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15 हजार कमाने वाले को 26 करोड़ का टैक्स नोटिस, युवक हैरान

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 उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां 15 हजार रुपये मासिक वेतन पर नौकरी करने वाले एक युवक, राजेश कुमार, को आयकर विभाग की ओर से 26 करोड़ रुपये का नोटिस थमाया गया है। यह घटना तहसील शाहाबाद के पली थाना क्षेत्र के अतरजी गांव की है। नोटिस में दावा किया गया है कि राजेश कुमार के नाम पर हरियाणा और महाराष्ट्र (पुणे) में दो कंपनियाँ संचालित हो रही हैं, जिन पर यह भारी-भरकम टैक्स बकाया है।


दिल्ली में एक निजी कंपनी में काम करने वाले राजेश और उनके परिवार को इस नोटिस ने सकते में डाल दिया है। उनकी मासिक आय को देखते हुए यह राशि असंभव लगती है, और अब वह आयकर विभाग के चक्कर काटने को मजबूर हैं।

इस मामले ने पहचान की चोरी या डिजिटल धोखाधड़ी की संभावना को जन्म दिया है, जिसकी जांच अभी जारी है। यह घटना निम्न-आय वर्ग के लोगों के लिए प्रशासनिक त्रुटियों या धोखाधड़ी के गंभीर परिणामों को उजागर करती है।

राजेश का कहना है कि उसने न तो कभी कोई कंपनी शुरू की है और न ही करोड़ों का कोई वित्तीय लेनदेन किया है। उसका आरोप है कि किसी ने उसके आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल कर फर्जी कंपनियां उसके नाम से खोली हैं। उसने अधिकारियों से मामले की गंभीरता से जांच करने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

राजेश का यह भी मानना है कि जब वह अलग-अलग कंपनियों में काम करता था, तब उसके दस्तावेज जमा कराए गए थे और वहीं से उसका डाटा लीक हुआ हो सकता है। फिलहाल आयकर विभाग पूरे मामले की जांच में जुटा हुआ है और राजेश को उम्मीद है कि जल्द ही उसे इस झूठे और भारी टैक्स दायित्व से राहत मिलेगी।

Lok Sabha elections 2024 : आयकर विभाग ने चुनाव के दौरान 1100 करोड़ रुपये की नकदी और आभूषण जब्त किए, 182 प्रतिशत बढ़ोतरी

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 Lok Sabha elections 2024 : आयकर विभाग ने मौजूदा लोकसभा चुनाव के दौरान रिकॉर्ड 1100 करोड़ रुपये की नकदी और आभूषण जब्त किए हैं. सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है. 30 मई के अंत तक विभाग ने लगभग 1100 करोड़ रुपये की नकदी और आभूषण जब्त किए हैं, जो 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान जब्त किए गए 390 करोड़ रुपये की तुलना में 182 प्रतिशत अधिक है. ये आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है, क्योंकि ऑपरेशन अभी जारी है.


भारत में आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) 16 मार्च को लागू हुई थी, इसी दिन चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की. तब से आयकर विभाग बेहिसाब नकदी और कीमती सामान की निगरानी कर रहा है. सूत्रों के अनुसार, सबसे अधिक जब्ती के मामले में दिल्ली और कर्नाटक शीर्ष पर हैं, प्रत्येक राज्य में 200 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और आभूषण जब्त किए गए हैं।

दूसरे नंबर पर तमिलनाडु है, यहां से 150 करोड़ रुपये की जब्ती हुई. आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा में सामूहिक रूप से 100 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और आभूषण जब्त किए गए हैं. भारत में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

छत्तीसगढ़ में आयकर विभाग ने पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के करीबी राजीव अग्रवाल का मकान किया सील

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 Chhattisgarh Income Tax Raids : छत्तीसगढ़ के पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के बेहद करीबी रहे लकड़ी व्यवसायी राजीव अग्रवाल के अंबिकापुर स्थित मकान को आयकर विभाग के अफसरों ने सील कर दिया है. इसके बाद अंबिकापुर में चार दिनों तक भगत के करीबियों के यहां जांच के बाद विभाग के अफसर रविवार को वापस लौट गए हैं.


दरअसल, आयकर विभाग के अफसरों ने अंबिकापुर में पिछले चार दिनों तक करीब 12 ठिकानों पर जांच की और इस बीच उन्होंने कांग्रेसी नेताओं से भी पूछताछ की है. इसमें से अधिकतर नेता जमीन के कारोबार और भगत के करीबी थे. लेकिन अभी तक जांच में कितनी अनुपातहीन सम्पति मिली है, आईटी ने इसके बारे में जानकारी नहीं दी है. हालांकि बताया जा रहा है कि जमीन खरीदी बिक्री से जुड़े दस्तावेज मिले हैं जिससे करोड़ों रुपये की जमीन खरीदने में इन्वेस्ट करने का पता चला है.

आपको बता दें कि लकड़ी व्यापारी राजीव अग्रवाल के घर में जब आयकर विभाग के अफसरों ने छापेमारी की तो अग्रवाल घर पर नहीं थे. इसके बाद उनके परिजनों से सम्पर्क कर आईटी के अफसरों ने उन्हें बुलाने की कोशिश की. लेकिन वे नहीं पहुंचे और अफसरों ने उनके किचन और एक बेडरूम को छोड़कर पूरे मकान के सभी कमरों को सील किया है. इसके बाद पुलिस को इसकी निगरानी के निर्देश दिए हैं.

गौरतलब है कि आईटी के अफसरों ने अंबिकापुर में अमरजीत भगत के मकान, दफ्तर, सीतापुर व पार्वतीपुर स्थित मकान, क्रेशर, पाइप फैक्ट्री, राजपुर में भगत के पीए रहे राजेश वर्मा, मैनपाट में अटल यादव, पुलिस निरीक्षक रुपेश नारंग, भगत के पीए फ्रेंकलिन टोप्पो, आर्टिटेक्ट प्रमोद टोप्पो के घर सहित कई ठिकानों की जांच की है.

 

CG NEWS : राजधानी में आईटी ने फिर दी दबिश, जांच पड़ताल जारी

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 रायपुर। त्योहारी सीजन और चुनाव की आचार संहिता के बीच रायपुर में आयकर विभाग ने दबिश दी है। आईटी की आधा दर्जन से ज्यादा बनाई गई टीम ने सदर बाजार के ज्वेलर्स और उनके ठिकानों पर दबिश दी है। जानकारी के मुताबिक रायपुर के अरिहंत ज्वेलर्स, एएम ज्वेलर्स, राजधानी ज्वेलर्स में आयकर की टीम पहुंची है। जानकारी के अनुसार पारस ज्वेलर्स जगदलपुर में भी छापा मारा गया है।


अरिहंत ज्वेलर्स के संचालक उत्तम गोलछा के सदर बाजार स्थित ज्वेलरी शॉप समेत शैलेंद्र नगर स्थित घर पर भी आयकर की टीम जांच पड़ताल कर रही है। उत्तम गोलछा छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के कोषाध्यक्ष के पद पर है।

वहीं एएम ज्वेलर्स के मालिक सुनील पारख और सप्रे शाला स्कूल के सामने स्थित राजधानी ज्वेलर्स मालिक संजय पारख के वालफोर्ट स्थित घर पर टीम ने दबिश दी गई है।


अब मोबाइल से आसानी से फाइल कर सकते हैं इनकम टैक्स रिटर्न ,नया मोबाइल ऐप करेगा आपकी हेल्प

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नई दिल्‍ली । आयकर विभाग  ने टैक्सपेयर्स की सुविधा के लिए नया मोबाइल ऐप जारी किया है। इसका नाम एआईएस ऐप है। इसमें आयकरदाताओं द्वारा सालभर किए गए हर ट्रांजैक्शन की जानकारी उपलब्ध होगी। इसकी मदद से आयकर रिटर्न (ITR) भरना आसान हो जाएगा। ऐप पर कुल वार्षिक आय, निवेश, कुल खर्च, टीडीएस, कर भुगतान या बकाया और रिफंड समेत 46 तरह के लेनदेन की सूचनाएं मिलेंगी।


टैक्सपेयर्स को राहत देने के लिए विभाग ने पिछले साल वार्षिक सूचना रिपोर्ट (एआईएस) शुरू की थी। इसके तहत टैक्सपेयर द्वारा किए गए 46 तरह के लेनदेन इस रिपोर्ट में शामिल किए जाते हैं। इसमें टैक्सपेयर को लेनदेन से जुड़ी अतिरिक्त जानकारी मिल जाती है। जैसे-उसने पिछले वित्त वष में कितना ब्याज कमाया है, उसे डिविडेंड से कितनी राशि मिली है। इसके अलावा म्‍युचुअल फंड, विदेश भेजे गए रुपये आदि की पूरी जानकारी होती है।

आयकर रिटर्न में मिलती है मदद

आयकर रिटर्न दाखिल करते समय एआईएस इस्तेमाल फायदेमंद होता है। टैक्सपेयर को कर देनदारी का पूरा पता चल जाता है और रिटर्न दाखिल करते समय किसी तरह की चूक से बचा जा सकता है।

ऐसे डाउनलोड करें ऐप

– सबसे पहले गूगल प्ले स्टोर पर जाएं और सर्च विकल्प में एआईएस फॉर टैक्सपेयर्स टाइप करें।
– इसे इंस्टाल कर लें। फिर ऐप को खोलें। लॉगइन के लिए अपना पैन नंबर और जन्मतिथि दर्ज करें।
– इसके बाद पैन नंबर से जुड़ा मोबाइल नंबर और ईमेल-पता दर्ज करें।
– आपके मोबाइल और ईमेल पर ओटीपी आएगा। दोनों को दर्ज करें।
– इसके बाद मोबाइल सिक्योरिटी पिन बनाएं। इसके बिना ऐप नहीं खुलेगा।
– अब पिन को दर्ज कर ऐप में लॉगइन करें। आपका ब्योरा खुल जाएगा।
– इसके बाद एआईएस लिंक पर क्लिक करें। यहां बीते तीन वित्त वर्ष का ब्योरा खुल जाएगा।
– इस वर्ष का ब्योरा चाहते हैं, उस पर क्लिक करें।

वेबसाइट से भी ले सकते हैं रिपोर्ट

इसके अलावा आयकर विभाग की वेबसाइट (www.incometax.gov.in) पर लॉगइन करके भी एएसआई की जानकारी हासिल की जा सकती है।

क्या होता है एएसआई

एनुअल इफॉमेशन स्‍टेटमेंट (एएसआई) आयकर के वित्त वर्ष के दौरान हुए लेनदेन का पूरा ब्योरा रखता है। यह रिटर्न दाखिल करने में काफी काम आता है। इसमें हर लेनदेन की अतिरिक्त जानकारी होती है।

ये प्रमुख सूचनाएं शामिल

वार्षिक आय. कितना किराया प्राप्त किया, बैंक बैलेंस, कितनी नकदी जमा की, कितनी नकदी निकाली, क्रेडिट और डेबिट कार्ड के लेनदेन, डिविडेंट, बचत खाते पर कितना ब्याज मिला, शेयर और म्युच्युअल फंड की खरीद-फरोख्त, विदेश यात्रा, संपत्ति की खरीद-फरोख्त इत्यादि।

68 हजार मामलों में कई विसंगतियां

हाल ही में आयकर विभाग ने बताया था कि साल 2019-20 के दौरान करीब 68 हजार मामले ऐसे मिले हैं, आयकर रिटर्न और विभाग के पास मौजूद जानकारी के बीच कई विसंगतियां मिली हैं। वार्षिक सूचना रिपोर्ट (एआईएस) की मदद से विभाग ने यह विसंगतियां पकड़ी हैं। विभाग ने ऐसे टैक्सपेयर्स को ई-कैंपेन के माध्यम से ईमेल, एसएमएस या फिर टैक्स पोर्टल के माध्यम से इसकी जानकारी दी और लोगों ने जानकारी को ई-सत्यापन के माध्यम अपडेट कर दिया है। हालांकि अब भी करीब 33 हजार टैक्सपेयर्स ने जवाब नहीं दिया है। विभाग इन पर कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।

गार्ड की नौकरी और 10 हजार सैलरी , इनकम टैक्स ने नोटिस भेज दिया 1 करोड़ का नोटिस

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IT Notice To Guard : आयकर विभाग के अजब-गजब कारनामे आए-दिन सामने आते रहते हैं। हाल ही में ऐसा ही एक और मामला सामने आया हैं। महज 10 हजार की नौकरी करने वाले एक सिक्योरिटी गार्ड को आयकर विभाग ने 1 करोड़ 14 लाख रुपए का नोटिस भेजा दिया है। नोटिस देखते ही गार्ड के पैरों तले जमीन खिसक गई। गार्ड का कहना है कि जितने पैसे का टैक्स भरने के लिए कहा जा रहा है उतने पैसे तो उन्होंने अपनी जिंदगी में केवल टीवी में ही देखे हैं।


IT Notice To Guard : मामला मुंबई से सटे कल्याण का है। 56 साल के चंद्रकांत वरक को इंकम टैक्स ने आयकर विभाग का नोटिस मिला है। नोटिस मिलने से हैरान-परेशान चंद्रकांत आयकर विभाग के दफ्तर पहुंचे और उन्होंने शिकायत की। जिसके बाद विभाग के अधिकारियों ने उनसे पूछताछ भी कि जिसके बाद वे भी हैरान रह गए। उऩ्होंने चंद्रकांत को बताया कि उसके पैन कार्ड का इस्तेमाल कर विदेशों में शॉपिंग की गई है।

IT Notice To Guard  : चंद्रकांत वरक कल्याण ठाणकरपाड़ा इलाके में एक चॉल में अपनी बहन के साथ रहते हैं। उऩका कहना है कि वे कभी सुरक्षा गार्ड तो कभी कुरियर ब्वॉय तो कभी हाउस कीपिंग का काम करते हैं। इऩ कामों से उन्हें 10 हजार रुपये तक की आमदनी प्राप्त हो जाती है। जिससे वे अपना गुजारा करते हैं। उनका कहना है कि 1 फरवरी को उन्हें इंकम टैक्स विभाग से 1 करोड़ 14 लाख रुपये जमा करने का नोटिस मिला है। उऩ्होंने इस पूरे मामले की ठीक से जांच करने के साथ ही इस मामले से छुटाकारा दिलाए जाने की मांग की है।

आयकर विभाग के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि उनके पैनकार्ड और दस्तावेजों का इस्तेमाल कर चीन से खरीदारी की गई है। जिसका टैक्स नहीं भरा गया है। आयकर के अधिकारियों ने उन्हें पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी है।


Ed Raid in Chhattisgarh : कोयला घोटाले का मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी फरार!

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रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय-ईडी ने कोयला घोटाला मामले में छत्तीसगढ़ में छापे की कार्रवाई के बाद धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत करीब साढ़े चार करोड़ रूपये नगद और करीब दो करोड़ रूपये के आभूषण, बुलियन तथा अन्य बहुमूल्य संपत्ति जब्त की है। एक प्रेस विज्ञप्ति में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा बताया गया है कि छत्तीसगढ़ में कोयला परिवहन के दौरान प्रति टन पच्चीस रूपये  अवैध रूप से वसूले जाने का मामला सामने आया है। इसमें कारोबारी, वरिष्ठ  अधिकारी, राजनीतिक व्यक्ति और दलाल शामिल हैं। इस संबंध में आयकर विभाग ने एफआईआर भी दर्ज की है। ईडी की जांच में यह सामने आया है कि खनिज विभाग के संचालक द्वारा पंद्रह जुलाई वर्ष दो हजार बीस को जारी एक अधिसूचना के बाद कोयला परिवहन में अवैध उगाही काफी तेजी से बढ़ी।

 


इस अधिसूचना के जरिये पूर्व में प्रचलित कोयला परिवहन के लिए ई-परमिट की ऑनलाइन प्रक्रिया को बदला गया। ईडी के सर्वे में इस पूरी प्रक्रिया में अनेक अनियमितताएं सामने आई है। बिना हस्ताक्षर किए ही अनेक आदेश जारी कर दिए गए। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार ईडी की पूछताछ में गिरफ्तार किए गए एक आरोपी ने यह स्वीकार किया है कि उसके द्वारा रोजाना अवैध उगाही से प्राप्त एक से दो करोड़ रूपये का लेनदेन किया जाता था। ईडी के अनुसार इस घोटाले का मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी अभी फरार है। गौरतलब है कि ईडी ने इस मामले में आईएएस समीर बिश्नोई और दो कारोबारियों सुनील कुमार अग्रवाल, लक्ष्मीकांत तिवारी को गिरफ्तार किया है। जिन्हें रायपुर की विशेष अदालत ने इक्कीस अक्टूबर तक के लिए आठ दिनों की रिमांड पर ईडी को सौंपा गया है।

रॉबर्ट वाड्रा के कार्यालय पहुंची आयकर विभाग की टीम

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आयकर अधिकारियों की एक टीम सोमवार को बेनामी संपत्ति (Robert Vadra Benami Property Case) मामले को लेकर रॉबर्ट वाड्रा के कार्यालय पहुंची। सूत्रों ने कहा कि पूर्वी दिल्ली के सुखदेव विहार स्थित वाड्रा के कार्यालय पहुंची टीम इस मामले में उनका बयान दर्ज कर रही है।
रॉबर्ट वाड्रा को आयकर विभाग ने पहले भी बयान दर्ज करने के लिए समन किया था लेकिन तब उन्होंने कोरोना वायरस का हवाला देते हुए बयान दर्ज नहीं कराया था। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल जुलाई में वाड्रा के करीबी आर्म्स डीलर संजय भंडारी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का एक नया मामला दर्ज किया था।





वन विभाग की बड़ी कार्रवाई, रायपुर के एक गोदाम से 30 लाख रूपए से अधिक की लकड़ी अवैध जब्त






रॉबर्ट वाड्रा की लंदन में लगभग 12 मिलियन पाउंड की संपत्ति से जुड़े मामले में पहले से ही जांच चल रही है। यह संपत्ति कथित तौर पर उनकी है। 2018 में दर्ज इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनसे बड़े पैमाने पर पहले भी पूछताछ की गई है। वाड्रा ने कहा है कि यह मामले राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से प्रेरित हैं।






मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज






सितंबर 2015 में, एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग (Robert Vadra Benami Property Case) का मामला भी दर्ज किया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने राजस्थान के बीकानेर में गरीब ग्रामीणों के पुनर्वास वाली जमीन का अधिग्रहण किया था। यह आरोप लगाया गया कि वाड्रा ने 69.55 हेक्टेयर भूमि को सस्ती दर पर खरीदा और अवैध लेनदेन के माध्यम से एलेग्नेरी फिनलीज को 5.15 करोड़ रुपये में बेच दिया।





सितंबर 2018 में, गुड़गांव के भूमि सौदों में कथित अनियमितता के लिए उनके और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ पुलिस में एक मामला दर्ज किया गया था। आरोप लगाया गया है कि स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने 2008 में शिकोहपुर गांव में 3.5 एकड़ जमीन डीएलएफ को मौजूदा दर से बहुत अधिक दर पर बेची थी।


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