मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की खासियत है कि वे अधिकतर मामलों में फैसला ऑन द स्पॉट करते हैं। इन दिनों प्रदेश की जनता से सीधे रूबरू होने के लिए भेंट-मुलाकात अभियान के दौरान भी उनका यह अंदाज देखने को मिल रहा है। जब भी कोई उनके पास समस्या लेकर पहुंचता है तो उसके तत्काल निराकरण का प्रयास मुख्यमंत्री बघेल करते हैं। ऐसा ही किस्सा कांकेर विधानसभा के बादल गांव में हुआ, जहां खराब पानी की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने तुरंत फैसला लेते हुए प्रभावित गांवों को दुधावा समूह योजना में जोड़ने की बात कही और ग्रामीणों तक शुद्ध जल पहुंचाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री बघेल कांकेर विधानसभा के बादल गांव में भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के लिए पहुंचे थे। इस दौरान भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में डुमरपानी के चप्पूलाल सिन्हा ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि उनके गांव में फ्लोराइड युक्त पानी की वजह से लोग बीमार पड़ रहे हैं। ऐसी ही समस्या साईगांव में भी है। ग्रामीण की समस्या को सुनकर मुख्यमंत्री ने उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया। वहीं बादल में भेंट-मुलाकात कार्यक्रम खत्म होने के पहले ही डुमरपानी और साईगांव को दुधावा समूह योजना में शामिल करने का निर्णय लेते हुए इसकी घोषणा भी कर दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि डुमरपानी और साईगांव दुधावा समूह योजना में शामिल होने पर गांव वालों को शुद्ध जल मिलेगा और लोग स्वस्थ रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा मैं हूं ना....
झमित बोल नहीं सकते। तीन साल पहले बीमारी के चलते आवाज चली गई। इस बीच मां का साया भी सर से उठ गया। इन विपरीत परिस्थितियों में भी 12 वीं में वह फर्स्ट डिवीजन आया है, लेकिन अब झमित के पास आगे पढ़ाई के लिए पैसा नहीं है। कोदागांव में आयोजित भेंट मुलाकात कार्यक्रम में जब मुख्यमंत्री को झमित की परेशानी पता चली तो वहां मौजूद सभी ने मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता देखी। मुख्यमंत्री ने कहा पैसे की वजह से पढ़ाई नहीं रुकेगी। उन्होंने झमित को तत्काल 2 लाख रुपये देने की घोषणा की। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने मेडिकल सर्टिफिकेट भी बनाने के निर्देश दिए।