। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कर्नाटक के बांदीपुर टाइगर रिजर्व का दौरा किया। पहले वे बांदीपुर टाइगर रिजर्व पहुंचे और खुली जीप में घूमे। इसके बाद वे कर्नाटक की सीमा से लगे मुदुमलई नेशनल पार्क गए और थेप्पाकडु एलिफेंट कैंप का भी दौरा किया। यहां उन्होंने एक हाथी को गन्ना खिलाया और उसे सहलाया।
मोदी बांदीपुर में वे ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के 50 साल पूरे होने पर एक मेगा इवेंट में बाघों से जुड़े लेटेस्ट आंकड़े जारी करेंगे। अमृत काल के दौरान बाघों को बचाने के लिए सरकार के विजन और इंटरनेशनल बिग कैट्स एलायंस (IBCA) भी लॉन्च करेंगे। इस मौके पर स्मारक से जुड़ा एक सिक्का भी जारी किया जाएगा। बता दें कि, IBCA दुनिया की सात बिग कैट्स को बचाने और उनके संरक्षण का काम करेगा। इसके लिए उन देशों की मदद ली जाएगी जहां इस तरह की प्रजातियां पाई जाती हैं।
PM मोदी चामराजनगर जिले में स्थित बांदीपुर टाइगर रिजर्व का दौरा करेंगे। जहां वे सुबह के समय टाइगर्स के कंजर्वेशन के लिए काम कर रहे फ्रंटलाइन फील्ड स्टाफ और स्वयं सहायता समूहों (SHG) के साथ बातचीत करेंगे। मोदी टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर्स से भी मिलेंगे।
इसके बाद प्रधानमंत्री मुदुमलाई नेशनल पार्क में बने थेप्पाकडू हाथी शिविर का भी दौरा करेंगे और महावतों और ‘कावड़ियों’ से बातचीत करेंगे। इसी जगह पर ऑस्कर जीतने वाली डॉक्यूमेंट्री ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ की शूटिंग हुई है।
देश में 2014 के बाद से सातों जीवों की बढ़ी आबादी
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM NARENDRA MODI) ने जुलाई 2019 में विश्व नेताओं से इस पहल का आह्वान किया था, ताकि एशिया में इन जीवों के अवैध शिकार और व्यापार को रोका जा सके। बता दें कि देश में 2014 के बाद से इन सातों जीवों की आबादी बढ़ी है। इनमें बाघों की आबादी 33 प्रतिशत बढ़कर 2018 में 2,967 पर पहुंच गई, जबकि 2014 में यह 2,226 थी। बाघों की अंतिम गणना 2018 में हुई थी।
प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM NARENDRA MODI) आज 2022 की जनगणना के आधार पर बाघों की आबादी का नवीनतम आंकड़ा जारी करेंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज बांदीपुर टाइगर रिजर्व में संरक्षण के प्रयासों में शामिल फ्रंटलाइन फील्ड स्टाफ और स्वयं सहायता समूहों के साथ बातचीत करेंगे।
गुजरात में शेरों की आबादी में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई
बता दें कि मजबूत संरक्षण प्रबंधन और मजबूत सुरक्षा के परिणामस्वरूप गुजरात में शेरों की आबादी में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह 2015 में 523 से बढ़कर 2020 में 674 पर पहुंच गई। तेंदुओं की आबादी 2014 के 7,910 से 63 प्रतिशत बढ़कर 2018 में 12,852 हो गई। पिछले साल सरकार नामीबिया से देश में चीते लेकर आई थी। इनमें से एक चीते ने चार शावकों को जन्म दिया, जिससे वे 1952 के बाद से भारतीय धरती पर पैदा होने वाले पहले चीते बन गए।