रायपुर। बाल संरक्षण आयोग द्वारा आज नवा रायपुर में पहली त्रैमासिक समीक्षा बैठक सह-कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस बैठक में यूनिसेफ औरविधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बच्चों के हित संरक्षण के लिए नई पहल करते हुए पहली बार जिलो के किशोर न्याय बोर्ड, बाल कल्याण समितियों के अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और जिला बाल संरक्षण इकाई को एक मंच पर लाया गया। बैठक में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश और छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा के कार्यपालक अध्यक्ष गौतम भादुड़ी, छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष तेजकुंवर नेताम और यूनिसेफ के राज्य प्रमुख जॉब जकारिया उपस्थित थे।
इस
दौरान किशोर न्याय अधिनियम-दो हजार पन्द्रह तथा पॉक्सो एक्ट-दो हजार बारह और उनके
प्रावधानों के क्रियान्वयन तथा उन्हें लागू करने में आने वाली दिक्कतों पर चर्चा
की गई। चर्चा के दौरान लंबित मामलों के निराकरण के लिए आवश्यक सुझाव दिए गए। साथ
ही न्यायधीशों और अधिकारियों ने बच्चों के हितो के संरक्षण के लिए बजट के सीधे
प्रवाह, किशोर न्याय
बोर्ड में वीडियो कान्फ्रेंसिंग सुविधा, पुलिस द्वारा समय पर चालान प्रस्तुत करने और पीड़ित की पहचान उजागर न
करने जैसे कई सुझाव दिए गए। इसके अलावा सभी जिलों के किशोर न्याय बोर्ड में लंबित प्रकरणों की
समीक्षा की गई।