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Murder In Mahasamund : अंधे कत्ल की गुत्थी नहीं सुलझी, पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठ रही उंगली !

आनंदराम पत्रकारश्री.

महासमुन्द। जिले के गांधी ग्राम तमोरा में एक करोड़पति अधेड़ की हत्या हो गई। सरल, सहज और मिलनसार व्यक्तित्व के धनी रामकुमार नाम के अनुरूप ही गुणवान थे। रामकुमार दीवान की हत्या (अंधा कत्ल) की गुत्थी पुलिस करीब महीने भर में भी सुलझा नहीं पायी है। इससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर उंगली उठना स्वाभाविक है। इससे परिजन, ग्रामीण और आदिवासी समाज उद्वेलित हैं। जिन परिस्थितियों में हत्या हुई है, वह चौकाने वाला है। जनसामान्य का कहना है कि अपने माता पिता का इकलौता बेटा रामकुमार 30-40 एकड़ जमीन जायदाद का एकमात्र वारिश था।
मृतक:- रामकुमार दीवान, तमोरा

वह आयुर्वेद चिकित्सा विभाग में शासकीय सेवक था। लाखों रुपये बैंक बैलेंस भी है। हत्या की वजह जर-जोरू-जमीन में से किसी एक का होना माना जाता है। इस अंधे कत्ल की गुत्थी उलझ गई है। क्योंकि जोरू की उम्र 24 साल और मृतक पति का 55 साल, अर्थात 27 साल का उम्र में अंतर और 8 महीने की नवजात बच्ची अनेक अनसुलझी कड़ियां है। जिसे पुलिस जोड़ नहीं पा रही है।


कहा जाता है कि लहू बहुत कुछ कहता है , बस सुनने का माद्दा होना चाहिए। लोग शंका जाहिर करने लगे हैं कि कहीं ऐसा तो नहीं कि संवेदनशील पुलिस कप्तान भोजराम की मैदानी पुलिस अमले ने आरोपितों से अघोषित समझौता कर लिया है? वारदात के बाद मृतक के नौकर को खल्लारी थाना और उसकी पत्नी को महासमुन्द थाना में सप्ताह भर से अधिक समय तक रखकर गहन पूछताछ की जाती रही। कहा जाता है कि पुलिस मुर्दों से भी सच उगलवाने का माद्दा रखती है, तब संदेहियों की जुबां नहीं खोलवा पाना अथवा वास्तविकता से मुंह फेर लेने को पुलिस की संदिग्ध कार्यप्रणाली माना जा रहा है। 


यह है पुलिस का हत्यारोपित एफआईआर

" मैं सतीश पांडेय थाना खल्लारी में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ हूं। थाना खल्लारी के मर्ग क्र. 45/2022 धारा 174 जा.फौ. के मृतक रामकुमार दीवान पिता स्व. लिखन सिंग दीवान उम्र 55 साल साकिन तमोरा थाना खल्लारी जिला महासमुंद का मर्ग जांच किया । मर्ग जांच के दौरान  गवाह/पंचान घनश्याम दीवान पिता संतराम दीवान उम्र 27 वर्ष,  मानसिंग दीवान पिता आत्माराम दीवान उम्र 36 वर्ष, अवधराम साहू पिता बलीराम साहू उम्र 40 वर्ष साकिनान तमोरा, कुलेश्वर दीवान पिता निजाम सिंह दीवान उम्र 26 वर्ष साकिन डुमरपाली, चंद्रप्रकाश दीवान पिता जवाहर दीवान उम्र 24 वर्ष साकिन चौकबेडा थाना खल्लारी का कथन लिया गया।  दिनांक 25/09/22 को मध्य रात्रि में मृतक रामकुमार दीवान की पत्नी ने मोबाईल से सूचना दिया कि मृतक रामकुमार का तबियत खराब है, जाकर देखा तो मृतक रामकुमार दीवान अपने घर परछी बिस्तर में लहु लुहान हालत में पड़ा था । जिसके बांये गाल, बांये सीना, बांये हाथ की कलाई, बांये की हाथ भुजा, तथा बांये हाथ की हथेली के ऊपर किसी धारदार हथियार से मारने जैसा लम्बा गहरा चोट है । जिसे जिला अस्पताल महासमुंद में ईलाज वास्ते मृतक रामकुमार दीवान को लेकर गये। जो डाक्टर द्वारा चेक कर अज्ञात कारण से फौत होने पर शव पंचनामा कार्यवाही में उपस्थित पंचानो के शव निरीक्षण किया गया । पीएम कराया गया। पीएम रिपोर्ट में डाक्टर द्वारा मृतक के  बांये सीने के फेफडे, आंतरिक भागो में गंभीर चोट से  मौत होना एवं मौत का प्रकार हत्या होना लेख किये है। सम्पूर्ण मर्ग जांच में गवाह, पंचान राय एवं प्राप्त पीएम रिपोर्ट पर अपराध धारा 302 भादवि का घटित होना पाये जाने से अज्ञात आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।"

 यह है मर्ग इंटीमेशन : घटना समय में है अंतर


अकाल एवं आकस्मिक मृत्यु की सूचना पंजी(धारा 174 द.प्र.सं.) , थाना खल्लारी जिला महासमुंद(छ.ग.),  मर्ग क्रमांक 45/2022, मृत्यु का कारण- अज्ञात , मृतक का नाम व पता- रामकुमार दीवान पिता स्व. लिखन सिंग दीवान उम्र 55 वर्ष सा. तमोरा थाना खल्लारी जिला महासमुद, दिनांक, समय घटना 25/09/22 के 03/45 बजे रात्रि, घटनास्थल जिला अस्पताल महासमुंद. पुलिस को सूचना दिनांक, समय सूचना 25/09/22 के 12/30 बजे। सूचनाकर्ता का नाम निराकार पटेल पिता स्व. रामप्रसाद पटेल 43 वर्ष साकिन वार्ड ब्वाय जिला अस्पताल महासमुंद की ओर से प्र.आर.230 सतीश पाण्डेय थाना खल्लारी। घटना का समय रात एक से दो बजे के बीच की है। जिला अस्पताल में 3:45 बजे मृत घोषित किया गया है। इस तरह से पौने तीन घंटा का अंतराल बहुत कुछ बयां करता है। संदेह जाहिर किया जा रहा है कि अस्पताल पहुंचाने में जानबूझकर विलम्ब तो नहीं की गई है? जिला अस्पताल महासमुंद के डाक्टर मनप्रीत सिंग गुरूदत्ता द्वारा लिखित अस्पताली मेमो पेश किया है। इसके अनुसार सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला चिकित्सालय महासमुंद (छ.ग.) से सूचित किया गया है कि रोगी को मृत अवस्था में लाया गया है। उसके शव को चिरघर में भिजवा दिया गया । 

यह हुआ था उस अंधेरी रात में....

गांव में नवरात्रि पर्व मनाने के लिए 24-25 सितम्बर की दरम्यानी राततमोरा गांव में रात्रि चौपाल रखी गई थी। रात में भोजन करके रामकुमार भी गांव की बैठक में गए थे। बैठक देर रात तक चली। बाद सभी अपने-अपने घर लौट गए। रात करीब एक बजे रामकुमार की पत्नी ने महासमुन्द के एक आयुर्वेद चिकित्सक को फोन कर बताई कि उनके पति की तबियत बिगड़ गई है। इसके बाद करीब डेढ़ घंटे ढाई बजे रात तक फोन से अपने रिश्तेदार और परिजनों को सूचना देने का सिलसिला जारी रहा। लेकिन, पड़ोसियों को जगाने की जहमत नहीं उठाई गई। घंटेभर बाद उसे एमएमआई रायपुर ले जाने की बात कहकर गांव से निकले थे। मृतक का अलग गाड़ी में और पत्नी का अलग कार में अस्पताल रवाना होना भी संदेहास्पद है। नौकर का आधी रात में स्कूटी लेकर अपने घर जाना भी कम संदेहास्पद नहीं है। क्योंकि, जब रामकुमार की हत्या हुई तब मौका-ए-वारदात पर दो लोगों की ही मौजूदगी रही है। वह हैं रामकुमार की पत्नी और उनका वफादार नौकर। तब सवाल यह उठ रहा है कि सीधे सरल स्वभाव के रामकुमार के साथ किसने बेवफाई की, और क्यों? यह जानने के लिए संदेहियों के नार्को टेस्ट की मांग जोर पकड़ रही है। इधर, समाज के होनहार साथी को खो चुके आदिवासी समाज ने हत्या का खुलासा नहीं होने पर उग्र आंदोलन करने का मूड बना लिया है। 


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