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कोयला घोटाला : अति आवश्यक होने पर ही आरोपियों को कोर्ट लाने के निर्देश

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रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय-ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग और कोयला घोटाला मामले में निलंबित आईएएस समीर बिश्नोई, मुख्यमंत्री सचिवालय की उपसचिव सौम्या चौरसिया, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवारी और सुनील अग्रवाल को आज अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की विशेष अदालत में पेश किया गया। सुनवाई के बाद अदालत ने समीर बिश्नोई, सूर्यकांत तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवारी और सुनील अग्रवाल को तेरह दिसंबर तक के लिए न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। वहीं, सौम्या चौरसिया की ईडी रिमांड  अवधि चार दिन के लिए और बढ़ा दी गई है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगली बार सभी आरोपियों की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी। 



अदालत ने अति आवश्यक होने पर ही आरोपियों को कोर्ट लाने के निर्देश दिए हैं। इस बीच, ईडी ने इस मामले में सभी आरोपियों की एक सौ बावन करोड़ रूपये से अधिक की चल-अचल संपत्ति अटैच कर ली है। यह कार्रवाई पच्चीस रूपये प्रति टन कोयले पर उगाही मामले में की गई है। इनमें सूर्यकांत तिवारी की पैंसठ संपत्तियां, सौम्या चौरसिया की इक्कीस, समीर बिश्नोई की पांच और शेष संपत्तियां सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी से जुड़ी हुई है। कुर्क की गई चल-अचल संपत्ति में नकदी, आभूषण, फ्लैट, कोयला वाशरी और छत्तीसगढ़ में स्थित भूखंड शामिल हैं। ईडी ने विशेष अदालत में आरोपियों के खिलाफ करीब आठ हजार पन्ने का चालान पेश किया है। इसमें बड़ी संख्या में जमीनों के खरीद-फरोख्त के अभिलेख शामिल हैं।

ऽ उल्लेखनीय है कि ईडी ने कोरबा और रायगढ़ के डीसी कार्यालयों में खनन विभागों सहित पचहत्तर से अधिक स्थानों पर तलाशी ली और अनेक साक्ष्य एकत्र किए हैं। ईडी की जांच में सामने आया है कि पिछले दो साल में कम से कम पांच सौ चालीस करोड़ रुपये की उगाही की गई है। दागी संपत्तियों के और हस्तांतरण को रोकने के लिए अनंतिम कुर्की आदेश जारी किया गया है।

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