नई दिल्ली। हिंडनबर्ग-अडानी विवाद को लेकर विपक्ष लगातार BJP के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को निशाना बनाया जा रहा रहा है। इस मामले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर निशाना साधा है और पहली बार हिंडनबर्ग-अडानी विवाद पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इस विवाद पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया, क्योंकि मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। अमित शाह ने कहा कि इस मामले पर अभी टिप्पणी करना उनके लिए उचित नहीं होगा, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया है। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए छिपाने या डरने के लिए कुछ भी नहीं है।
अमित शाह ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग-अडानी विवाद मामले का संज्ञान लिया है। अगर मामला सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में है तो एक मंत्री के रूप में मेरे लिए किसी तरह की टिप्पणी करना सही नहीं है। लेकिन, इसमें बीजेपी के लिए छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और डरने की कोई बात नहीं है।
हिंडनबर्ग-अडानी विवाद राजनीतिक रूप ले चुका
आपको बता दें कि हिंडनबर्ग-अडानी विवाद कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों द्वारा सरकार के खिलाफ पक्षपात के आरोप लगाने के साथ एक बड़े राजनीतिक विवाद में बदल गया है। विपक्षी पार्टियों ने संसद के बजट सत्र के दौरान संयुक्त संसदीय समिति की जांच की मांग करते हुए इस मुद्दे को उठाया। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा है. उन्होंने अडानी समूह में एलआईसी और कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निवेश पर सवाल उठाए हैं। हालांकि, सरकार ने सार्वजनिक उपक्रमों और नियामक निकायों के आरोपों को खारिज कर दिया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "अगर मोदी जी के समय में जी-20 का नेतृत्व भारत को मिला है और जी-20 यशस्वी तरीके से संपन्न होता है तो इसका यश मोदी जी को मिलना ही चाहिए। क्यों न मिले? अगर प्रोडक्ट अच्छा है तो उसे गाजे बाजे के साथ मार्केट करना ही चाहिए. पीएम मोदी का काम देश और दुनिया के सामने गौरव के साथ रखा जाना चाहिए। ये पूरे भारत का गौरव है."