छत्तीसगढ़ में खुदकुशी की घटनाएं लगातार बढ़ती ही जा रही है। ताजा मामला बिलासपुर के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र का है, जहां PSC की तैयारी कर रही छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह बालोद की रहने वाली थी और बिलासपुर में हॉस्टल में रहकर कोचिंग करती थी। सोमवार दोपहर उसकी सहेलियों ने कमरे में उसे फंदे पर लटके देखा, तब उसके सुसाइड करने का पता चला। बताया गया कि वह सुबह के वक्त कोचिंग भी गई थी। इसके बाद जब वह लौटी, तब उसने खुदकुशी की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जानकारी के मुताबिक बालोद के सांकरा स्थित जगन्नाथपुर की रहने वाली नेहा देशमुख (उम्र 23 साल) MSC की पढ़ाई के बाद प्रतियोगी परीक्षा के साथ ही छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग यानी PSC परीक्षा की भी तैयारी कर रही थी। वह बीते 5-6 महीने से से सिटी कोतवाली क्षेत्र के दयालबंद स्थित पंजाबी कॉलोनी के एक निजी हॉस्टल में रूम लेकर रहती थी और कोचिंग क्लास अटेंड करती थी। सोमवार को भी नेहा कोचिंग के लिए सुबह गई थी। वह से वह 11 बजे के आस-पास लौटकर आ गई थी। बाहर हाथ-मुंह धोने के बाद वह कमरे में चले गई। फिर उसका कुछ पता नहीं चला। उसकी सहेलियों ने दरवाजा भी खटखटाया, पर कोई जवाब नहीं मिला।
हॉस्टल में फांसी लगाकर की खुदकुशी
उन्होंने हॉस्टल मालिक को इसकी जानकारी दी। इसके बाद हॉस्टल मालिक के साथ खिड़की से झांककर देखा, तब नेहा अपनी चुनरी के फंदे पर झूल रही थी। उसके जीवित होने की उम्मीद से उन्होंने आनन-फानन में फंदा काटकर नीचे उतारा, तब तक पुलिस के डायल 112 को भी बुला लिया था। हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं से पूछताछ कर पुलिस घटना की जानकारी जुटा रही है। नेहा के रिश्तेदार पवन कुमार देशमुख यहां पुलिस लाइन में हेडकांस्टेबल हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें नेहा के भाई अरविंद देशमुख ने मोबाइल से जानकारी दी कि वह हॉस्टल में कमरा बंद कर फांसी लगा ली है।
आत्महत्या के कारण अज्ञात
उनके कहने पर पवन देशमुख पंजाबी कॉलोनी स्थित हॉस्टल पहुंचे, जहां नेहा को फंदे से नीचे उतार लिया गया था। इसके बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। पवन देशमुख ने बताया कि नेहा पढ़ाई में होनहार थी। उसने यह आत्मघाती कदम क्यों उठाया, इसकी जानकारी नहीं है। बालोद से नेहा के परिजनों को बुलाया गया है। नेहा ने जिस कमरे में फांसी लगाई है, उसे पुलिस ने सील कर दिया है। परिजनों की मौजूदगी में कमरा खोलकर तलाशी ली जाएगी। जांच के बाद ही उसके आत्महत्या के कारणों का पता चल सकेगा।
डॉक्टर खुदकुशी मामले में भी कोई सुराग नहीं
करीब एक माह पहले राजनांदगांव में शासकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल पेंड्री के एक इंटर्न डॉक्टर प्रसून भारद्वाज ने शहर के रानी सागर तालाब में कूदकर जान दे दी थी। वह राजस्थान के रहने वाले थे और पेंड्री में डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी करने के बाद इंटरशिप कर रहे थे। 10 दिन बाद ही डॉक्टर की इंटर्नशिप खत्म होने वाली थी। इस मामले भी पुलिस के हाथ खाली हैं। अभी तक पता नहीं लग सका है कि डॉक्टर के खुदकुशी करने के पीछे क्या कारण था। बता दें कि छत्तीसगढ़ में आत्महत्या के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।