प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि देश में पर्यटन क्षेत्र को नई ऊंचाई देने के लिए दीर्घकालिक योजना बनाने पर विचार करने की आवश्यकता है। भारत की पर्यटन संभावना को बढावा देने पर बजट उपरान्त वेबिनार को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत के पर्यटन क्षेत्र को तटीय, मैनग्रोव, हिमालयी, एडवेंचर, वन्य जीवन, पारिस्थितकीय, विरासत और आध्यात्मिक पर्यटन के रूप में बढावा दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के केन्द्रीय बजट में पर्यटन क्षेत्र को समग्र रूप से बढावा देने का प्रावधान किया गया है।
भारत के सामाजिक और सांस्कृतिक सभ्यता का पर्यटन सदा ही एक हिस्सा रहा है। श्री मोदी ने कहा कि अगर हमारे देश में सुविधाएं बढाई जाएंगी, तो पर्यटकों की संख्या बढेगी। उन्होंने कहा कि यात्रा की सुगमता बढेगी, तो पर्यटक आकर्षित होंगे। वाराणसी के काशी विश्वनाथ धाम और केदारनाथ धाम इसके जीवन्त उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नागरिक सुविधाएं, डिजिटल सम्पर्क, स्वच्छता और बेहतर अवसंरचना पर्यटन को बढावा देने में सहायक होंगे। उन्होंने कहा कि पर्यटकों की बढती संख्या से रोजगार के अवसर बढेंगे।
श्री मोदी ने कहा कि भारत विदेशी पर्यटकों के अभूतपूर्व आगमन का साक्षी बन रहा है। उन्होंने कहा कि बेहतर योजना से इस अवसर का लाभ उठाने की आवश्यकता है। श्री मोदी ने कहा कि और अधिक विदेशी यात्रियों के आगमन को बढावा देने के लिए एक कार्यनीति बनाने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यटन सामग्री की रूपरेखा तैयार करने में सभी भाषाओं का प्रयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने पर्यटन एप्लीकेशन और डिजिटल सम्पर्क को और अधिक आधुनिक बनाने की बात कही। श्री मोदी ने कहा कि यह संयुक्त राष्ट्र की सभी भाषाओं और भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होना चाहिए।