अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से लगातार खौफनाक खबरें सामने आ रही है। वहीं अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में जुमे की नमाज के वक्त एक मस्जिद में धमाका हुआ, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 20 अन्य घायल हो गए हैं। इनमें से कुछ की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। तालिबान प्रवक्ता मोहम्मद नफी टाकोर ने कहा कि रमजान के चलते बड़ी तादाद में लोग मस्जिद में नमाज पढ़ने गए थे। सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया है और जांच की जा रही है।
तालिबान प्रवक्ता मोहम्मद नफी टाकोर ने बताया कि 'मुस्लिमों के पवित्र महीने रमजान के आखिरी शुक्रवार को नमाज अदा करने के लिए सैकड़ों लोग एकत्र हुए थे और खलीफा आगा गुल जान मस्जिद खचाखच भरी हुई थी। उन्होंने कहा कि हताहतों की संख्या में और बढ़ोतरी होने की आशंका है, क्योंकि काफी लोगों की हालत गंभीर है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक धमाका इतना जोरदार था कि आस-पास के इलाके में भी इसका असर महसूस किया गया। धमाके की जिम्मेदारी अभी तक किसी ने नहीं ली है। बीते कुछ समय से अफगानिस्तान में लगातार धमाके हो रहे हैं। गुरुवार को ही मजार-ए-शरीफ इलाके में हुए 2 विस्फोटों में 9 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि 13 घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां एक और घायल शख्स की मौत हो गई। इसके बाद मृतकों की संख्या 10 तक जा पहुंची। आतंकियों ने मिनी बस को निशाना बनाया था।
ISIS-K यानी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट खुरासान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। पुलिस के प्रवक्ता मोहम्मद आसिफ वजीरी ने बताया कि हमलावर के निशाने पर शिया समुदाय के लोग थे। आतंकवादी संगठन हमारे लोगों के बीच डर फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। मजार-ए-शरीफ को अफगानिस्तान के ट्रेड के लिहाज से अहम शहर माना जाता है। ये बाख प्रॉविंस की राजधानी है। शिया बहुल ये इलाका हमेशा आंतकियों के निशाने पर रहता है।
पिछले हफ्ते भी मजार-ए-शरीफ शहर की शिया मस्जिद में फिदायीन हमला हुआ था। इसमें 20 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। 66 लोग घायल हुए थे। हाल के दिनों में तालिबान ने अफगानिस्तान के कई हिस्सों पर नियंत्रण खोया है। इनमें बाख प्रॉविंस भी शामिल है। यहां इस्लामिक स्टेट का कब्जा होता जा रहा है।
बता दें कि मजार-ए-शरीफ में शिया समुदाय की कई मस्जिदें हैं, जहां पहले भी हमले होते रहे हैं। बीते दिनों कुंदुज प्रांत के इमाम साहिब जिले की मस्जिद में हुए विस्फोट में 33 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि 43 घायल हुए थे। धमाके के वक्त ज्यादातर लोग मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए इकट्ठा हुए थे। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी इस हमले की निंदा की थी।
नमाज के दौरान धमाके में 100 मारे गए
इससे पहले ही अफगानिस्तान के कुंदुज में जुमे की नमाज के दौरान जोरदार धमाका हुआ था। इसमें 100 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए थे। यह धमाका हजारा शिया मस्जिद को निशाना बनाकर किया गया। कुंदुज में संस्कृति और सूचना के निदेशक मतिउल्लाह रोहानी ने बताया कि यह आत्मघाती हमला था। अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनने के बाद ये देश में सबसे बड़ा हमला था।
लगातार हो रहे हमले
इससे पहले अफगान शहर कुंदुज में एक शिया मस्जिद में उपासकों पर आत्मघाती बम हमले में कम से कम 55 लोगों की मौत हो गई थी। बता दें कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने जगह-जगह कई हमले किए हैं। 2017 में इसी तरह के एक हमले में 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद क्षेत्र में इस तरह की घटनाएं आम हो गई हैं।
जब से अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा किया है, तब से लगातार हिंसा से जुड़ी खबरें सामने आ रही है। बीते साल अगस्त में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद आतंकी घटनाओं बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। ज्यादातर मामलों में आतंकियों के निशाने पर शिया बहुल इलाके ही रहते हैं। दूसरी तरफ देश में लगातार आर्थिक संकट भी गहराता जा रहा है। तालिबान हुकूमत का आरोप है कि अफगानिस्तान में ISIA का खुरासान ग्रुप हमले कर रहा है। हालांकि जो कुछ भी हो, लेकिन तालिबान के कब्जे के बाद से आए दिन अफगानिस्तान से हमले और धामके की खबरें सामने आ रही है।