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Cyber Fraud News: साइबर ठगों ने रायपुर में एक साल में उड़ाए चार करोड़

रायपुर। छत्तीसगढ़ में पहली बार रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर पुलिस संभागों (रेंज) में साइबर क्राइम के इन्वेस्टिगेशन को अलग करते हुए सरकार ने अलग साइबर डीएसपी पोस्ट करने का फैसला लिया है। तीनों जगह नया पद क्रिएट किया जा रहा है। साइबर डीएसपी सीधे रेंज के आईजी को रिपोर्ट करेंगे। आईजी ही पूरी रेंज में होने वाले साइबर क्राइम की इन्वेस्टिगेशन की मॉनीटरिंग करेंगे। यह पोस्टिंग वैसी ही होगी, जैसी सरकार ने पांच रेंज में केवल चिटफंड मामलों की जांच के लिए डीएसपी बैठाए थे। सीएम भूपेश बघेल ने बजट में सभी 5 रेंज में साइबर थाने खोलने की घोषणा की थी, उसके अनुसार सिस्टम तैयार कर लिया गया है।


अफसरों के मुताबिक साइबर थाने को एफआईआर से लेकर जांच और गिरफ्तारी का अधिकार होगा। इंस्पेक्टर ही थाने का प्रभारी होगा। हर थाने में दो से ज्यादा टीआई समेत 24 का स्टाफ रहेगा। इसमें सीनियर इंस्पेक्टर के साथ दो जूनियर इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, हवलदार और सिपाही रहेंगे। थाने का सेटअप बना लिया गया है। राज्य का अभी एक मात्र साइबर थाना नवा रायपुर स्थित पुलिस मुख्यालय में है। वहां साइबर लैब भी है। जहां तकनीकी जांच की जाती है।

कर्ज देने का झांसा देकर भिलाई स्टील प्लांट के लाइजनिंग अफसर महफूज अंसारी से 26 लाख की ऑनलाइन ठगी हो गई। ठगों ने कर्ज देने का झांसा देकर अलग-अलग किश्त में पैसा लिया, लेकिन रकम नहीं दी। पुलिस में शिकायत के बाद भी कुछ नहीं हुआ। रायपुर में रोज औसतन तीन-चार लोग ऑनलाइन ठगी के शिकार हो रहे हैं। पिछले एक साल में 4 हजार लोगों से 4 करोड़ से ज्यादा की ठगी हो चुकी है। चार करोड़ में पुलिस केवल 90 लाख ही लौटा सकी है।

ऑनलाइन ठगी को रोकने और जालसाजों को पकड़ने के लिए हाईटेक सेटअप नहीं है। इस वजह से पुलिस ज्यादातर मामलों में केस भी दर्ज नहीं कर रही है। रायपुर पुलिस ने एक साल में केवल 105 घटनाओं में केस दर्ज किया है। जबकि साइबर सेल के पास पिछले साल 1935 लोगों ने ऑनलाइन ठगी की शिकायत की है। क्राइम पोर्टल के माध्यम से 2163 लोगों ने शिकायत की है।

दरअसल सभी जिलों में साइबर क्राइम की जांच के लिए साइबर सेल बनाया गया है, जो एसपी के सुपरविजन में काम कर रहा है। रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर में इसका अलग से सेटअप भी है। लेकिन साइबर क्राइम में कमी नहीं आई है। हालांकि नए सेटअप में इसीलिए साइबर सेल भी काम करता रहेगा, क्योंकि ऑनलाइन फ्राॅड बेतहाशा बढ़ चुके हैं।

ठगी के शिकार लोगों को मिलेगी मदद

“साइबर थाना के सेटअप के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। पद की स्वीकृति मिलने के बाद थाना खोल दिया जाएगा। इससे ठगी के शिकार लोगों को सीधा फायदा होगा। साइबर संबंधित घटनाओं पर फोकस होकर जांच की जाएगी।”

-प्रदीप गुप्ता, एडीजी तकनीकी सेवा


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