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महोत्सव में पुरातत्व नगरी सिरपुर पर विचार संगोष्ठी

महासमुंद। तीन दिवसीय सिरपुर महोत्सव के अंतिम दिन आज मंगलवार को पुरातत्व नगरी सिरपुर एक विचार विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी आयोजित की गयी। अतिथि वक्ता वरिष्ठ इतिहासकार रायपुर प्रो.डॉ. एस.एल.निगम, डॉ. रमेंद्रनाथ मिश्र और ग्राम सिरपुर निवासी प्रधान पाठक आदित्य सिंह ठाकुर ने विषय पर विचार रखें।

 छत्तीसगढ़ इतिहासकारों ने विचार व्यक्त करते हुए पुरातात्विक चीजों को सहेज कर रखने कहा

सभी ने संगोष्ठी में उपस्थित स्कूली बच्चों की सिरपुर और उससे जुड़ी इतिहास की जिज्ञासा और प्रश्नों का समाधान किया। इतिहासकारों ने सिरपुर के वैभवशाली इतिहास के बारे विचार व्यक्त किए। अतिथियों के स्वागत के बाद सिरपुर क्षेत्र का पावर पॉइंट प्रदर्शन के ज़रिए बताया गया। संगोष्ठी का आयोजन सिरपुर की कांवरिया शेड मेला मैदान में किया गया। संगोष्ठी में स् इतिहास में रुचि रखने वाले स्कूल, कॉलेज सहित ज़िला नवकिरण कोचिंग में प्रतियोही परीक्षा की तैयारी कर रहे प्रतिभागी उपस्थित थे।

पुरातत्वविद डॉ.एल.एस. निगम ने कहा कि हम लगातार प्रयत्न कर रहे है की हमारे सारी पुरातात्विक चीजों को सहेज कर रखा जा सके। सिरपुर के मन्दिर को प्रशासन ने बचा कर रखा। सभी को ये ध्यान रखना चाहिए की गंदगी न करे। और जो जानकारियां है उसे अर्जित करने की कोशिश करे। बुक्स लिखी हुई है उसे पढ़ना चाहिए प्रशासन कोशिश कर रहीं हैं। लोगो को भी स्वयं इस तरफ ध्यान देना चाहिए और  प्रयत्न करने चाहिए।

इतिहासकार डॉक्टर रमेंद्रनाथ मिश्र ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पूर्व में  दक्षिण कौशल  में  जो भी स्थापनाएं हुई और उनकी हेरिटेज पर्यटन के लिए प्रसिद्ध है। सिरपुर के माटी माटी में भगवान निवास करते है। आरंग में ताम्र पत्र मिला सिरपुर में ताम्र पात्र मिला जिसे हमने शासन की मदद से हमने सहेज कर रखा है। मैं संघर्ष कर रहा हूं कि हमे हमारी संपत्ति मिले  किताबो की ओरिजनल चीज देनी चाहिए जो फिलहाल हमारे पास कॉपी उपलब्ध है। जन जागरण में युवा की जिम्मेदारी है विकास के लिए कार्य करे ताकि हम अपनी संस्कृति और पर्यटन क्षेत्रों को बचा पाए। दुर्भाग्य है की अरबों की संपत्ति है फिर भी हम उसे नहीं इस्तेमाल कर पाए। हमे खुद जिम्मेदार होना होगा जो भी पर्यटन स्थान है वहा पर गंदगी नहीं फैलानी चाहिए।

वक्ता आदित्य सिंह ठाकुर ने विचार में बताया कि छत्तीसगढ़ में कई ऐतिहासिक धरोहर है।उनमें सिरपुर सबसे प्राचीन व विश्व प्रसिद्ध है। कुछ जगहें तो ऐसी हैं जिनकी सुंदरता देखकर आप हैरान रह जाएंगे। वो सुंदरता कुदरती हो सकती है या ऐतहासिक। छत्तीसगढ़ में अनगिनत ऐतहासिक जगहें हैं। सिरपुर छत्तीसगढ़ की उन ऐतहासिक जगहों में से एक है जिसके बारे में कम लोगों को ही पता है। अभी भी  इस शानदार जगह में कई  अनछुए पहलू है। प्राचीन काल में यहाँ घने जंगल थे। महानदी के इस तट पर मिट्टी के बड़े-बड़े टीले थे। जिनके नीचे दबे  लक्ष्मण मंदिर,बौद्ध प्रतिमाएँ आदि प्राचीन मूर्तियाँ मिली।

संगोष्ठी समाप्ति के बाद अतिथियों और स्कूल,कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने सिरपुर के ऐतिहासिक स्थल का अवलोकन किया। कलेक्टर निलेश कुमार क्षीरसागर ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए। आभार व्यक्त अपर कलेक्टर दुर्गेश कुमार वर्मा ने किया।

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