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PM मोदी ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर बजट उपरांत वेबिनार को संबोधित किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सवेरे महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर बजट उपरांत वेबिनार के आरंभिक सत्र को संबोधित किया । वेबिनार का उद्देश्य महिलाओं के स्वामित्व और महिलाओँ द्वारा संचालित व्यापारिक उद्यमों को प्रोत्साहन देना है। केंद्र की 2023-24 की बजट घोषणाओं को लागू करने में यह वेबिनार सहायक होगा।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि देश महिलाओं के नेतृत्व में विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है। श्री मोदी ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में देश में महिला सशक्तिकरण पर निरंतर ध्यान दिया गया है। श्री मोदी ने आज महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर बजट उपरांत वेबिनार को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति देश की प्रगति की गति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है और अब महिलाएं कई क्षेत्रों में काफी आगे निकल चुकी है। प्रधानमंत्री ने महिलाओं के लिए इस वर्ष के बजट में सरकार की घोषणाओं के बारे में बातचीत की। उन्होंने कहा कि इस साल का बजट महिलाओं के नेतृत्व में विकास की दिशा में किए गए प्रयासों को और प्रोत्साहन देगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 80 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। श्री मोदी ने कहा कि अभी तक योजना के अन्तर्गत तीन करोड़ घर बनाए जा चुके हैं और ज्यादातर घर महिलाओं के नाम हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ने महिलाओं को घर के आर्थिक फैसलों में एक नई आवाज दी है। उन्होंने कहा कि महिला सम्मान बचत प्रमाण पत्र योजना के अन्तर्गत महिलाओं को साढ़े सात प्रतिशत ब्याज मिलेगा। उन्होंने महिलाओं के कौशल विकास की आवश्यकता पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्वकर्मा योजना इस दिशा में एक प्रमुख भूमिका निभाएगी और महिला सशक्तिकरण के लिए इसके अवसरों का लाभ उठाने की आवश्यकता है।



स्वयं सहायता समूहों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी पर प्रकाश डालते हुए श्री मोदी ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में सात करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि इन वर्षों में महिला स्वयं सहायता समूहों ने छह लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऋण प्राप्त किया है। प्रधानमंत्री ने श्री अन्न यानि मोटा अनाज के प्रचार में महिला स्वयं सहायता समूहों की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि श्री अन्न के पारंपरिक अनुभव वाली एक करोड़ से अधिक आदिवासी महिलाएं इन स्वयं सहायता समूहों का हिस्सा हैं। सहकारी क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका के बारे में भी श्री मोदी ने बात की। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में दो लाख से अधिक बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों, डेयरी सहकारी समितियों और मत्स्य सहकारी समितियों का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है और महिला किसान इस पहल में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति सम्मान का स्तर बढ़ाकर और समानता की भावना लाकर ही भारत आगे बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि जब महिलाएं सशस्त्र बलों में शामिल होती हैं और रफाल युद्धक विमान उड़ाती हैं तो इससे उनके बारे में लोगों की मानसिकता में बदलाव आता है। उन्होंने नागालैंड में दो महिला विधायकों के निर्वाचित होने पर प्रसन्नता व्यक्त की। श्री मोदी ने 8 मार्च को महिला दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिखे लेख का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति ने महिला सशक्तिकरण पर एक बहुत भावुक लेख लिखा है और सभी को उस भावना को समझना चाहिए। उन्होंने लोगों से लड़कियों और महिलाओं के रास्ते में आने वाली हर कठिनाई को दूर करने के संकल्प के साथ आगे बढ़ने का आग्रह किया।


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