महासमुन्द। जिले में प्रशासनिक व्यवस्था लचर है। कलेक्टोरेट पहुंचने वाले आम आदमी से जिला प्रशासन के मुखिया की भेंट नहीं होती है। ज्यादातर समय कलेक्टोरेट में वीरानी छाई रहती है। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का जिले में समुचित क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। कतिपय दलाल और बिचौलियों के मार्फत ही कामकाज चल रहा है। वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन के अधिकारी पक्षपातपूर्ण कार्यवाही करते हुए पत्रकारों के दो संगठनों के बीच विवाद उत्पन्न कर रहे हैं। वर्षों पुरानी संस्था प्रेस क्लब महासमुन्द के लिए सांसद, मुख्यमंत्री निधि से निर्मित भवन पर महासमुन्द जिला प्रेस क्लब महासमुन्द (इलेक्ट्रॉनिक मीडिया) के कुछ लोगों की गिद्ध दृष्टि लगी हुई है। समानांतर संगठन के लोग मुख्यमंत्री का बहिष्कार करने की धमकी देकर प्रेस क्लब के आधिपत्य वाली भवन पर कब्जा करने तत्पर हैं।
जिला प्रशासन को धमकी देकर अनर्गल शिकायत करने वाले 4-6 प्रवासी (अन्य प्रांत, जिला से आए) लोगों के पक्ष में जिलाधिकारी अनर्गल आदेश पारित कर रहे हैं। इसकी सूचना भी प्रेस क्लब को नहीं देकर षडयंत्र रची जा रही है। इससे महासमुन्द जिले के पत्रकार खासा खफा हैं। सरकार की छवि धूमिल करने वालों को जिले के प्रशासनिक मुखिया का खुला संरक्षण है।