देश में आत्महत्या की घटनाएं लगातार बढ़ती ही जा रही है। ताजा मामला राजस्थान के बाड़मेर का है, जहां एक मां ने अपनी तीन बेटियों के साथ आत्महत्या कर ली है। इससे पहले गुरुवार को चित्तौड़गढ़ में भी ऐसी ही घटना घटी थी। दरअसल, बाड़मेर के बायतू में एक मां ने पहले अपनी तीन मासूम बेटियों को एक-एक कर पानी से भरे टांके में फेंका और फिर खुद भी दूसरे टांके में कूद गई। घटना में चारों की मौत हो गई।
घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। विवाहिता के पीहर पक्ष को भी सूचना दी है। घटना अकदड़ा गांव की है। विवाहिता के घर के पास दो टांके बने हुए थे। पुलिस के मुताबिक सुबह जब परिवार के सदस्यों को मासूम बच्चियां और विवाहिता नहीं दिखीं तो उनकी इधर-उधर तलाश की। टांके के पास जाकर देखा तो तीन मासूम बच्चे और विवाहिता का शव मिले। परिजनों और ग्रामीणों ने बायतु पुलिस को सूचना दी। वहीं विवाहिता के पीहर को भी सूचना दे दी है।
घटना में जस्सी (उम्र 30) के साथ ज्योत्सना (उम्र 6), मोनिका (उम्र 4), दीक्षा (उम्र 2) की मौत हो गई। पुलिस ने कहा कि रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने बताया कि जस्सी की अकदड़ा गांव निवासी कौशलाराम के साथ 10 साल पहले शादी हुई थी। दोनों का एक बेटा कैलाश (उम्र 9) भी है। सुसाइड के कारणों का खुलासा नहीं हो सका है।
विवाहिता के पीहर पक्ष के आने के बाद दिन में ग्रामीणों की मदद से पुलिस ने तीन मासूम बच्चों और मां के शव को बाहर निकाला गया है। चारों के शव को बायतु अस्पताल में रखवाया गया है। परिजनों ने अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं दी है। मौके पर पहुंची पुलिस ने परिवार के साथ ग्रामीणों से भी जानकारी ली। बाड़मेर डीएसपी आनंद सिंह राजपुरोहित के मुताबिक सुबह करीब 5-6 बजे पति उठा तो पत्नी और 3 बच्चियां नहीं दिखने इधर उधर देखा। तीन बच्चियां घर के बाहर की तरफ टांके में मिली। विवाहिता घर से करीब 200 मीटर दूर टांके में मिली। पति शराब का नशा करता था। पत्नी इससे परेशान थी। प्रथम दृश्यता इसी के चलते सुसाइड करने की बात सामने आ रही है।
मां ने अपने 3 बच्चों को उतारा मौत के घाट
गुरुवार को राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में एक मां ने अपने तीन बच्चों को मारने के बाद खुदकुशी कर ली। वारदात के वक्त महिला का पति बाजार गया था। घर लौटने पर 4 लाशें देखकर वो दंग रह गया। परिवार ने कोई आरोप नहीं लगाया है और ना ही शिकायत दी है। कपासन थाना क्षेत्र में RNT कॉलेज के पोल्ट्री फॉर्म पर भूरालाल और उसका परिवार बीते 7 साल से मुर्गी पालन का काम कर रहा था। बुधवार रात घर का मुखिया बाजार दूध लेने गया था। वापस लौटकर देखा तो 28 साल की पत्नी रूपा, 7 साल की बड़ी बेटी शिवानी, 6 साल का बेटा रितेश और 3 साल की छोटी बेटी किरण फंदे पर लटके थे।