धारवाड़: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को यहां श्री सिद्धारूढ़ स्वामीजी हुबली स्टेशन पर “दुनिया का सबसे लंबा रेलवे प्लेटफॉर्म” राष्ट्र को समर्पित किया. अधिकारियों ने कहा कि इस रिकॉर्ड को हाल ही में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा मान्यता दी गई है. 1,507 मीटर लंबा प्लेटफॉर्म लगभग 20 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है. वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को धारवाड़ में स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के करीब 850 करोड़ रुपए की लागत से विकसित स्थाई परिसर का उद्घाटन किया. आईआईटी परिसर की आधारशिला भी प्रधानमंत्री मोदी ने ही फरवरी 2019 में रखी थी.
मोदी ने यहां एक कार्यक्रम में क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए होसापेटे-हुबली-तीनाईघाट खंड के विद्युतीकरण और होसपेटे स्टेशन के उन्नयन को भी समर्पित किया. 530 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से विकसित, विद्युतीकरण परियोजना विद्युत कर्षण पर निर्बाध ट्रेन संचालन स्थापित करती है.
हुबली-धारवाड़ स्मार्ट सिटी की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन
पुनर्विकसित होसपेटे स्टेशन यात्रियों को सुविधाजनक और आधुनिक सुविधाएं प्रदान करेगा. इसे हम्पी स्मारकों के समान डिजाइन किया गया है. पीएम ने हुबली-धारवाड़ स्मार्ट सिटी की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया. इन परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत लगभग 520 करोड़ रुपए है.
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तुप्पारीहल्ला बाढ़ क्षति नियंत्रण परियोजना की आधारशिला भी रखी
अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने तुप्पारीहल्ला बाढ़ क्षति नियंत्रण परियोजना की आधारशिला भी रखी, जिसे लगभग 150 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा. परियोजना का उद्देश्य बाढ़ से होने वाले नुकसान को कम करना है और इसमें दीवारों और तटबंधों को बनाए रखने का निर्माण शामिल है.
PM मोदी ने 850 करोड़ रुपए से विकसित IIT धारवाड़ के स्थाई परिसर का उद्घाटन किया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को धारवाड़ में स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के स्थाई परिसर का उद्घाटन किया. आईआईटी परिसर की आधारशिला भी प्रधानमंत्री मोदी ने ही फरवरी 2019 में रखी थी.करीब 850 करोड़ रुपए की लागत से विकसित इस परिसर में आईआईटी वर्तमान में बीटेक के चार पाठ्यक्रम, पांच साल का इंटर-डिसिप्लिनरी बीएस-एमएस पाठ्यक्रम, एमटेक और पीएचडी कराता है. आईआईटी धारवाड़ भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा आईआईटी बंबई के मार्गदर्शन में 2016 में स्थापित राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है.
आईआईटी धारवाड़ में जुलाई 2016 में उसके ट्रांजिट परिसर में शुरू हो गया था
आईआईटी धारवाड़ में पठन-पाठन का काम जुलाई 2016 में उसके ट्रांजिट परिसर में शुरू हो गया था. यह परिसर कर्नाटक उच्च न्यायालय के धारवाड़ पीठ परिसर के पास स्थित जल एवं भू प्रबंधन संस्थान (डब्ल्यूएएलएमआई) के परिसर में चल रहा था.
470 एकड़ भूमि पर आईआईटी धारवाड़ का नया स्थाई परिसर बना है
आईआईटी धारवाड़ का क्रमिक रूप से विकास हुआ है और फिलहाल संस्थान में 856 छात्र, 400 से ज्यादा शोध प्रकाशित करा चुके 73 संकाय सदस्य (शिक्षक), 30 करोड़ रुपये की प्रायोजित आर-एंड-डी परियोजनाएं हैं. अधिकारियों ने बताया कि कर्नाटक सरकार द्वारा अवंटित 470 एकड़ भूमि पर आईआईटी धारवाड़ का नया स्थाई परिसर बना है.