आबादी बढ़ने की वजह से भी जंगलों में अतिक्रमण बढ़ने लगे हैं। जंगल की पूरी संरचना प्रभावित हो रही है। जंगलों में बांस और फलदार वृक्ष भी कम हो रहे हैं। अपने निवास स्थान की कमी और पेट भरने के लिए हाथी इन्सानी बस्तियों का रुख कर रहे हैं। सिमटते जंगल से हाथी और मनुष्य के बीच द्वंद्व (Elephant attack in Chhattisgarh) की स्थिति बनी हुई है। हर दूसरे दिन गजराज के हमले से इंसानों की मौत की खबर सामने आते रहती है।
ताजा मामला कोरिया जिले के बेलगांव गांव का है, जहां हाथियों ने बाप-बेटी पर हमला कर उनकी जान ले ली है। जबकि मरने वाले युवक की पत्नी ने किसी तरह से भागकर जान बचाई है। परिवार अपने मकान में सो रहा था। इसी दौरान हाथियों ने हमला कर दिया और जंगल की ओर भाग गए। इसके अलावा हाथियों ने घर को भी तोड़ दिया है। जानकारी के मुताबिक बेलगांव के रहने वाला गुलाब सिंह (उम्र 31) अपने 6 साल की बच्ची रूपा और पत्नी के साथ सो रहा था।
अपने घर में सो रहे थे सभी लोग
बताया जा रहा है कि गुलाब ने कुछ दिन पहले ही गांव में ये कच्चा मकान बनाया था, जो पूरा बना भी नहीं था। इसी मकान में तीनों सो रहे थे। इसी दौरान हाथियों ने हमला कर दिया। वहीं वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची थी। बताया गया कि करीब 9 हाथी रात को गांव में पहुंचे थे। इसके बाद वह सीधे गुलाब सिंह के घर के पास पहुंच गए और हमला कर दिया।
महिला ने भागकर बचाई जान
हमला के बाद मौके पर चीख पुकार मच गई। हल्ला सुनकर गुलाब की पत्नी की नींद खुली तो वह दौड़ते हुए वहां से निकली और जोर-जोर से चिल्लाने लगी, जिसके बाद आस-पास के लोग भी मौके पर पहुंच गए, लेकिन तब तक हाथियों ने दोनों को मार दिया था और जंगल की ओर चले गए। इसके पहले हाथियों ने आधा बना हुआ कच्चा मकान भी तोड़ दिया। घटना के बाद आस-पास के लोग काफी नाराज हो गए।
ग्रामीणों को हाथियों से दूर रहने की सलाह
वहीं गुलाब की पत्नी जोर-जोर से रोने लगी। इधर, घटना की जानकारी वन विभाग को भी सुबह के वक्त दे दी गई थी। लेकिन टीम सुबह 9 बजे के आस-पास पहुंची। जिसके चलते परिजनों और ग्रामीणों ने नाराजगी जताई और शव को पीएम के लिए देने से इनकार दिया था। फिर वन विभाग की टीम ने काफी समझाया तब वह माने और मामला शांत हुआ है। बाद में दोनों शवों को पीएम के लिए भेजा गया था। फिलहाल वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों को हाथियों से दूर रहने की सलाह दी है।
हाथी से सामना होने पर ढलान की ओर दौड़े
अगर हाथी से सामना हो जाए तो तुरंत उसके लिए रास्ता छोड़े, पहाड़ी स्थानों में सामना होने की स्तिथि मे पहाड़ी की ढलान की ओर दौड़े ऊपर की ओर नहीं क्योंकि हाथी ढलान में तेज गति से नहीं उतर सकता, लेकिन चढाई चढ़ने में वह दक्ष होता है, सीधे न दौड़ कर आड़े तिरछे दौड़े, कुछ दूर दौड़ने के बाद गमछा, पगड़ी, टोपी और अन्य कोई वस्त्र फेक दे, ताकि कुछ समय तक हाथी उसमें उलझा रह सके और आपको सुरक्षित स्थान पर जाने का समय मिल जाए।