रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय-ईडी ने कोयला घोटाला मामले में छत्तीसगढ़ में छापे की कार्रवाई के बाद धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत करीब साढ़े चार करोड़ रूपये नगद और करीब दो करोड़ रूपये के आभूषण, बुलियन तथा अन्य बहुमूल्य संपत्ति जब्त की है। एक प्रेस विज्ञप्ति में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा बताया गया है कि छत्तीसगढ़ में कोयला परिवहन के दौरान प्रति टन पच्चीस रूपये अवैध रूप से वसूले जाने का मामला सामने आया है। इसमें कारोबारी, वरिष्ठ अधिकारी, राजनीतिक व्यक्ति और दलाल शामिल हैं। इस संबंध में आयकर विभाग ने एफआईआर भी दर्ज की है। ईडी की जांच में यह सामने आया है कि खनिज विभाग के संचालक द्वारा पंद्रह जुलाई वर्ष दो हजार बीस को जारी एक अधिसूचना के बाद कोयला परिवहन में अवैध उगाही काफी तेजी से बढ़ी।
इस अधिसूचना के जरिये पूर्व में प्रचलित कोयला परिवहन के लिए ई-परमिट की ऑनलाइन प्रक्रिया को बदला गया। ईडी के सर्वे में इस पूरी प्रक्रिया में अनेक अनियमितताएं सामने आई है। बिना हस्ताक्षर किए ही अनेक आदेश जारी कर दिए गए। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार ईडी की पूछताछ में गिरफ्तार किए गए एक आरोपी ने यह स्वीकार किया है कि उसके द्वारा रोजाना अवैध उगाही से प्राप्त एक से दो करोड़ रूपये का लेनदेन किया जाता था। ईडी के अनुसार इस घोटाले का मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी अभी फरार है। गौरतलब है कि ईडी ने इस मामले में आईएएस समीर बिश्नोई और दो कारोबारियों सुनील कुमार अग्रवाल, लक्ष्मीकांत तिवारी को गिरफ्तार किया है। जिन्हें रायपुर की विशेष अदालत ने इक्कीस अक्टूबर तक के लिए आठ दिनों की रिमांड पर ईडी को सौंपा गया है।