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न भारी वाहन का भय, न ट्रैफिक का टेंशन, शहर में अब सुरक्षित होने लगा है आवागमन

जांजगीर-चांपा: सड़कें सिर्फ आवागमन का जरिया नहीं, मुसाफिरों को मंजिल पर पहुचाने से लेकर उन्हें विकास की सीढ़ी चढ़ाने वाला और विश्वास कायम करने वाला माध्यम भी है। सड़कें अगर खराब हो तो, सफर बोझिल और पीड़ादायक तो होता ही है,साथ ही मंजिल में सही सलामत और समय पर पहुचने का अविश्वास भी राहगीरों के मन में उत्पन्न हो जाता है। जिंदगी के उतार- चढ़ाव की तरह सड़कों का उतार-चढ़ाव भी हमें बहुत कुछ सीखने का मौका देती हैं, और मुकाम को पाने साहस। 


छत्तीसगढ़ की सरकार सड़कों के विकास के साथ बेहतर आवागमन की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। कुछ ऐसा ही प्रयास जांजगीर-चांपा जिले में कलेक्टर जितेंद्र कुमार शुक्ला द्वारा भी किया जा रहा है। यह उनकी जद्दोजहद या जिद ही कहिए कि शहर में सालों से चरमराई ट्रैफिक को उन्होंने व्यवस्थित कराने के साथ शहर के बीचोंबीच चलने वाले भारी वाहनों का रूट डाइवर्ट कर बाहर का रास्ता दिखाया। सड़कों को जाम करने वाले बेजाकब्जा तोड़े। 

अधूरे पुल के निर्माण को पूरा कराने के साथ एक मॉर्डन ट्रैफिक सिटी के रूप में जांजगीर-चांपा को आगे ले जाते हुए उन्होंने शहर के लोगों को न सिर्फ भारी वाहनों के खौफ से मुक्त किया है, लेकिन बेहतर आवागमन की परिकल्पना को साकार कर सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराते हुए धूल,प्रदूषण,ट्रैफिक जाम से भी राहत दिलाने का काम किया है।जिला बनने के बाद से ही बेहतर आवागमन के लिए तरस रहे जांजगीर-चांपा जिले वासियों को अब शहर में बदलाव के कई फर्क नजर आने लगे हैं। पहले आऊटर की सड़कों के साथ शहर की सड़कों में भी उन्हें अपनी जान जोखिम में डालना पड़ता था। दिन-रात सड़क पर दौड़ते भारी वाहन न सिर्फ किसी राहगीर को अपनी चपेट में ले लेते थे, शहर में धूल,प्रदूषण फैलाकर ट्रैफिक जाम उत्पन्न कर हर किसी के मन में खौफ भी पैदा कर देते थे। 

कलेक्टर जितेंद्र कुमार शुक्ला ने शहर में बनी इन समस्याओं का बारीकी से आंकलन किया। उन्होंने शहर की इस समस्या को दूर करने यातायात विभाग को कई निर्देश दिए। खुद भी शहर के साथ आऊटर का निरीक्षण कर भारी वाहनों के परिचालन का विकल्प तलाशा।  राष्ट्रीय राजमार्ग से लेकर राज्य सड़क के जिम्मेदार अधिकारियों की मीटिंग बुलाई। चर्चा की और आखिरकार उनका यह प्रयास सड़कों पर सफल होता नजर आने लगा।

पीथमपुर पुल को पूरा कराकर खोले विकास की नई राह

पीथमपुर उच्च स्तरीय पुल का काम सालों से चल रहा था। निर्माण अधूरा होने की वजह से आवागमन पर असर हो रहा था। कलेक्टर ने इसे पूरा कराने निरंतर प्रयास किया। जबसे जिला बना है, तब से एनएच 49 चांपा-जांजगीर से बिलासपुर  और रायगढ़ की ओर से जाने वाली वाहन बिलासपुर की ओर जाने वाली वाहन जांजगीर-चांपा से होकर जा रही थी। साथ में बलौदा से रायगढ़-बिलासपुर की ओर जाने वाली वाहनें भी जांजगीर-चांपा गेमन पुल होते हुए गंतव्य की ओर जा रही थी। नये एनएच में पीथमपुर हाई लेवल ब्रिज का काम तीन-चार साल से अधूरा था वह पूरा हुआ। इसके साथ ही विकास की नई राह खुल गई।

बाइपास और डाइवर्ट की नई व्यवस्था

कलेक्टर के निर्देश पर शहर में नई व्यवस्था लागू करते हुए चांपा हथनेवरा से रायगढ़ की ओर से बिलासपुर जाने वाली समस्त वाहनों को बाइपास किया जा रहा है। साथ ही बलौदा और नैला कोल साइडिंग से गुजरने वाली भारी वाहनों का करमंदा, मड़वा, कुलीपोटा होते हुए शहर के बाहर से ही निर्धारित समय में बिलासपुर और रायगढ़ की ओर डायवर्ट किया जा रहा है। इसके साथ ही, वे हल्के-छोटे वाहन जिन्हें सीधे रायगढ़ से बिलासपुर जाना होता था, उन्हें भी उसी परिवर्तित मार्ग से भेजा जा रहा है। जिससे शहर के भीतर छोटे वाहनों का भी दबाव कम हुआ है। कोरबा की ओर से बिलासपुर जाने वाली वाहनें भी चांपा और जांजगीर से भीतरी मार्ग से प्रवेश करते हुए गुजरते थे जिन्हें अब नए एनएच बनने के बाद पीआईएल हथनेवरा होते हुए बिलासपुर की ओर निर्धारित समय में डाइवर्ट किया जा रहा है। इससे यातायात का दबाव कम हुआ। शहर के भीतर दुर्घटना कम होने के साथ भीतर के मार्गाे में कोयला, भूसा एवं राखड़ की गाड़ियों की वजह से जो प्रदूषण की समस्या थी वह भी कम हुई।

PDS के वाहन भी शहर से नहीं गुजरते 

FCI का गोदाम भीतर होने के कारण पीडीएस के अंतर्गत चलने वाली वाहन शहर के भीतर से ही चलते थे। वह भी अब केरा चौक स्थित FCI गोदाम से सामान लेकर नेशनल हाइवे का इस्तेमाल कर आवागमन में कर रहे हैं।लगभग चार दशक से अधिक समय तक चाम्पा स्टेशन के सामने अतिक्रमण के मकड़जाल को हटाकर कलेक्टर ने साहस का परिचय दिया। यहां अतिक्रमण की वजह से न सिर्फ सड़के सकरी हो गई थी। आवागमन बार-बार बाधित भी होता रहता था। कलेक्टर ने यहां से बेजाकब्जा हटवाकर सड़क चौड़ीकरण का मार्ग प्रशस्त किया है। 

उन्होंने जांजगीर की ओर आने वाले ब्रिज के रास्ते में आवागमन प्रारंभ कराया। अब कोरबा की ओर के रास्ते को भी तेजी से पूरा कराया जा रहा है। उनके इन प्रयासों से चाम्पा स्टेशन के पास बेहतर आवागमन का माहौल विकसित हो रहा है। पहले रायगढ़ की ओर से चांपा या जांजगीर आने के लिए पीआईएल से गेमन पुल मार्ग का इस्तेमाल करना पड़ता था। चांपा स्टेशन के पास जांजगीर की ओर ओवरब्रिज प्रारंभ हो जाने से जांजगीर एवं चांपा जाने वाली वाहने आसानी से आवागमन कर रही कर पा रही है।

शहर में लग जाता था वाहनों का जाम

एनएच 49 के शहर के मध्य से गुजरने के कारण नो एंट्री लागू की गई थी। जिसमें सुबह 6 से दोपहर 2 बजे और सायं 5 से रात्रि 9 बजे तक गाड़ियों को शहर के बाहर ही रोका जाता था। औद्योगिक जिला होने के कारण वाहनों की संख्या अधिक है। अतः दोपहर 2 से 5 में नो एंट्री खोलने के समय शहर के भीतर दुर्घटनाओं की समस्या लगातार बनी रहती थी। खोखसा एवं नैला रेलवे फाटक के लगातार बंद रहने के कारण यह समस्या और गंभीर हो जाती थी। शहर के भीतर कई दुर्घटनाएं घटित होती थी एवं लगातार कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना बनी रहती थी। अब इस परिवर्तित मार्ग के कारण समस्या समाप्त हुई।

नए ट्रैफिक सिग्नल और सड़क चौड़ीकरण से और सुधरेगी व्यवस्था

नया एनएच अस्तित्व में आने के बाद केरा चौक, शारदा चौक, नैला स्टेशन जांजगीर तथा चांपा में थाना चौक, विश्वेश्वरैया चौक, लायंस चौक और बरपाली चौक में ट्रैफिक सिग्नल की प्रक्रिया चल रही है एवं एनएच 49 में खोखसा चौक, हथनेवरा चौक में ट्रैफिक सिग्नल लगाने के लिए प्रक्रिया जारी है। साथ ही शहर के भीतरी प्रमुख सड़कों और चौक में पर्याप्त विद्युत व्यवस्था एवं अतिक्रमण हटाकर सड़क को चौड़ा करने के लिए नगर पालिका के साथ समन्वय बनाकर कार्रवाई जारी है। शहर के प्रमुख चौक-चौराहों में जेब्रा क्रॉसिंग और सड़क के दोनों और पार्किंग पट्टी से सीमा निर्धारण के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों से समन्यव बनाया गया है। यह कलेक्टर का ही प्रयास था कि बनारी से सकरेली और सकरेली से मसानिया कला तक लगभग 48 किलोमीटर की सड़कें जीर्णोद्धार होकर आने जाने वालों को राहत प्रदान करेगी।

CCTV कैमरे से होगा यातायात का नियंत्र

कलेक्टर द्वारा जांजगीर-चांपा शहर के सभी एंट्री और एग्जिट प्वाइंट सहित विभिन्न चौक चौराहों में उच्च दक्षता वाले CCTV कैमरा लगाए जाने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए स्थान का सीमांकन भी कर लिया गया है। इस पर कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है। CCTV कैमरे लगने से सड़कों पर सुरक्षा का माहौल निर्मित होगा। इसके साथ ही यातायात को बेहतर बनाने और किसी प्रकार की दुर्घटनाओं और ट्रैफिक रूल तोड़ने सहित अन्य लापरवाही करने पर दोषियों को आसानी से पकड़ा जा सकेगा।

कलेक्टर-एसपी की बैठक में भी लिए गए कई फैसले

एक सप्ताह पहले ही कलेक्टर, एसपी की अध्यक्षता-उपस्थिति में जिले में संचालित समस्त उद्योगों, कोल ट्रांसपोर्ट, राखड़ ट्रांसपोर्ट, क्रेशर उद्योग एवं रेत का परिवहन करने वाले तथा जिले में निर्माणाधीन सड़क की समस्त परियोजनाओं से संबंधित लोगों की बैठक ली गई। जिसमें भारी वाहन को शहर के भीतर प्रवेश देने की बजाय डायवर्सन का उपयोग करने,  प्रशिक्षित एवं लाइसेंसधारी वाहनों चालकों से वाहन चलाने, साथ में एक हेल्पर रखने, वाहन में पर्याप्त रेडियम की व्यवस्था, कोल, राखड़, गिट्टी, बालू  परिवहन करने वाले वाहनों में पूर्णताः तिरपाल ढकने के निर्देश दिए गए है। उद्योग से निकलते समय ही समस्त आवश्यक सुरक्षात्मक उपाय अपनाने के बाद गाड़ियों का डिस्पैच करने,कोलवाशरी क्षेत्र के वाशरियो द्वारा पर्याप्त पानी का छिड़काव करने, बलौदा से नैला मार्ग में भारी वाहन चलने से जो सड़क खराब हुई है उसकी मरम्मत एवं सड़क में सुरक्षात्मक संकेतक कोलवाशरी द्वारा लगवाने के निर्देश दिए गए हैं।

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