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महासमुंद : अंतिम दिन रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम ख़ुशबू बिखरी

महासमुंद। सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल सिरपुर में माघ पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय सिरपुर महोत्सव का आज मंगलवार रंगारंग कार्यक्रम के साथ  मुख्य अतिथि संसदीय सचिव व विधायक  विनोद चंद्राकर ने किया। कलेक्टर  निलेश कुमार क्षीरसागर ने सरकार अतिथि का पुष्पगुच्छ के साथ स्वागत किया। मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज़िला पंचायत एस.आलोक ने आए अतिथियों का स्वागत किया। 


सिरपुर महोत्सव का पौराणिक महत्व : विनोद चंद्राकर 

संसदीय सचिव विनोद चंद्राकर ने मुख्य अतिथि के आसंदी से संबोधित करते हुए कहा कि मांघी पूर्णिमा को आयोजित सिरपुर समारोह को मिनी कुंभ के नाम से जाना जाता है। कुंभ के मेला का पौराणिक महत्त्व के साथ ही साथ वैज्ञानिक कारण भी है। सिरपुर महोत्सव माघ पूर्णिमा के अवसर पर वर्षो से मनाया जा रहा है। सिरपुर के विकास के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सिरपुर को विकसित करने के लिए  करोड़ों रुपए का प्रोजेक्ट बनाया है। सिरपुर को देखने, जानने के लिए देश विदेशों के नागरिक लगातार यहां पहुंचते है। श्रीपुर बौद्ध धर्म के साथ साथ अन्य  प्रमुख धर्मों का केंद्र रहा है। छतीसगढ़ में राम भगवान का ननिहाल है इस कारण यहां के लोग भांजा को भी भगवान की तरह पूजते है। राज्य शासन द्वारा राम वन गमन पर्यटन परिपथ बनाया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा सभी वर्गो के हितों के लिए कार्य किया जा रहा है। चंद्राकर ने कलाकारों को पुरस्कृत किया। कलेक्टर ने स्वागत भाषण दिया और महोत्सव की जानकारी दी।॥

पूरना श्री राउत द्वारा ओडिसी नृत्य ने की बेहतरीन प्रस्तुति

सिरपुर महोत्सव के समापन अवसर पर बाल कृष्ण राउत नाचा पिरदा विकासखण्ड महासमुन्द द्वारा राउत नाचा, जय गौरी गौरा सुआ दल छपोराडीह सुवा नृत्य, कौशिल्याबाई निर्मलकर खुर्शीपार सुरता कला मंच, खुर्सीपार देवरी द्वारा भरथरी गीत की प्रस्तुति दी गई। पूरना श्री राउत द्वारा ओडिसी नृत्य एकल नृत्य की ख़ास प्रस्तुति रही। ईशिता विश्वकर्मा एवं टीम मुंबई हालीवुड कलाकार ने ज़ोरदार रंग जमाया। कार्यक्रम में स्काउट गाइड के जिलाध्यक्ष  दाऊलाल चन्द्राकर,  अरूण अमर चंद्राकर,जनपद सदस्य जनप्रतिनिधि संगठन पदाधिकारी डॉ. रश्मि चन्द्राकर उपस्थित थे।

सिरपुर महोत्सव का संसदीय सचिव ने किया समापन 

उन्होंने कहा कि महोत्सव संस्कृति और परम्पराओं का हिस्सा है। लोगों उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि यहां के लोग पुरानी परम्पराओं को बनाये रखने और उसे संरक्षण दे रहे हैं। लोगों ख़ासकर युवा पीढ़ी को यहाँ की बौद्ध विरासत तथा लोककला एवं संस्कृति को जानने का अवसर मिलता है। दूर-दूर से लोग यहां आकर अपनी कलाओं का प्रदर्शन करते हैं और इस महोत्सव में व्यापारी जरूरत के सामग्रियों का क्रय भी करते है। विश्व पर्यटन के फलक पर सिरपुर पर्यटकों की पहली पसंद बन रही है। उन्होंने कहा कि महोत्सव आयोजन का उद्देश्य विभिन्न संस्कृतियों एवं अपनी परम्पराओं को सहेजने के साथ युवाओं को अवगत कराना और समझाना भी है। उन्होंने सरकारी उपलब्धियाँ बतायी।

संसदीय सचिव एवं विधायक विनोद चंद्राकर कहा कि ऐसे आयोजनों से क्षेत्रीय लोककला और संस्कृति जनता को देखने मिलती है और आज के युवाओं को संस्कृति के बारे में जानने और उनसे जुड़ने का अवसर मिलता है। आधुनिकता के दौर में अपनी पुरानी संस्कृति को बनाये रखना हम सब की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि मेले आयोजकों ने बच्चों के मनोरंजन का भी ध्यान रखा है। यहाँ विभिन्न प्रकार के खेल के अलावा झूले भी लगे हैं, जिसका वे आनंद ले रहे हैं।

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