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मंत्री 'बाबा' के प्रेसवार्ता में पत्रकारों को मांगने पर पानी भी नहीं पिलाई !

आनंदराम पत्रकारश्री

महासमुन्द। कांग्रेस और सरकार की गुटीय राजनीति के शिकार अब पत्रकार होने लगे हैं। इसका सबसे बड़ा नमूना आज महासमुन्द में देखने को मिला। स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री टी एस सिंहदेव की पत्रकारवार्ता में मांगने पर एक वरिष्ठ महिला पत्रकार को पानी तक नहीं पिलाई गई। लोकाचार और लोक व्यवहार के प्रतिकूल व्यवहार करने के लिए प्रोटोकॉल अधिकारी के विरूद्ध दंडात्मक कार्यवाही की मांग पत्रकार कर रहे हैं। प्रेस क्लब महासमुन्द के अध्यक्ष आनंदराम पत्रकारश्री ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए इसके लिए जिम्मेदारी सुनिश्चित कर तत्काल दंडात्मक कार्यवाही करने की मांग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव से की है। 


उल्लेखनीय है कि बीते दो दिन से स्वास्थ्य मंत्री के बंगले से जिले के पत्रकारों को ढूंढ-ढूंढकर प्रेसवार्ता के लिए निमंत्रण दिया जा रहा था। जिला प्रशासन अथवा जिला जनसंपर्क विभाग ने मंत्री के प्रेसवार्ता की व्यवस्था की जहमत भी नहीं उठाई। इसे सरकार में गुटीय राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 30 मई की सुबह 10 बजे मंत्री जी प्रेसवार्ता को संबोधित करने वाले थे। आज दोपहर तक उनका प्रोटोकॉल ऐसे ही निर्धारित था। बाद में अचानक 29 मई की शाम 6:30 बजे प्रेसवार्ता होने की सूचना प्रसारित की गई। पत्रकार अल्प सूचना पर भी नियत समय पर सर्किट हाउस पहुंच गए। गर्मी का मौसम होने से प्यास लगना स्वाभाविक है। पत्रकार करीब पौन घंटे तक मंत्री के सर्किट हाउस पहुंचने का इंतजार करते रहे। इस बीच एक वरिष्ठ महिला पत्रकार ने पानी मांगी। जिसे अनसुना कर दिया गया। 

प्रेसवार्ता का बहिष्कार करने की चेतावनी 

इस बीच ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष खिलावन बघेल पहुंचे। उन्हें आवाज देकर महिला पत्रकार ने पानी भेजने का आग्रह किया। इस पर उन्होंने पलटकर हल्के अन्दाज में जवाब दिया कि पत्रकार खुद भी पानी मंगवा सकते हैं। इस पर हस्तक्षेप करते हुए प्रेस क्लब अध्यक्ष आनंदराम पत्रकारश्री ने कहा कि अब पत्रकारों को पानी के लिए भी गिड़गिड़ाना पड़ेगा? इस बीच मंत्री जी पहुंच गए और घोर अव्यवस्था के बीच प्रेसवार्ता प्रारंभ हो गई। आधा घंटा तक प्रेसवार्ता चली। इस बीच, प्रेसवार्ता के पहले अथवा बाद में स्वल्पाहार अथवा चाय तो दूर पानी मांगने पर भी नहीं पिलाई गई। इससे नाराज वरिष्ठ पत्रकारों ने निकट भविष्य में प्रेसवार्ता का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है। लोकाचार का पालन नहीं करने से पत्रकार अपमानित महसूस कर रहे हैं। प्यासे को पानी नहीं पिलाना, कितना उचित है? यह निर्णय हम सुधि पाठकों पर छोड़ते हैं।


 सर्किट हाउस में होती रही कानाफूसी 


मंत्री टीएस सिंहदेव के आधिकारिक दौरे में कद्दावर नेताओं की गैर मौजूदगी और जिले के शीर्ष अफसरों की अनुपस्थिति को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं होती रही। एक ओर जहां संसदीय सचिव व महासमुन्द विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर, खल्लारी विधायक व संसदीय सचिव द्वारिकाधीश यादव,  सराईपाली विधायक किस्मत लाल नंद, बीज विकास निगम अध्यक्ष अग्नि चंद्राकर जैसे अनेक वरिष्ठ  और कद्दावर नेता नहीं दिखे। वहीं दूसरी ओर जिले के ज्यादातर शीर्ष अफसर सर्किट हाउस में नजर नहीं आए। कलेक्टर-एसपी की गैरमौजूदगी भी चर्चा का विषय रहा।  इसे लेकर जनमानस में जमकर कानाफूसी होती रही कि ' सरकार v/s बाबा ' या बाबा दरकिनार!

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