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छत्तीसगढ़ में साइबर ठगों से बचाए गए 2 करोड़ 46 लाख, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने विधानसभा में दी जानकारी

छत्तीसगढ़ में पुलिस ने साइबर ठगों से 2 करोड़ 46 लाख रुपए बचाए हैं। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने विधानसभा में जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस के साइबर सुरक्षा से जुड़े अमले ने चालू वित्तीय वर्ष में 2 करोड़ 46 लाख रुपए ऑनलाइन ठगों से बचाए हैं।  उन्होंने कहा कि ठगी की सूचना तुरंत मिलने पर पुलिस कार्रवाई कर रही है। ऐसे मामलों में बैंक को पैसा ट्रांसफर करने से रोका गया है।

विधानसभा परिसर में गृहमंत्री ने बताया कि ऑनलाइन ठगी की शिकायत के लिए पुलिस ने एक नंबर 155260 भी जारी किया है। इसके कंट्रोल रूम में 24 घंटे ड्यूटी रहती है। जब भी कोई व्यक्ति ठगी का शिकार हुआ और तुरंत इस नंबर पर डायल करता है तो तुरंत कार्रवाई होती है। संबंधित बैंक से बात कर पैसा ट्रांसफर करने से रोक देते हैं। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया कि इस तरह लगभग 2 करोड़ 46 लाख रुपए की राशि बचा ली गई है।

दरअसल, BJP विधायक अजय चंद्राकर और रंजना साहू ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण के जरिए ऑनलाइन ठगी का मामला उठाया था। उन्होंने करीब 24 मामलों का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ अंतरराष्ट्रीय ठगी का गढ़ बन गया है। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने सदन में कहा कि बीते 3 सालों में साइबर ठगी के मामलों में तुलनात्मक रूप से कमी आई है। 2017 में जारी ऑनलाइन ठगी के मामलों में छत्तीसगढ़ की रैंकिंग 17 थी। 2021 यह रैंकिंग 20 है। यानी छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन ठगी के मामलों में कमी आई है।

अधिकारियों-कर्मचारियों का अलग-अलग एजेंसियों से प्रशिक्षण

गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया कि अभी वर्तमान में उपलब्ध बल से साइबर क्राइम की जांच कराई जा रही है। उन्हीं में से अधिकारियों-कर्मचारियों को लेकर अलग-अलग एजेंसियों से प्रशिक्षण दिलाया गया है। अभी 20 नए पदों के सृजन की मांग की गई है। जैसे ही ये पद हमें मिल जाएंगे नए सिरे से काम होगा।

3 जिलों में जांच करेगी क्राइम ब्रांच की टीम

गृहमंत्री ने बताया कि अभी पूरे प्रदेश में थाना, जिला और रेंज स्तर पर साइबर क्राइम की निगरानी की जा रही है। साथ ही इसे रोकने के उपाय किए जा रहे हैं। सर्वाधिक घटनाओं वाले तीन जिलों को फोकस कर वहां अलग से क्राइम ब्रांच की स्वीकृति दी गई है। साइबर के लिए तीन करोड़ की लागत से एक अलग से बड़ा भवन भी बनाया जा रहा है। उसमें आधुनिक उपकरण लगेंगे, ताकि साइबर अपराध को होने से भी रोका जा सके और अपराध हाे जाए तो जल्दी उस पर कार्रवाई की जा सके। 

ऑनलाइन ठगी का अड्डा

एक तरफ केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था को पूरी तरह कैशलैस बनाने पर जोर दे रही है, दूसरी तरफ साइबर अपराध लोगों की टेंशन बढ़ा रहा है। आज के समय में पान वाले से लेकर बड़े व्यापारी तक सभी के पास ऑनलाइन पेमेंट की व्यवस्था होती है। इस ऑनलाइन के जमाने में पूरा बाजार एक क्लिक में उपलब्ध हो जाता है। ऑनलाइन शॉपिंग कोरोना काल में लोगों ने जोरो-शोरों से की है। एक तरफ इसके फायदे हैं तो कही नुकसान भी इस तरह के ऑनलाइन (Online transaction fraud) प्लेटफार्म को कुछ ठगों ने अपना ऑनलाइन ठगी का अड्डा बना लिया है।

ऑनलाइन ठगी होने पर सबसे पहले करे ये काम

अगर किसी भी व्यक्ति के साथ बैंकिंग और एटीएम जैसी ठगी (fraud) हुई है, तो तत्काल उसे अपने बैंक में इस बात की सूचना देनी चाहिए और अपना अकाउंट बंद या फ्रीज करा देना चाहिए। बैंकिंग फ्रॉड या एटीएम फ्रॉड में लोग आरबीआई के ऑनलाइन साइट में जाकर एक कंप्लेंट रजिस्टर करा देना चाहिए। साथ ही इसकी सूचना साइबर सेल के ऑफिस में जाकर दें। साइबर सेल की टीम आसानी से ठगों की लोकेशन का पता लगा सकती है और आपके अकाउंट में पड़े पैसे को होल्ड कर देती है।

साइबर सुरक्षा के लिए क्या करें और क्या न करें

क्या करें:-

  • अपना पासवर्ड किसी को न बताएं।
  • पासवर्ड को अक्षरांकीय में रखें अक्षरों/संख्याओं के साथ स्पेशल कैरेक्टर के कॉम्बिनेशन में बनाएं।
  • सोशल मीडिया के लिए बैंकिंग से अलग मोबाइल नंबर का प्रयोग करें।
  • अपने डिजिटल खातों में सिक्योरिटी प्रश्न,मोबाइल नंबर, एसएमएस अलर्ट, ऑल्टरनेट मेल आईडी अवश्य अंकित करें।
  • अलग-अलग एकाउंट के पासवर्ड अलग-अलग रखें।
  • सोशल नेटवर्किंग साइट का इस्तेमाल करते समय प्राइवेसी-सिक्योरिटी सेटिंग का इस्तेमाल जरूर करें और उपयोग के मुताबिक प्राइवेसी सेटिंग्स हाई रखें।
  • उपयोग नहीं होने वाले सोशल मीडिया एकाउंट को डिलीट कर दें।

क्या न करें:-

  • अलग-अलग एकाउंट्स के लिए एक ही पासवर्ड इस्तेमाल न करें।
  • परिवार की महिलाओं का फोटो,मोबाइल नंबर,ईमेल आईडी, जन्मतिथि, घर से बाहर रहने के लोकेशन भी सोशल मीडिया पर न डालें, साथ ही बैंकिंग डिटेल्स सार्वजनिक पोस्ट न करे।
  • अपना पासवर्ड किसी को न बताएं।
  • अपने प्राईवेट फोटो किसी के मांगने पर शेयर न करें।
  • किसी भी अनजान व्यक्ति लड़का या लड़की/पुरुष या महिला से दोस्ती न करें और न ही स्वयं किसी को गलत मैसेज भेजें।

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