स्वास्थ्य विभाग ने लू को लेकर अलर्ट जारी किया है, जिसमें इस साल मई महीने के दौरान छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों में सामान्य से ज्यादा तापमान होने की संभावना जताई है। इसमें लू लगने की संभावना भी ज्यादा होती है। इससे बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सतर्क रहने एडवाइजरी जारी किया है।
CMHO डॉक्टर एसएन केसरी ने लोगों को लू से बचाव के लिए सतर्कता बरतने और प्रारंभिक इलाज के बारे में जानकारी दी। डॉ. केसरी ने बताया कि घर पर भी प्रारंभिक इलाज की जा सकती है, जैसे तेज बुखार आने पर सिर में ठंडे पानी की पट्टी लगाएं, पानी व तरल पदार्थ अधिक लें, फिर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। लू के मरीजों के लिए इलाज की पर्याप्त व्यवस्था है। सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में ओरल रिहाईड्रेशन थेरेपी कार्नर की स्थापना की गई है।
घातक भी हो सकता है लू
रायगढ़ जिला नोडल अधिकारी डॉ. योगेश पटेल ने बताया कि तेज धूप के कारण लू की आशंका ज्यादा हो जाती है, लू के कारण अगर शरीर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाए तो कभी-कभी ये घातक और जानलेवा भी हो सकती है। उन्होंने लू के लक्षण के बारे में बताया कि तेज बुखार, चक्कर आना, सिरदर्द और भारीपन, उल्टी आना, मुंह सूखना, शरीर में पसीना न आना, भूख कम लगना, कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना, पेशाब कम आना आदि लू के प्रारंभिक लक्षण होते हैं।
बचाव के उपाय
स्वास्थ्य विभाग के महामारी नियंत्रण इकाई के एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. कल्याणी पटेल ने अपील की है कि लू के लक्षण, बचाव और इलाज की जानकारी रहने और सावधानी रखने से काफी हद तक लू के चपेट से बचा जा सकता है। लू लगने का प्रमुख कारण तेज धूप और शरीर में पानी की कमी है। सामान्यत दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक धूप तेज होती है। इस दौरान संभव हो सके तो धूप में जाने से बचे। धूप में जाना आवश्यक हो तो सिर और कानों को कॉटन (सूती) के कपड़े से अच्छी तरह ढंक लें और पानी अधिक मात्रा में पिएं। खाने में फल, जूस, दही और अन्य तरल पदार्थों को भी ज्यादा से ज्यादा मात्रा में शामिल करें।
गर्मी के मौसम में हीट स्ट्रोक का खतरा
गर्मी के मौसम में लोगों के लू से प्रभावित होने की खबरें सामने आती रहती है। सूर्य की तेजी गर्मी के दुष्प्रभाव से शरीर के तापमान नियंत्रण प्रणाली में विपरीत प्रभाव पड़ता है, जिसके कारण शरीर का तापमान अनियंत्रित होकर अत्यधिक बढ़ जाता है। इससे शरीर में पानी और खनिज मुख्यता नमक की कमी हो जाती है। इस स्थिति को लू लगना या हीट स्ट्रोक के नाम से जाना जाता है। CMHO ने कहा कि लू के लक्षण जैसे चक्कर और सिरदर्द शुरु होते ही मरीज को ठंडे स्थान ले में जाकर इलाज चालू कर देना चाहिए।
आरोग्य सेवा केंद्र से निशुल्क परामर्श
ढीले-ढाले और हल्के रंग के कपड़े पहनना बेहतर होगा, जो पूरे शरीर को ढक कर रखें। वाहन चालकों को धूप के चश्में शील्ड और हेलमेट का उपयोग करना चाहिए। शुद्ध पानी और पेय पदार्थ का ही सेवन करना चाहिए। गर्म से ठंडे और ठंडे स्थान से गर्म स्थानों पर तुरंत नहीं जाना चाहिए। साथ ही खुले बासे खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। प्रारंभिक सलाह के लिए 104 आरोग्य सेवा केंद्र से निशुल्क परामर्श लिया जा सकता है। उल्टी, सर दर्द, तेज बुखार की दशा में निकट के अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र से जरूरी सलाह लेना चाहिए।