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3 मंजिला निर्माणाधीन मकान ढहने से 2 लोगों की मौत, BJP और 'AAP' ने एक दूसरे पर लगाए आरोप

देश की राजधानी दिल्ली हादसों का गढ़ बनता जा रहा है। प्रदेश में किसी न किसी दुर्घटना की खबर रोजाना सामने आ रही है। ताजा मामला सत्य निकेतन इलाके का है, जहां एक तीन मंजिला निर्माणाधीन मकान ढहने से दो लोगों की मौत हो गई है। जबकि 4 लोग घायल हो गए हैं। हादसे में 5 मजदूर मलबे में फंस गए थे, जिन्हें बचाव कर्मियों ने तीन घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बाहर निकाल लिया। वहीं बाद में इनमें से दो मजदूरों की मौत हो गई।

जानकारी के मुताबिक बिल्डिंग में काम चल रहा था। बिल्डिंग का निर्माण पिछले कुछ महीनों से चल रहा था और एक पीजी होस्टल का रूप दिया जा रहा था। फिलहाल बचाव और राहत का कार्य बंद कर दिया गया है। सूचना मिलते ही पुलिस, दमकल की 6 गाड़ियां और अन्य बचाव दल मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गए थे। मलबे को हटाने के लिए जेसीबी मशीन की मदद भी ली गई थी। NDRF की टीम मौके पर पहुंची थी।

दिल्ली फायर सर्विस के डायरेक्टर अतुल गर्ग ने कहा कि हादसा काफी संकरे स्थान पर होने से वाहन पहुंचने में परेशानी आई, लेकिन हमारी टीम पहुंच गई और राहत और बचाव कार्य किया। प्रारंभिक तौर पर जानकारी सामने आई है कि बिल्डिंग काफी पुरानी थी और इसका रिनोवेशन किया जा रहा था। उन्होंने बताया कि बचाव कर्मियों ने मलबे में फंसे 5 मजदूरों को निकाला और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया, जहां दो मजदूरों की मौत हो गई।

 

इधर, दक्षिणी दिल्ली के मेयर मुकेश सूर्यन ने मकान मालिक को इस हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि निगम की ओर से पिछले महीने ही एडवाइजरी जारी की गई थी। मेयर ने कहा कि इमारत के मालिक ने इस मरम्मत कार्य की जानकारी नहीं दी थी। मलबे के अंदर जीवित मजदूरों का पता लगाने के लिए NDRF की टीम अपने साथ डॉग स्क्वॉड भी लाई थी।

मैं खुद ले रहा हूं जानकारी: CM केजरीवाल  

वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस घटना पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि यह हादसा बेहद दुखद है। जिला प्रशासन राहत और बचाव के काम में जुटा है। मैं खुद घटना से संबंधित हर जानकारी ले रहा हूं। बता दें कि मकान जर्जर अवस्था में था, जिसमें मरम्मत का काम कराया जा रहा था। हालांकि स्थानीय निगम पार्षद मनीष अग्रवाल का दावा है कि मकान में किसी भी प्रकार की कंस्ट्रक्शन करने की मनाही थी और इस संबंध में एमसीडी की तरफ से नोटिस भी चस्पा कर दिया गया था, जिसकी जानकारी स्थानीय पुलिस को भी दे दी गई थी।

पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और इस संबंध में FIR दर्ज की जाएगी। इस मामले में मकान मालिक या ठेकेदार जिसकी भी लापरवाही पाई जाती है, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस का कहना है कि अब तक की जांच में ये बात सामने आई है कि मकान में रिनोवेशन का काम चल रहा था. फिलहाल मामले की जांच जारी है।   

पुलिस और NDRF के अधिकारियों ने दी जानकारी

पुलिस और NDRF के अधिकारियों ने बताया कि सभी मजदूर एक ही जगह पर मौजूद थे और एक दूसरे के ऊपर मलबे के नीचे दबे हुए थे। माना जा रहा है कि सभी साथ बैठकर किचन में लंच कर रहे थे और अचानक ये हादसा हो गया। आम आदमी पार्टी की विधायक प्रमिला टोकस ने मौके पर पहुंच कर आरोप लगाया कि जो बिल्डिंग गिरी है वो बीजेपी के पूर्व विधायक अनिल शर्मा के रिश्तेदार की है और इसी वजह से इस निर्माण पर कोई लगाम नहीं गई।

BJP नेता ने आरोप को बताया बेबुनियाद

वहीं अनिल शर्मा ने कहा कि मुझ पर लगाए गए सभी आरोप गलत और बेबुनियाद हैं। ये बिल्डिंग न तो मेरी है और न ही मेरे किसी रिश्तेदार की। मैंने अपने कजिन बॉबी से भी वेरीफाई कर लिया है। मैं अपने वकीलों से सलाह ले रहा हूं कि प्रमिला टोकस के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया जा सके। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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