देश में शिशु जन्म दर में कमी आई है। दरअसल, भारत में जन्म और मृत्यु दर के बारे में जानकारी देने वाली संस्था नागरिक पंजीकरण प्रणाली ने साल 2020 के लिए अपनी रिपोर्ट जारी कर दी है, जिसमें साल 2020 के लिए जन्म और मृत्यु दर की जानकारी दी गई है। CRS की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 की तुलना में साल 2020 में शिशु जन्म दर में 5.98 लाख की कमी आई है।
अगर 2018 और 2019 के आंकड़ों की बात करें तो इनमें जन्म दर क्रमश 11.65 लाख और 15.51 लाख की बढ़ोतरी हुई है। वहीं अगर हम साल 2020 की मृत्यु दर पर नजर डालें तो इसमें काफी संख्या में बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक 2019 की तुलना में इस साल मृत्यु दर में 4.75 लाख की बढ़ोतरी हुई है।
CRS की रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में जहां 4.87 लाख लोगों की मृत्यु हुई है, तो वहीं 2019 में 6.90 लाख लोगों की मौत हुई है। CRS रिपोर्ट में यह बात पता चली है कि साल 2020 से लेकर 2022 तक कोविड से मरने वाले लोगों की कुल संख्या 5 लाख 23 हजार 693 है।
मौतों की संख्या करता है दर्ज
बता दें कि CRS हुई मौतों की संख्या को दर्ज करता है। हालांकि मौत किन कारणों से हुई है इसकी जानकारी नहीं देता है। वहीं MCCD रिपोर्ट 2020 में दावा किया गया है कि कुल रजिस्टर हुई 81 लाख 15 हजार 882 डेथ में कुल 18 लाख 11 हजार 688 लोगों के सर्टिफिकेट में मौत के कारणों का उल्लेख किया गया है।
ऐसे होता है पंजीयन
RBD अधिनियम के तहत प्राप्त जन्म और मृत्यु की निरंतर, स्थायी और व्यवस्थित रिकॉर्डिंग को नागरिक पंजीकरण प्रणाली कहा जाता है। जन्म और मृत्यु का पंजीकरण एक केंद्रीय अधिनियम के प्रावधानों के तहत किया जाता है। 21 दिनों की सामान्य अवधि यानी घटना की तारीख से जन्म, मृत्यु और फिर भी जन्म की घटनाओं की रिपोर्ट करने के लिए निर्धारित की गई है। अगर जन्म या मृत्यु की घटना 21 दिनों की सामान्य अवधि के भीतर निर्धारित प्राधिकारी को पंजीकरण के लिए सूचित की जाती है, तो कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। अगर जन्म या मृत्यु की कोई भी घटना 21 दिनों के भीतर पंजीकरण के लिए सूचित नहीं की जाती है, तो निर्धारित शुल्क के भुगतान के साथ निर्धारित विलंब पंजीकरण प्रावधानों के तहत किसी भी समय रिपोर्ट की जा सकती है।