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बाढ़ और बिजली का कहर जारी, इस राज्य में गाज गिरने से हुई 21 लोगों की मौत

बिहार में बारिश और आकाशीय बिजली ने जमकर कहर बरपाया है। दरअसल, बिहार में मानसून पूरी तरह से एक्टिव हो गया है। पटना समेत 20 जिलों में बुधवार सुबह से ही जोरदार बारिश हो रही है। मौसम शाम तक ऐसा ही रहने वाला है। 20 जिले में ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया। इनमें भारी बारिश का अनुमान है। पिछले 24 घंटे में बिहार में बारिश और आकाशीय बिजली से 21 लोगों की जान जा चुकी है। आकाशीय बिजली और बारिश से बिहार में 24 घंटे में 21 लोगों की जान जा चुकी है। मुजफ्फरपुर में 2, मोतिहारी में 4 , भोजपुर में 6, छपरा में 3, बेतिया में 2, अररिया में 2, बांका में 1 और अरवल में एक की मौत हुई है।

जानकारी के मुताबिक पटना, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, वैशाली, बक्सर, नालंदा, नवादा, शेखपुरा, बेगूसराय, खगड़िया में बारिश और आकाशीय बिजली का अलर्ट है। सहरसा, दरभंगा, मधुबनी, सीवान, सारण, भोजपुर, औरंगाबाद, अरवल, जहानाबाद और गया जिले में आंधी-बारिश और ठनका गिरने की आशंका है। पटना, गया, नालंदा, नवादा सहित 19 जिलों में हल्की बारिश के साथ ही वज्रपात होगा। जबकि, सीवान, गोपालगंज, पश्चिम चंपारण में भारी बारिश को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। बता दें कि बिहार में एक साथ दो हवाओं का सिस्टम सक्रिय है। इसके साथ ही चक्रवाती हवाओं का प्रभाव राजस्थान से बंगाल खाड़ी तक बना हुआ है। जिसकी वजह से उत्तर बिहार के सभी जिलों में मध्यम दर्जे की बारिश होने के आसार है।

 मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

 मौसम विभाग के मुताबिक 15 दिनों के बाद बिहार में दो हवाएं एक साथ सक्रिय हुई हैं। जिसमें उत्तर बिहार में पूर्व और दक्षिण-पूर्व और दक्षिण बिहार में पछुआ हवाओं का प्रभाव है, जिसकी वजह से बिहार के सभी हिस्से में बारिश का सिस्टम सक्रिय है। इसके साथ ही तेज हवा, वज्रपात का भी असर दिखाई देगा। अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 33.4 और न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 29.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

आकाशीय बिजली गिरने पर इस तरह बचें

आकाशीय बिजली गिरने पर खुले आकाश में रहने को बाध्य हो तो नीचे के स्थलों को चुनें, एक साथ कई आदमी इकट्ठे न हो, दो आदमी की दूरी कम से कम 15 फीट हो, तैराकी कर रहे लोग, मछुवारे जितना जल्दी हो सके पानी से बाहर निकल जाए, गीले खेतों में हल चलाते, रोपनी या अन्य काम कर रहे किसानों और मजदूरों या तालाब में कार्य रहे व्यक्ति तुरंत सूखे और सुरक्षित स्थान पर चले जाएं।

इन चीजों को कर लें दूर

धातु से बने कृषियंत्र, डंडा से अपने को दूर कर लें। अगर आप खेत-खलिहान में काम कर रहे हो या किसी सुरक्षित स्थान की शरण न ले पाए तो - जहां है वहीं रहे, हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें, दोनों पैरों को आपस में सटा लें और दोनों हाथों को घुटनों पर रखकर अपने सिर को जमीन की तरफ जितना जल्दी हो सके झुका लें। साथ ही सिर को जमीन से न छुआएं, जमीन पर कभी भी न लेंटे।

खुद को धात्विक संपर्क से बचाए

अपने घरों और खेल-खलिहानों के आस-पास कम ऊंचाई वाले उन्नत किस्म के फलदार वृक्ष समूह लगाएं, ऊंचे पेड़ के तनों या टहनियों में तांबे का एक तार स्थापित कर जमीन में काफ गहराई तक दबा दें ताकि पेड़ सुरक्षित हो जाए, मजबूत छत वाला पक्का मकान सबसे सुरक्षित स्थल है। अगर संभव हो तो अपने घरों में तड़ित चालक लगवा लें। यथा संभव खुले क्षेत्र में स्वयं को धात्विक संपर्क से बचाए रखना चाहिए।

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