धमतरी पशु चिकित्सा विभाग ने कृत्रिम गर्भाधान के क्षेत्र में एक नई उपलब्धि हासिल की है। जिले के मगरलोड विकासखंड के अंतर्गत पशु चिकित्सालय भेंडरी सेक्टर के अधीनस्थ कपालफोड़ी गांव में कृत्रिम गर्भाधान तकनीक से गर्भिणी गाय ने जुड़वा बछड़ों को जन्म दिया है। पशु चिकित्सा विभाग की सहायक शल्यज्ञ डॉक्टर वर्षा जैन ने बताया कि उनके मार्गदर्शन में कपालफोड़ी गांव में निजी कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्त्ता ओमप्रकाश कंवर के द्वारा 9 महीने पहले कपालफोड़ी के पशुपालक खेमनलाल साहू की गाय का कृत्रिम गर्भाधान किया गया था, जिसके सत्यापन के लिए जब पशुपालक के घर भ्रमण किया गया तो पता चला कि उनके यहां कृत्रिम गर्भाधान वाले गाय के जुड़वा बछड़े हुए हैं।
दोनों बछड़े नर हैं और पूरी तरह स्वस्थ हैं। ये देखकर डॉक्टर और उनकी टीम बहुत खुश हुई। इस संबंध में डॉक्टर जैन ने बताया कि ये उनके कैरियर में ये पहली प्राकृतिक घटना है, जिसे कृत्रिम गर्भाधान की विशेष उपलब्धि मानी जा सकती है। उन्होंने बताया कि गायों की प्रजाति में ऐसे जुड़वा बच्चे पैदा होने की संभावना बहुत कम पाई जाती है, जो कि संभवत लाखों में एक होती है। ये तभी संभव होता है जब एक ही समय में गाय के अंडाशय के द्वारा दो अंडों का विमोचन हो और दोनों अंडे दो अलग-अलग स्पर्म के द्वारा एक ही समय में निषेचित हों। इसे विज्ञान की भाषा में डाईजायगोटिक ट्विंस कहा जाता है और ये जुड़वा बछड़े इसी के उदाहरण हैं।
इनका रहा विशेष योगदान
पशु शल्यज्ञ ने नवजात बछड़ों के रखरखाव और गाय के खानपान के लिए पशुपालक साहू को विशेष सलाह दी। साथ ही उप संचालक पशु चिकित्सा डॉक्टर एम एस बघेल ने पूरी टीम को बधाई दी है, जिन्होंने समय-समय पर गर्भिणी गाय का निरीक्षण किया। इसमें भेंडरी सेक्टर के सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी घनश्याम ध्रुव और रामकुमार बंजारे का विशिष्ट योगदान रहा, जिनके द्वारा कृत्रिम गर्भाधान के लक्ष्य के विरूद्ध समन्वित प्रयास किया जा रहा है।