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दर्दनाक हादसा: मां के साथ नदी में पूजा करने गए 2 बच्चों की डूबने से मौत, राजस्थान में 3 मासूमों की गई जान

बिहार के सुपौल में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जहां कोसी नदी में डूबने से 2 बच्चों की मौत हो गई है। मामला सदर थाना के बसबिट्टी पंचायत के भुराही वार्ड का है, जहां रविवार का व्रत कर रही महिलाओं के द्वारा कोसी नदी में स्नान किया जा रहा था। महिलाएं अपने पूजा पाठ में व्यस्त थी कि इसी दौरान दो बच्चे कोसी नदी में नहाने के लिए उतर गए। पूजा पाठ खत्म होने के बाद जब महिलाओं ने अपने बच्चों को खोजना शुरू किया तो 2 बच्चा कहीं नहीं मिला।

इसके बाद स्थानीय तैराकों के द्वारा 2 बच्चे के शव को कोसी नदी से बाहर निकाला गया। मरने वालों में करण कुमार उम्र 12 साल जो अपने माता पिता का अकेला संतान था तो दूसरा आशीष कुमार उम्र 10 साल शामिल है। अपने बच्चों की आयु और स्वास्थ्य जीवन के लिए रविवार का व्रत कर रही पीड़ित महिलाओं का रो-रो कर बुरा हाल है। घटना के बाद जांच शुरू कर दी गई है, ताकि पीड़ित परिवार को राहत मिल सके।

3 बच्चों की मौत

इधर, राजस्थान के धौलपुर के राजघाट गांव में रविवार को दर्दनाक हादसा हो गया। चंबल नदी में नहाने गए तीन बच्चों की डूबने से मौत हो गई। रिपोर्ट के मुताबिक तीनों बच्चे सुबह करीब 11 बजे नदी में नहाने गए थे, तभी तीनों डूबने लगे। वहीं भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के पद्दार गांव सोहल के पास चिनाब नदी में फंसे दो युवकों को बचाया। जानकारी के मुताबिक, सुनील और बाबुल नाम के ये युवक शनिवार रात जेसीबी मशीन के जरिए नदी पार करने की कोशिश कर रहे थे। तभी नदी में अचानक पानी बढ़ गया, जिसके बाद दोनों युवक नदी के बीच फंस गए। हालांकि, करीब 5 घंटे की मशक्कत के बाद सेना के जवानों ने दोनों युवकों को सकुशल निकाल लिया।

कुकदा डैम में डूबने से 3 लोगों की मौत

इससे पहले 14 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में कुकदा डैम में डूबने से युवती समेत 3 लोगों की मौत हो गई थी। जानकारी के मुताबिक तीनों लोग अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के कर्मचारी थे, जो अपने साथियों के साथ रायपुर, धमतरी और कांकेर से पिकनिक मनाने के लिए कुकदा डैम पहुंचे थे। सूचना मिलने पर ASP चंद्रेश ठाकुर भी मौके पर पहुंचे और मामले की जांच की।

डूबने से लगातार हो रही बच्चों की मौत 

बता दें कि छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में डूबने से लगातार बच्चों की मौत की घटनाएं सामने आ रही है। 9 अप्रैल 2020 को रावस गांव में नहाने गई 4 सगी बहन एक डबरी में एक साथ डूब गई थी। वहीं 2019 में बांदे गौतम नगर में दो स्कूली छात्रों की मौत हो गई थी। 2018 में भानुप्रतापपुर के ही सटेली प्राथमिक शाला में संविलियन की खुशी में पार्टी के दौरान दो छात्रों की डूबने से मौत हो गई थी। साल 2017 में भानुप्रतापपुर भीरागांव के मालापारा प्राथमिक शाला के तीन बच्चे छुट्टी होते ही स्कूल से तालाब नहाने चले गए थे। इस हादसे में सगे भाई बहन समेत तीन छात्रों की मौत हो गई थी। प्रदेशभर में ऐसी घटनाएं बढ़ती जा रही है।

झारखंड में हुआ था ऐसा ही हादसा

वहीं 9 नवंबर को झारखंड के पलामू जिले में ऐसा ही हादसा हुआ था, जहां पायल नदी के छठ घाट में डूबने से दो बच्चों की मौत हो गई थी। पुलिस के मुताबिक छठ स्नान के दौरान डूबने से दोनों बच्चों की मौत हो गई थी। पुलिस ने बताया कि दोनों बच्चे राजहारा गांव के राजू भुईयां के बेटे थे। राजू भुईयां के साले की पत्नी राजहारा स्थित छठ घाट पर छठ स्नान और पूजा करने गई थी और उसके साथ राजू की पत्नी और बच्चे भी गए थे। वहीं गिरिडीह के मंगरोडीह गांव में भी ऐसा ही हादसा हुआ था। यहां छठ महापर्व को लेकर स्नान करने गई महिलाओं के साथ गए 4 बच्चों की नदी में डूबने से मौत हो गई थी।

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