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राजधानी रायपुर में जनजाति समाज डीलिस्टिंग की मांग को लेकर सड़क पर उत्तरे

रायपुर . आदिवासी समुदाय के लोग रायपुर के वीआईपी रोड स्थित राम मंदिर के बाहर एकत्र हुए. पारंपरिक नाच, वाद्य यंत्रों और तीर कमान लेकर रायपुर पहुंचे. इन आदिवासियों की एक ही मांग है-धर्म बदल चुके आदिवासियों को आरक्षण देना बंद हो. इसको अनुसूचित जनजाति वर्ग कैटेगरी से बाहर किया जाए. आदिवासियों ने हाथों में तख्तियां के साथ इस पर लिखा लिखा था- डीलिस्टिंग कानून लागू करना होगा. "जो नहीं भोलेनाथ का, वह नहीं हमारी जात का"


जनजाति सुरक्षा मंच द्वारा आयोजित इस डीलिस्टिंग महारैली में जनजाति सुरक्षा मंच के द्वारा मांग है कि जिस प्रकार से आर्टिकल 341 में शेड्यूल कास्ट को परिभाषित किया गया कि दूसरे धर्म अपनाए जाने पर उसे एस.सी. कैटेगरी से बाहर करने का प्रावधान है. वही आर्टिकल 342 में अनुसूचित जनजाति को परिभाषित किया गया है | दूसरा धर्म अपनाने पर एसटी कैटेगरी से बाहर करने का प्रावधान नहीं है.

जनजाति सुरक्षा मंच बदलाव चाहता है

इस महारैली में महासमुंद जिला के जनजाति समाज से भी सौकड़ो सगा जन,अपने निजी वाहनों से इस महारैली साक्षी बनने के लिए उपस्थित हुए थे .जनजाति सुरक्षा मंच के संयोजक चंद्रशेखर नाग, सहसंयोजक चेतन ठाकुर, चंद्रशेखर ध्रुव ने बताया कि पिछले वर्ष मई माह में जिला स्तरीय डीलिस्टिंग कार्यक्रम को जिस प्रकार से सगा जनों का सहयोग मिला था. ठीक उसी प्रकार प्रांत स्तरीय महारैली में महासमुंद जिले के सगा जनों ने बढ़ चढ़कर भाग लिए.

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