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पुलिस मुखबिरी के शक में नक्सलियों ने गोली मारकर की 2 ग्रामीणों की हत्या

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में एक बार फिर नक्सलियों की कायराना करतूत (Naxalites attacks) सामने आई है, जहां नक्सलियों ने दो ग्रामीणों की गोली मारकर हत्या कर दी है। नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के शक में वारदात को अंजाम दिया है। पुलिस के एक सीनियर ऑफिसर के मुताबिक मारे गए दोनों ग्रामीणों की उम्र 20 साल है। हैरानी की बात ये है कि इस वारदात को अंजाम देने के बाद एक नक्सली ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। फिलहाल मामले की जांच जारी है। वहीं पुलिस वारदात में शामिल अन्य नक्सलियों को पकड़ने में जुटी हुई है। 

गढ़चिरौली के SP अंकित गोयल ने बताया कि नक्सलियों ने गढ़चिरौली जिले में दो ग्रामीणों को गांव के बाहर ले जाकर गोली मार दी। दोनों को गोरकुट्टा और झारियावाड़ इलाके से उठाया गया था, जो कि आस-पास के ही इलाके हैं। पुलिस ने बताया कि दोनों ग्रामीण जिनकी नक्सलियों ने हत्या की है, उनकी उम्र 20 साल के आसपास थी। पुलिस को इस बात का भी शक है कि एक ग्रामीण जिसकी नक्सलियों ने हत्या की वह पहले नक्सली था और उसने आत्मसमर्पण किया था। 

मामले की जांच कर रही पुलिस

पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। बता दें कि पिछले पांच महीनों में गढ़चिरौली में यह पहली नक्सली घटना है। इससे पहले नक्सली लीडर मिलिंद तेलटुंबडे की पुलिस ने एनकाउंटर में हत्या कर दी थी। सुरजागढ़ लौह अयस्क पहाड़ियों पर संरक्षक मंत्री एकनाथ शिंदे का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह जगह वारदात वाली जगह से ज्यादा दूर नहीं है। कार्यक्रम के 12 घंटे पहले ही दो ग्रामीणों की हत्या कर दी गई, जिसके बाद से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है। पुलिस विभाग ने सुरजागढ़ इलाके में बड़ी संख्या में मददगारों को भेजकर नक्सल विरोधी अभियान तेज कर दिया है।

बीजापुर में भी नक्सलियों ने की थी 2 लोगों की हत्या

बता दें कि इससे पहले छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के शक में 2 लोगों की हत्या कर दी थी। नक्सलियों ने जांगला थाना क्षेत्र में जनअदालत लगाकर सैकड़ों ग्रामीणों के बीच 7 से 8 जनवरी की रात को वारदात को अंजाम दिया था। इधर, बीजापुर के SP कमलोचन कश्यप ने मारे गए दोनों लोगों को नक्सली बताया था। उन्होंने कहा कि नक्सली खुद के साथियों की ही हत्या कर रहे हैं। जनअदालत में भोंगी पोयाम और कोतरापाल निवासी बोटी कुहरामी को सब के बीच खड़ा किया था। ग्रामीणों को बताया गया कि ये दोनों गद्दार हैं और पुलिस की मुखबिरी करते हैं। फिर सैकड़ों ग्रामीणों के सामने दोनों की हत्या कर दी थी। 

पुलिस मुखबिरी के शक में नक्सलियों ने की इतनी हत्याएं 

बता दें कि पुलिस मुखबिरी के शक में नक्सली लगातार ऐसी ही वारदात को अंजाम दे रहे हैं। 17 नवंबर 2020 को नक्सलियों ने सुकमा के जंगलों में जन अदालत लगाकर 2 युवकों की हत्या की थी। 21 अक्टूबर 2020 को नक्सलियों ने बीजापुर में एक आरक्षक को अगवा कर जन अदालत लगा उसकी हत्या की थी। साल 2020 में ही नक्सलियों ने नारायणपुर के अबूझमाड़ में 2 युवकों पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर गला रेत का हत्या की थी। साल 2020 में कांकेर जिले में नक्सलियों ने जन अदालत लगा कर एक पूर्व सरपंच की हत्या की थी। साल 2020 में कांकेर जिले में एक दिव्यांग युवक की हत्या कर शव सड़क किनारे फेंका था। इस पर भी पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया गया था।

वहीं 2020 में ही सुकमा जिले में ही नक्सलियों ने एक ग्रामीण पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर उसकी हत्या कर दी थी। नवंबर 2021 में सुकमा जिले में जन अदालत लगाकर नक्सलियों ने 2 युवकों की हत्या की थी। इन पर भी पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया था। नवंबर 2021 में नक्सलियों ने कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा इलाके में जन अदालत लगाकर 1 ग्रामीण की हत्या की थी। जनवरी 2022 में बीजापुर जिले में अपने ही एक साथी कमलू पुनेम को जन अदालत लगाकर मारा था। अब नक्सलियों ने 7-8 जनवरी की रात 2 ग्रामीणों को मार दिया है।

5 साल में नक्सली हिंसा में इतने लोगों की गई जान

बीते 5 साल में छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा (Naxalite violence) में 1000 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें 314 आम लोग भी शामिल हैं। इनका नक्सल आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं था। वहीं 220 जवान शहीद हुए हैं, साथ ही 466 नक्सली भी मुठभेड़ में मारे गए हैं।

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