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शर्मनाक: सरकारी अस्पताल में युवती के साथ गैंगरेप, आरोपियों ने 30 घंटों तक दिया वारदात को अंजाम

आंध्र प्रदेश में बच्चियों और महिलाओं पर होने वाले अपराध लगातार बढ़ जा रहे हैं। रोजाना प्रदेश के अलग-अलग जिलों से दुष्कर्म (gangrape in Andhra Pradesh) की खबरें सामने आ रही है। ताजा मामला NTR जिले का है, जहां विजयवाड़ा शहर में स्थित सरकारी अस्पताल में एक युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया है। जानकारी के मुताबिक 23 साल की युवती दिमागी तौर पर कमजोर है, जिसके साथ श्रीकांत नाम के युवक ने नौकरी दिलाने के बहाने साथ दुष्कर्म किया है। 

आरोपी श्रीकांत विजयवाड़ा के अस्पताल में एक अस्थायी कर्मचारी के रूप में काम करता है। आरोप है कि उसने पहले युवती के साथ दुष्कर्म किया फिर अपने दोस्तों को अंदर भेज दिया, जहां सभी आरोपी अगले दिन तक युवती के साथ लगातार दुष्कर्म करते रहे। वहीं युवती के परिजन ने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। युवती के माता पिता ने पुलिस पर आरोप लगाया कि शिकायत के बाद भी उन्होंने तुरंत कार्रवाई नहीं की। लड़की के माता-पिता का आरोप है कि पुलिस की अनदेखी और लापरवाही की वजह से करीब 30 घंटों तक उस युवती के साथ दुष्कर्म होता रहा। 

2 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने के निर्देश

वहीं राज्य के DGP ने पुलिस की लापरवाही को देखते हुए विजयवाड़ा पुलिस कमिश्नर को आदेश जारी किया है कि नुन्ना पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर हनीश कुमार और सब इंस्पेक्टर श्रीनिवास को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया जाए। युवती के माता पिता ने कहा कि उनकी बेटी बहुत सीधी सादी है और मानसिक रूप से कमजोर है। उसको बाहरी दुनिया के बारे में कुछ भी पता नहीं है। लड़की के माता पिता ने कहा कि बेटी घर में और आसपास नहीं दिखाई देने पर उसकी पुलिस स्टेशन में लापता होने की शिकायत दर्ज कराई, जिसको पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया है। 

पीड़ित परिवार ने पुलिस पर लगाए आरोप

पुलिस ने उनसे कहा कि पहले आस-पास और अच्छी तरह से ढूंढो फिर शाम को आओ। हम शाम को आए तो पुलिस ने एक आरोपी को पकड़कर पूछताछ की तो पता चला कि बेटी अस्पताल के एक कमरे में है, वहां जाकर देखा तो मेरा कलेजा फट गया, मेरी मासूम बेटी वहां निर्वस्त्र होकर पड़ी हुई थी और बाकी के आरोपी वहां मौजूद थे। वो मेरी बेटी के साथ दो दिनों तक दुष्कर्म करते रहे उन तीनों को फांसी की सजा मिलने पर ही हमें शांति मिलेगी।

नौकरी दिलाने के नाम पर दुष्कर्म

विजयवाड़ा के पुलिस आयुक्त कंठी राणा ने बताया कि आरोपियों की पहचान दारा श्रीकांत (26), चेन्ना बाबू राव (23) और जे पवन कल्याण के रूप में हुई है, जो अस्पताल के कीट नियंत्रण ठेकेदार के साथ फॉगिंग ऑपरेटर के रूप में काम करते हैं। पुलिस आयुक्त ने कहा कि पहले आरोपी श्रीकांत ने 23 साल की युवती से दोस्ती की और फिर उसे नौकरी दिलाने के नाम पर सरकारी अस्पताल ले कर गया और अस्पताल के एक कमरे में उसके साथ दुष्कर्म किया, उसी कमरे में वह अपनी फॉगिंग सामग्री रखता था। 

आरोपी ने पीड़िता को दी थी धमकी

श्रीकांत ने युवती के साथ दुष्कर्म करने के बाद अपने सहयोगियों बाबू राव और पवन कल्याण को बुलाया, जिन्होंने दो दिनों तक उसके साथ दुष्कर्म किया। आरोपियों ने लड़की को कमरे से बाहर आने पर गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी भी दी। पुलिस आयुक्त ने कहा कि तीनों ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनको कड़ी सजा देने की कोशिश की जाएगी।

अस्पताल के अधिकारियों को नोटिस

वहीं राज्य के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने ये निर्देश दिया है कि विजयवाड़ा सरकारी अस्पताल के कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाए। अस्पताल के मुख्य अधीक्षक और निवासी चिकित्सा अधिकारी को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। मुख्यमंत्री ने बलात्कार पीड़िता के परिवार को सहायता के रूप में 10 लाख रुपए की राशि देने की भी घोषणा की है। दरअसल, ये मामला सुर्खियों में तब आया जब मुख्य विपक्षी पार्टी तेलुगु देशम पार्टी के नेताओं ने इस मुद्दे को लोगों के सामने रखा और पुलिस स्टेशन के सामने भारी विरोध प्रदर्शन किया। 

पूर्व CM ने की पीड़िता से मुलाकात

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू अस्पताल में भर्ती पीड़ित युवती और उसके माता पिता से मिलने अस्पताल गए। उसके बाद उन्होंने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी पर जमकर हमला किया। नायडू ने कहा कि 'ये बहुत ही जघन्य अपराध है, पुलिस की लापरवाही की वजह से एक युवती के साथ 30 घंटे तक दुष्कर्म होता रहा, तीनों आरोपियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।' इसके अलावा नायडू ने पीड़िता और उसके परिवार को पार्टी की तरफ से 5 लाख रुपए दिए।

चंद्रबाबू नायडू ने CM पर साधा निशाना

चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि 'मुख्यमंत्री आवास से कुछ किलोमीटर दूर पर इतनी बड़ी घटना घटती है, लेकिन मुख्यमंत्री किसी कार्यक्रम में हिस्सा लेने चले जाते हैं, वो महिलाओं की सुरक्षा देने में नाकाम हैं।' इसके अलावा नायडू ने आरोप लगाया कि आंध्र प्रदेश गांजा उत्पत्ति का प्रधान केंद्र बन गया है, देश में जहां भी गांजा पकड़ा जाता है। उसका लिंक आंध्र प्रदेश में जरूर मिलता है। 

लगातार बढ़ रहे दुष्कर्म के मामले 

बता दें कि देश में दुष्कर्म की घटनाएं लगातार बढ़ती ही जा रही है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ओर से जारी किए आंकड़ों के मुताबिक भारत में 2020 में हर दिन बलात्कार के 77 मामले दर्ज किए गए। इस तरह साल 2020 में देश में दुष्कर्म के कुल 28 हजार 046 मामले सामने आए। NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा बलात्कार के मामले राजस्थान और उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए। पिछले साल पूरे देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 3 लाख 71 हजार 503 मामले दर्ज किए गए, जो 2019 में 4 लाख 05 हजार 326 थे। वहीं 2018 में 3 लाख 78 हजार 236 थे। 2019 में राजस्थान में करीब 6,000 और उत्तर प्रदेश में 3,065 बलात्कार के मामले सामने आए। NCRB के आंकड़ों से पता चलता है कि बीते 10 सालों में महिलाओं के बलात्कार का खतरा 44 फीसदी तक बढ़ गया है। संस्था के आंकड़ों के मुताबिक 2010 से 2019 के बीच पूरे भारत में कुल 3 लाख 13 हजार 289 दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए हैं।

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