मणिपुर में बारिश का कहर देखने को मिला है। दरअसल, नोनी जिले के तुपुल रेलवे स्टेशन के पास भूस्खलन की वजह से 107 टेरिटोरियल आर्मी कैंप धंस गया। इस हादसे में कई जवान मिट्टी में दब गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक 13 जवानों के शव बाहर निकाले जा चुके हैं। जबकि 13 जवानों को रेस्क्यू किया गया है। वहीं 30-40 से ज्यादा अभी दबे हुए हैं। मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह इसे लेकर एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। घायलों की मदद के लिए डॉक्टरों की एक टीम मौके पर रवाना हो गई है।
जानकारी के मुताबिक घायलों को इलाज के लिए नोनी आर्मी मेडिकल यूनिट ले जाया गया है। भूस्खलन की वजह से इजाई नदी का प्रवाह प्रभावित हुआ है। ये नदी तामेंगलोंग और नोनी जिले से होकर बहती है। जानकारी के मुताबिक कुछ नागरिकों के भी मलबे में दबे होने की आशंका है। एक अधिकारी का कहना है कि खराब मौसम की वजह से रेस्क्यू मिशन में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। सेना के हेलिकॉप्टर भी मौके पर पहुंच चुके हैं। घायलों का रेस्क्यू मिशन जारी है, हालांकि खराब मौसम की वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
जिला प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी
इस बीच जिला प्रशासन ने आस-पास के गांव के लोगों को सावधानी बरतने और जल्द से जल्द जगह खाली करने की एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में कहा गया है कि मलबे की वजह से इजाई नदी ब्लॉक हो गई है, जिससे एक ही जगह पर जल भराव के कारण बांध जैसी स्थिति बन गई है। अगर यह टूट गया तो निचले इलाकों में और ज्यादा तबाही मच सकती है। लैंडस्लाइड के मलबे की वजह से इजाई नदी ब्लॉक हो गई है। इस वजह से निकले इलाकों में तबाही का खतरा और ज्यादा बढ़ गया है।
असम में 135 लोगों की मौत
इधर, असम और मणिपुर समेत पूर्वोत्तर के कई राज्यों में लगातार बारिश से बाढ़ के हालात बने हुए हैं। असम में 10 दिनों के अंदर अब तक करीब 135 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि लाखों लोग प्रभावित हैं। वहीं मौसम विभाग के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर और सिक्किम में आगे भी बारिश के आसार बने हुए हैं। बता दें कि बारिश का मौसम आते ही आकाशीय बिजली गिरने और भूस्खलन जैसी घटनाएं बढ़ जाती है।