MP के भिंड के गोहद इलाके में एक पूरे परिवार ने सामूहिक फांसी लगा ली। घटना में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई है तो वहीं बच्ची की हालत गंभीर बताई जा रही है। बच्ची को इलाज के लिए ग्वालियर रेफर कर दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक दूध कारोबारी दंपती ने पहले दो बच्चों का गला घोंटा, फिर दोनों ने फांसी लगा ली। गला घोंटने के दौरान बेटे की मौत गई। बेटी बेहोश हो गई। उसे मरा समझकर दंपती फंदे पर झूल गए। सुबह लोगों की नजर जब घर के अंदर पड़ी तो आत्महत्या का पता चला। गांव वालों ने दरवाजा तोड़कर दंपती को नीचे उतारा और पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी है। दंपती के घर के बाहर करीब 300 लोग इकट्ठा हो गए हैं।
गोहद थाना प्रभारी ने दी जानकारी
गोहद थाना प्रभारी राजेश सत्नाकर ने बताया कि गांव कटवा गुर्जर में दूध कारोबारी धर्मेंद्र के बेटे मान सिंह गुर्जर (उम्र 32), पत्नी अमरेश (उम्र 30) ने बेटे प्रशांत (उम्र 12) और बेटी मीनाक्षी (उम्र 10) का गला घोंटकर मारने की कोशिश की, जिसमें मीनाक्षी बेहोश हो गई। सुबह कोई आहट नहीं होने पर ग्रामीणों ने दरवाजा तोड़ा। दंपती अंदर फंदे पर लटके थे। बेटा बेसुध पड़ा था। बेटी गंभीर हालत में सिसक रही थी। जिसे तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोहद इलाज के लिए भेजा गया।
बच्ची की बचाई जान
गांववालों ने बच्ची को जमीन पर सिसकते हुए देखा तो तुरंत अस्पताल ले जाया गया। अब बच्ची खतरे से बाहर है। गोहद SDOP ने बताया कि अभी तक घटना के कारण का पता नहीं चल पाया है। बच्ची की जान बच गई है, इलाज जिला चिकित्सालय ग्वालियर में हो रहा है। बहुत जल्द इस घटना का पर्दाफाश होगा। ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. आलोक शर्मा ने बताया कि बच्ची खतरे से बाहर है, उसका इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में किया जा रहा है।
खेती कर रहा था धर्मेंद्र
धर्मेंद्र दूध का व्यापार करता था। करीब पांच महीने पहले उसने व्यापार बंद कर दिया था। घर पर रहकर केवल खेती किसानी का कार्य किया कर रहा था। उसके पास करीब 20 बीघा पुस्तैनी जमीन है। वहीं मंदिर की करीब 70 बीघा जमीन पर भी खेती करता था। धर्मेंद्र गुर्जर की साली प्रवेश ने भी करीब चार साल पहले फांसी लगाकर जान दे दी थी। प्रवेश की शादी धर्मेंद्र के चचेरे भाई रामेंद्र सिंह के साथ हुई थी। 4 अक्टूबर 2018 को प्रवेश का शव फांसी के फंदे पर लटका मिला था।
मामले की जांच में जुटी पुलिस
भैसोरा जिला मुरैना में रहने वाले प्रवेश के परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया था। शव को धर्मेंद्र के घर के सामने जलाया था। उस समय आधा दर्जन थानों की पुलिस मौके पर मौजूद रही थी। प्रवेश की मौत के मामले में 11 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिसमें धर्मेंद्र प्रमुख आरोपी था। यह मामला न्यायालय में है। इसको लेकर गृह क्लेश जारी था। धर्मेंद्र और पत्नी अमरेश आए दिन इसे लेकर विवाद होते रहता था। प्रवेश दो बहनें थी। दोनों एक ही परिवार में ब्याही थी। दोनों की मौत फांसी लगाने से हुई है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।