छत्तीसगढ़ में आत्महत्या की घटनाएं लगातार बढ़ती ही जा रही है। ताजा मामला कांकेर जिले का है, जहां पति और पत्नी ने अपनी 2 मासूम बच्चों के साथ फांसी लगा ली, जिससे चारों की मौत हो गई है। पुलिस के मुताबिक दंपती ने नए बस स्टैंड स्थित बस्तर लॉज में फांसी लगाकर खुदकुशी की है। फिलहाल आत्महत्या का कारण अज्ञात बताया जा रहा है। वहीं पुलिस ने चारों शवों को कब्जे में लेकर आगे की जांच शुरू कर दी है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau) के साल 2019 के आंकड़ों के मुताबिक आत्महत्या के मामले में छत्तीसगढ़ देश में 9वें नंबर पर है। छत्तीसगढ़ में साल 2019 में कुल 7629 लोगों ने आत्महत्या की, जिनमें 233 किसान और खेतीहर शामिल हैं। राज्य में साल 2018 के मुकाबले आत्महत्या के मामलों में 8.3% की बढ़ोतरी हुई है।
NCRB के आंकड़ों के मुताबिक साल 2018 में छत्तीसगढ़ में कुल 7046 लोगों ने आत्महत्या की थी। वहीं कृषक और खेतिहर द्वारा की गई आत्महत्या के मामले में पूरे देश में छत्तीसगढ़ का छठवां स्थान है। आत्महत्या की दर भी छत्तीसगढ़ में पिछले साल के मुकाबले करीब 2 प्रतिशत बढ़ी है। इस मामले में छत्तीसगढ़ देश में चौथे नंबर पर है।
इस हेल्पलाइन की ले सकते हैं मदद
बता दें कि खुदकुशी एक गंभीर मनोवैज्ञानिक और सामाजिक समस्या है। अगर आप या अपने दोस्त या रिस्तेदार तनाव से गुजर रहे हैं तो भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 से मदद ले सकते हैं। आपको अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से भी बात करनी चाहिए, ताकि आत्महत्या जैसे प्राणघातक कदम उठाने से बच सकें। देश में रोजाना आत्महत्या की घटनाएं सामने आ रही है।
ये हैं आत्महत्या के प्रमुख कारण
- पारिवारिक - 26 %
- बीमारी - 19 %
- वैवाहिक - 11 %
- बेरोजगारी - 6 %
- नशे की लत - 5 %
- अन्य कारण - 24 %