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सूरजपुर के इस गांवों में हो रही थी 3 नाबालिगों की शादी, प्रशासन की सजगता से रुका तीनों का बाल विवाह

सूरजपुर कलेक्टर गौरव कुमार सिंह के निर्देश पर जिले में बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासनिक अमला त्वरित कार्रवाई कर रही है। गांव में बाल विवाह की सूचना ग्रामीण अधिकारियों को सीधे कर रहे हैं। जिला बाल संरक्षण अधिकारी के नेतृत्व में बाल विवाह रोकने के लिए टीम सक्रिय है। ग्रामीणों द्वारा जिला कार्यक्रम अधिकारी चंद्रबेस सिंह सिसोदिया को सूचना दी गई की बोझा गांव विकास खंड प्रतापपुर में एक 15 साल के लड़के का बाल विवाह किया जा रहा है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल को निर्देश दिया गया कि टीम लेकर मौके पर जाएं। साथ ही जांच कर कार्रवाई करें। जिला बाल संरक्षण अधिकारी महिला बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक, जिला बाल संरक्षण इकाई, चाइल्ड लाइन और खड़गवां पुलिस चौकी बल के साथ बोझा गांव पहुंचे, जहां जांच करने पर पता चला कि लड़का सिर्फ 17 साल का है, जिसका विवाह किया जाना है।

परिजन ने जताई सहमति

घरवाले विवाह की बात को छिपा रहे थे। सूचनाकर्ता से बात करने पर पता चला कि विवाह होने वाला है। इस पर घरवाले टीम को सही बताए और समझाइश दिया गया कि विवाह करने पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत सभी को जेल जाना पड़ सकता है। तब परिजनों ने उम्र होने पर विवाह करने की बात स्वीकार की।

पंचनामा तैयार कर रूकवाया विवाह

टीम को वहीं सूचना प्राप्त हुई थी कि सकलपुर में भी एक नाबालिग लड़की का बाल विवाह होने वाला है। टीम तत्काल मौके पर पहुंची तो पता चला कि सिर्फ 14 साल की लड़की की शादी करने की तैयारी चल रही है। टीम के आने की सूचना मिलने पर नाबालिग के पिता वहां से फरार हो गए। ग्रामीणों को बताया गया कि हम सिर्फ समझाइश देंगे बड़ी मुश्किल से बालिका का पिता सामने आया और बालिका की उम्र होने पर ही विवाह करने की बात कहा। गांव में पंचनामा कथन तैयार कर विवाह रुकवा दिया गया।

 नाबालिग और उसका पिता घर से फरार

इसी समय भैयाथान की पर्यवेक्षक का फोन आया कि गांव बुंदिया विकास खंड भैयाथान में नाबालिक लड़के का बाल विवाह संपन्न कराया जा रहा है। टीम ने इसकी जानकारी तत्काल भटगांव थाना को दी। साथ ही बल उपलब्ध कराने के लिए कहा गया। मौके पर टीम जब पहुंची तो गांव में मंडप गड़ चुका था और सारी तैयारियां की जा रही थी। टीम और पुलिस बल को देखकर लड़का और उसके पिता घर से फरार हो गए। बहुत समझाइश के बाद भी वे उपस्थित नहीं हुए। इसके बाद सरपंच, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को मौके पर बुलाया गया।

इन्होंने की कार्रवाई

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के सर्वे में लड़के के आधार कार्ड के मुताबिक उम्र सिर्फ 15 साल था, जिस आधार पर मौके पर पंचनामा बालक के मां का कथन लिया गया। विवाह नहीं करने की समझाइए दी गई। साथ ही सुबह थाना भटगांव में आकर अंकसूची और अन्य दस्तावेज दिखाने के लिए कहा गया। मौके पर उपस्थित गांव के सरपंच ने उम्र होने पर ही विवाह होने देने की बात कही। इन सभी कार्रवाई में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, संरक्षण अधिकारी संस्थागत देखरेख अखिलेश सिंह, आउटरीच वर्कर हरगोविंद चक्रधारी, चाइल्ड लाइन समन्वयक कार्तिक मजूमदार, जनार्दन यादव, चौकी खड़गवां विनोद गुप्ता, थाना भटगांव एसआई सिंह, एएसआई गुरु यादव, आरक्षक तारा सिंह और महिला आरक्षक उपस्थित थे।

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