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आयोग द्वारा आवेदिका को 68 तोला सोना, 19 किलो 750 ग्राम चांदी को वापस कराया गया

रायपुर। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्यगण डॉ अनीता रावटे, श्रीमती अर्चना उपाध्याय ने आज शास्त्री चौक स्थित राज्य महिला आयोग कार्यालय में महिलाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए सुनवाई की। आज एक प्रकरण में आयोग की सुनवाई में यह सबसे बड़ा प्रकरण होगा। यह प्रकरण पति पत्नी के मध्य दहेज के समान को लेकर वाद विवाद का प्रकरण आयोग में आया था। जिसपर आयोग द्वारा प्रारंभिक कार्यवाही कर 68 तोला सोना, 19 किलो 750 ग्राम चांदी के जेवरात आवेदिका को वापस कराया गया है। 



इस प्रकरण की अंतिम निराकरण के लिए आगामी सुनवाई में रखा गया है। एक अन्य प्रकरण में पति पत्नी के मध्य आयोग द्वारा सुलहनामा कराया गया। आयोग की समझाइश के बाद जिसमें पति पत्नी अपने दो बच्चों के साथ अपने सम्बंध सुधारने को तैयार हुए। साथ ही पति अपने पत्नी को भविष्य में किसी भी प्रकार से परेशान नही करेगा इस समझाइश के साथ इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया। इसी तरह एक अन्य प्रकरण में एक अन्य प्रकरण में आयोग द्वारा पति पत्नी को समझाइश दिया गया और दोनो के मध्य काउंसलिंग कराया गया, 

जिसपर अनावेदक पति अपने मासिक वेतन 15 हजार रुपये से 7 हजार रुपये आवेदिका पत्नी और बच्चे को भरण पोषण देने तैयार हुआ। साथ ही पति ने आयोग के समक्ष निवेदन किया कि अपने 4 वर्षीय पुत्र को सप्ताह में 2 बद्ध किया गया। एक अन्य प्रदिन मिल सकूं इस पर आवेदिका ने सहमति दी। इस प्रकरण 6 माह की निगरानी में रखते हुए नस्तीकरण में आवेदिका ने बताया की मेरे पति के नाम पर पट्टे की जमीन पर मकान बनाया था जिसमे पति का छोटा भाई (देवर) रहने लगा और अब वह अपना अलग मकान बनाकर किराए पर रखा है। मेरा  मकान को वह खाली नही कर रहा है 

अनावेदक की उम्र लगभग 42 वर्ष है और अनावेदक का कथन है कि वह उस मकान में 20 वर्ष से उसमें रह रहा है। आयोग के द्वारा विस्तार से दोनो पक्षो को सुना गया जिसमें स्पष्ट है कि अनावेदक झूठ बोल रहा है और आवेदिका से 2 लाख 50 हजार रुपये की चाह रख रहा है। दोनो पक्षकार के बातों को प्रमाणित करने के लिए आयोग की ओर से काउंसलर नियुक्त किया गया है काउंसलर मौके पर उस स्थान पर जाएगी और वहां निवासरत लोगो का बयान दर्ज कर आयोग को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी जिससे इस प्रकरण का आगामी सुनवाई में निराकरण किया जा सकेगा।

 एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि अनावेदक पति दूसरी महिला को अपने घर पर लाकर रखा है और वह महिला दूसरी पत्नी बनकर रहना चाहती है और मेरे घर की गृहस्थी को बर्बाद कर रही है उसका पति उसे छोड़ चुका है अनावेदिका से पूछे जाने पर उसके रहने की व्यवस्था नही होने के कारण उसे सखी सेंटर के माध्यम से आयोग द्वारा दूसरी महिला को नारी निकेतन भेजे जाने की अनुसंशा किया गया।

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