कोंडागांव में रविवार को जिला प्रशासन की टीम ने कर्नाटक के बेंगलुरु से 19 बंधक श्रमिकों को मुक्त कराकर वापस छत्तीसगढ़ लाया, जिन्हें उनके परिजनों के पास भेज दिया गया है। बता दें कि 23 मार्च को कोपाबेड़ा के रहने वाले रामलाल नेताम ने अपने बेटे तरसीम नेताम के बेंगलुरु में बंधक बनाकर कार्य कराए जाने और मजदूरी भी प्रदान न किए जाने के संबंध में कार्यालय श्रम पदाधिकारी को आवेदन किया था, जिसके संबंध में संज्ञान प्राप्त होते ही कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा द्वारा श्रम विभाग और पुलिस विभाग को दल गठित कर जल्द से जल्द श्रमिकों को वापस लाने के लिए कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे।
कलेक्टर के निर्देश पर श्रम पदाधिकारी आरजी सुधाकर द्वारा पुलिस प्रशासन से समन्वय करते हुए बेंगलुरु के कर्नाटक पुलिस के अधिकारियों से चर्चा कर श्रमिकों के बंधक बनाए जाने के संबंध में जानकारी दी गई और कलेक्टर द्वारा चार सदस्यीय दल गठित कर बेंगलुरु भेजा गया। इस दल में श्रम निरीक्षक अमरसिंह खाण्डे, राजस्व निरीक्षक अजय श्रीवास्तव, सहायक उप निरीक्षक पुलिस दिनेश डहरिया और प्रधान आरक्षक सुखराम कश्यप शामिल थे।
19 बंधक मजदूरों को छुड़ाया गया
जिस पर दल द्वारा कर्नाटक पुलिस से समन्वय कर दिए गए ठिकानों पर दबिश देते हुए विभिन्न कार्यस्थलों से बंधक बनाए गए 19 श्रमिकों को मुक्त कराया गया। जिसमें कोंडागांव के 11, बस्तर के 05, कांकेर के 02 और नारायणपुर जिले का 01 श्रमिक शामिल था। दल द्वारा इन सभी श्रमिकों को कर्नाटक पुलिस से चर्चा कर नियोजकों के माध्यम से अब तक किए गए कार्य की उचित मजदूरी भुगतान कराकर 10 अप्रैल को कोंडागांव लाया गया। जहां श्रमिकों से चर्चा कर प्रारंभिक जानकारी दर्ज कर उन्हें सकुशल उनके निवास पर भेज दिया गया है। कोंडागांव पहुंच सभी श्रमिकों द्वारा जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए घर वापसी पर प्रसन्नता जाहिर की गई।