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हाइवा ने ऑटो को मारी टक्कर, पूर्व सांसद के भतीजे समेत 4 लोगों की मौत

छत्तीसगढ़ में सड़क हादसे कम होने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला बिलासपुर जिले का है, जहां ऑटो सवार चार लोगों की मौत हो गई। दरअसल, मालवाहक ऑटो में चालक समेत चार लोग सवार थे। तभी उन्हें तेज रफ्तार हाइवा ने टक्कर मार दी। हादसा इतना जबरदस्त था ऑटो पांच फीट ऊपर उछल गया और उसके परखच्चे उड़ गए। उसमें सवार तीन लोग उछल कर रोड पर गिर गए। जबकि चालक ऑटो में फंस गया था। 


चालक को कटर से काटकर उसे बाहर निकाला गया। उसे गंभीर हालत में अस्पताल भी ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। मरने वालों में एक युवक पूर्व सांसद और भाजपा नेता लखनलाल साहू का भतीजा भी शामिल है। जानकारी के मुताबिक घटना तखतपुर क्षेत्र के मोछ मोड़ के पास की है। जरहागांव थाना क्षेत्र के फरहदा के रहने वाले महेश कुमार साहू जेसीबी मालिक था, जो पूर्व सांसद और भाजपा नेता लखनलाल साहू का भतीजा था। 


बताया जा रहा है कि शुक्रवार की रात ऑटो में सवार होकर बिलासपुर से रात वापस अपने गांव लौट रहा था। उसके ऑटो में तीन और लोग सवार थे। अभी उसकी ऑटो तखतपुर के मोछ मोड़ के पास पहुंची था, तभी सामने से आ रहे तेज रफ्तार हाइवा ने सामने से टक्कर मार दी। हाइवा की रफ्तार काफी तेज थी। इसके चलते चालक सामने आ रहे ऑटो को देख नहीं पाया और सामने से टक्कर मार दिया। 

हाइवा की टक्कर के बाद ऑटो उछल कर बुरी तरह से चिपट गया और चालक सामने सीट में फंस गया। उसमें सवार दो लोग उछलकर सड़क से दूर जा गिरे। उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। इस हादसे के बाद एक युवक ऑटो से उछलकर हाइवा के सामने आ गया, उसकी लाश हाइवा के पहिए के नीचे पड़ी थी। पुलिस ने शव को उठवाकर अस्पताल भेज दिया है। TI मोहन भारद्वाज ने बताया कि हादसे की खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। 

सड़क किनारे पड़े तीन लोगों को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। इस दौरान गंभीर रूप से घायल चालक ऑटो के सामने सीट में फंसा हुआ था। उसे कड़ी मशक्कत कर गैस कटर से काटकर बाहर निकाला गया। उन्होंने बताया कि ऑटो के रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर चालक की पहचान जरहागांव क्षेत्र के फरहदा निवासी महेश साहू के रूप में हुई है। जबकि, अन्य मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है।

 देर रात हुए हादसे के बाद तखतपुर पुलिस ने मरने वालों की पहचान कर ली है। TI मोहन भारद्वाज ने बताया कि पूर्व सांसद व भाजपा नेता लखनलाल साहू के फरहदा में रहने वाला भतीजा महेश साहू पिता शोभाराम साहू (40 साल) की जेसीबी खराब हो गई थी, जिसे बनवाने के लिए इंजन को लेकर बिलासपुर गया था। इसके बाद इंजन को लेकर अमोरा परसाकापा निवासी ऑपरेटर भुनेश्वर साहू पिंटू पिता भारत साहू (36 साल), कड़ार निवासी मेकेनिक ओमप्रकाश वर्मा पिता राम कुमार ( 22 साल) और कुली लुतरा निवासी रघुवीर साहू पिता रामखिलावन साहू (24 साल) के साथ लौट रहा था। तभी यह हादसा हो गया और उनकी मौत हो गई।

मौत के मामले में 11वें नंबर पर छत्तीसगढ़

इस साल नवंबर में सड़क दुर्घटनाओं (Road accidents) में 408 लोगों की मौत और 884 लोग घायल हुए है। प्रदेश में 11 महीनों में 10 हजार 126 सड़क दुर्घटनाओं में 395 लोगों की मौत हुई और 9 हजार 270 लोग घायल हुए है। वहीं सड़क हादसे से होने वाली मौत के मामले में छत्तीसगढ़ देश भर में 11 वें नंबर पर पहुंच गया है।

सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या

सड़क हादसों (Road Accident in Chhattisgarh) में मौत के मामले में छत्तीसगढ़ के आंकड़ों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। आंकड़ों के मुताबिक साल 2019 में करीब 14 हजार सड़क हादसों में 4 हजार 556 लोगों ने अपनी जान गवांई है। इसमें करीब 3 हजार 200 मृतक ऐसे हैं, जो दो पहिया वाहनों में थे।

दिन-ब-दिन बढ़ रहा सड़क हादसों का ग्राफ

इन 3 हजार 200 में से करीब 2450 लोगों की मौत सिर में चोट लगने की वजह से हुई है। इसके कारण प्रदेश में सड़क हादसों का ग्राफ दिन ब दिन बढ़ता ही जा रह है, इसके कारण सड़क हादसों में जान गवांने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ती ही जा रही है। आंकड़ों के मुताबिक सड़क हादसों में सबसे ज्यादा हादसे राजधानी रायपुर में हो रहे हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक राजधानी रायपुर के टाटीबंध चौक पर हर महीने 4 से 5 लोगों की मौत होती है। ऐसा नहीं है कि सरकार सड़क हादसों को कम करने के लिए कोई उपाय नहीं कर रही है।

लोगों की लापरवाही बन रहा हादसों का कारण

बता दें कि सड़क हादसों और इन हादसों में घायल लोगों को जल्द इलाज मुहैया करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने हर जिले के पुलिस को पेट्रोलिंग वाहन सौंपा है. साथ ही सड़क हादसों को कम करने और लोगों को जागरूक करने के लिए कई तरह के जागरुकता अभियान भी चलाएं जा रहे है, लेकिन लोगों की लापरवाही के कारण सड़क दुर्घटना कम होने का नाम नहीं ले रहा है। लोग अपनी सुरक्षा के लिए हेलमेट नहीं पहनते है, बल्कि पुलिस से बचने के लिए हेलमेट पहनते है। वहीं लोग हर काम जल्दी करना चाहते है, कई बार लोगों की यहीं जल्दबाजी सड़क हादसों का कारण बनता है।

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