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मुक्ति का सरल माध्यम है भगवान का कथा श्रवण : अशवंत तुषार साहू

महासमुंद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मुनगासेर गांव में चल रहे भागवत कथा के पांचवें दिन किसान नेता अशवंत तुषार साहू पहुंचे। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत जीव को जगदीश से जोड़ने की कथा है। इस कलयुग में मुक्ति का सबसे सरल साधन भगवान की कथा और नाम संकीर्तन करना है। इसलिए मनुष्य को पुण्य के कार्य करना चाहिए। जिससे उसका जीवन सफल हो सके, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्र से आए लोग शामिल हुए।

श्रीमद् भागवत कथा के समापन अवसर पर व्यास गादी पर विराजित साध्वी सुश्री रुपम राघव जी ने  भगवान श्रीकृष्ण के विवाह की कथा का विस्तार करते हुए बताया कि प्रथम विवाह भगवान का रुक्मणीजी के साथ हुआ। इसके अलावा भी भगवान के 16 हजार 107 विवाह और हुए। रुकमणीजी के अलावा 7 और भगवान की पटरानीयां हुईं। जिसमें जामवंती, सत्यभामा, कालिंदी, मित्रवृंदा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा थीं। कथा में सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए बताया कि सुदामापुरी में एक गरीब ब्राह्मण सुदामा रहते थे। उनकी पत्नी का नाम सुशीला था। 

सुदामाजी अत्यंत गरीब ब्राह्मण थे। एक दिन पत्नी ने कहा कि द्वारिका के राजा भगवान श्रीकृष्ण आपके बचपन के मित्र हैं। इसलिए एक बार भगवान के दर्शन करने आप द्वारिका जाकर भगवान के दर्शन करा आओ। शायद इससे हमारी दरिद्रता दूर हो जाए। पत्नी के कहने पर सुदामाजी भगवान के धाम द्वारका को गए वहां पर भगवान श्रीकृष्ण ने सुदामा का बड़ा स्वागत सम्मान किया। भगवान ने सुदामा को दो लोक का राज्य दे दिया। इसके बाद भी सुदामाजी ने भगवान का भजन नहीं छोड़ा। जीवन भर अपने महल से अलग रह कर भगवान का भजन करते रहे।

ध्रुव परिवार हैं आयोजक

इस अवसर पर करन धु्व्र, टीकम धुव्र, केवल धुव्र, बिसाल धुव्र,तिहारू धुव्र, ओम प्रकाश साहू, गणेश साहू, टेसराम धुव्र, राहुल साहू, सन्तराम साहू, अर्जुन साहू, टोपराम साहू, नोहर साहू ,दुर्गेश निषाद, डुगेश साहू सरवन निषाद , संगम निषाद, विक्रम साहू, घनश्याम निषाद,उत्तम साहू ,जगदीश सिंह ठाकुर ,सीताराम साहू, पवन साहू  सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन मौजूद रहे।

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