बस्तर में अब नक्सलियों से मुकाबला करने के लिए DSF यानी डिस्ट्रिक्ट स्ट्राइक फोर्स नवीन कैडर का गठन किया जाएगा। ये फोर्स बस्तर के सातों जिलों में तैनात होगी। इस फोर्स में मुख्य रूप से सरेंडर नक्सली, नक्सल पीड़ित और सहायक आरक्षकों को लिया जाएगा। डिस्ट्रिक्ट स्ट्राइक फोर्स गठन करने की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बजट पेश कर घोषणा की है। CM ने बताया कि पिछले कई सालों से जिन आरक्षकों का प्रोमोशन और वेतन वृद्धि नहीं हो पाई है इस घोषणा से उनकी वेतन वृद्धि और प्रमोशन हो सकेगा।
बस्तर के IG सुंदरराज पी ने बताया कि डिस्ट्रिक्ट स्ट्राइक फोर्स से बस्तर में शांति और सुरक्षा स्थापित करने में बड़ी सफलता मिलेगी। हालांकि इसमें हर जिलों में कितने सरेंडर नक्सली, नक्सल पीड़ित और सहायक आरक्षकों की भर्ती की जानी है इसकी गाइडलाइन अभी नहीं आई है। गाइडलाइन आने के बाद इसकी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वर्तमान में पूरे संभाग में लगभग 3 हजार सहायक आरक्षक हैं। इनमें कई सरेंडर नक्सली भी शामिल हैं।
आरक्षकों का सालों से प्रमोशन के साथ वेतन वृद्धि रुकी
बस्तर में कई सहायक आरक्षकों का सालों से प्रमोशन के साथ वेतन वृद्धि भी रुकी हुई है। इसके अलावा कई नक्सल हिंसा पीड़ित परिवार के सदस्यों ने नौकरी के लिए भी आवेदन दिया है। इस फोर्स के गठन होने से इनको सीधा लाभ मिलेगा। नक्सल हिंसा से पीड़ित परिवार के सदस्यों को डिस्ट्रिक्ट स्ट्राइक फोर्स में भर्ती के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। बस्तर में नक्सलियों से मुकाबला करने के लिए कुछ साल पहले डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) का गठन किया गया था।
DRG और DSF मिलकर करेंगे मुकाबला
DRG में स्थानीय युवकों के साथ सरेंडर नक्सलियों की भी भर्ती की गई थी। जो बस्तर के जल-जंगल-जमीन को अच्छी तरह से जानते हैं। DRG ने नक्सल मोर्चे पर कई बड़ी सफलता दिलाई है। इसी की तरह अब डिस्ट्रिक्ट स्ट्राइक फोर्स में सरेंडर नक्सलियों की भर्ती से एक बड़ा फायदा फोर्स को मिलेगा। DRG और DSF दोनों मिलकर नक्सलियों का डट कर सामना करेंगे। ये नई फोर्स नक्सलियों से मुकाबला करेगी।