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मरीजों और उनके परिजनों से रखें संवेदनशील व्यवहार : टी.एस. सिंहदेव

रायपुर। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने आज वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों तथा प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के डीन व अस्पताल अधीक्षक के साथ दिनभर मैराथन बैठक कर मेडिकल कॉलेजों में अध्ययन-अध्यापन एवं इलाज की व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने बैठक में मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञों, डॉक्टरों और अन्य स्टॉफ को मरीजों एवं उनके परिजनों के साथ संवेदनशील व्यवहार रखने के निर्देश दिए।

उन्होंने मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध सभी अस्पतालों में सभी तरह की दवाईयां पर्याप्त मात्रा में रखने कहा ताकि किसी भी मरीज को बाहर से दवा न खरीदना पड़े। उन्होंने मेडिकल कॉलेजों के कार्यों और व्यवस्थाओं की समीक्षा बैठक हर माह आयोजित करने के निर्देश दिए। चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव प्रसन्ना आर., संचालक डॉ. विष्णु दत्त और सीजीएमएससी के प्रबंध संचालक चंद्रकांत वर्मा भी समीक्षा बैठक में मौजूद थे।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री सिंहदेव ने आज रायपुर के सिविल लाइन स्थित नवीन विश्राम भवन में हुई बैठक में मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में आईपीडी उपचार की राशि डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत क्लेम करने के मामलों में तेजी लाने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि नौ मेडिकल कॉलेजों द्वारा एक लाख 95 हजार 070 आईपीडी इलाज के मामलों में से एक लाख 18 हजार 832 प्रकरणों में क्लेम प्राप्त करने की कार्यवाही की गई है। सिंहदेव ने इसमें आ रही दिक्कतों को दूर करने अस्पताल स्टॉफ के समुचित प्रशिक्षण के निर्देश दिए। बैठक में सभी मेडिकल कॉलेजों द्वारा सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक ओपीडी संचालित करने की सहमति दी गई। इलाज के लिए सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक पंजीयन कराया जा सकेगा।

सिंहदेव ने सभी मेडिकल कॉलेजों के छात्रावासों में छात्रों के लिए सुविधाएं बढ़ाने और व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने को कहा। उन्होंने कांकेर, महासमुंद और कोरबा के नए कॉलेजों में भी यूजी (Under Graduate) विद्यार्थियों के साथ ही पीजी (Post Graduate) छात्रों के लिए भी छात्रावास निर्माण की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने नए कॉलेजों के भवन निर्माण के लिए निविदा की प्रक्रिया जल्दी पूरी कर तत्काल काम शुरू करने को कहा। चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने बैठक में सभी मेडिकल कॉलेजों की वित्तीय, मानव संसाधन और उपकरणों की जरूरत के बारे में भी जानकारी ली।

बैठक में मेडिकल कॉलेजों में ड्यूटी के समय डॉक्टरों की मौजूदगी, दवाईयों की उपलब्धता, सामान्य और सिजेरियन प्रसवों की संख्या, जननी सुरक्षा योजना के क्रियान्वयन, डायलिसिस सुविधा, सीजीएमएससी द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्यों, सिकलसेल प्रबंधन केंद्र के कार्यों, एम्बुलेंस और मुक्तांजलि शव वाहनों की उपलब्धता, पदोन्नति, अनुकंपा नियुक्ति, पेंशन प्रकरणों और मेडिकल कॉलेजों व संबद्ध अस्पतालों से संबंधित न्यायालयीन प्रकरणों की समीक्षा की गई। अस्पतालों में भर्ती मरीजों की डाइट, सुरक्षा और साफ-सफाई के इंतजामों की भी समीक्षा बैठक में की गई।     

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