छत्तीसगढ़ में सड़क दुर्घटना (Road accident increased in Chhattisgarh) बढ़ता ही जा रहा है। आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में रोजाना 10 से ज्यादा लोग सड़क हादसे में अपनी जान गवांते है। ताजा मामला सरगुजा जिले के रघुनाथपुर चौकी क्षेत्र का है, जहां बारातियों से भरी बस पलटने से 3 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में एक 4 साल का बच्चा भी शामिल है। जबकि 6 से ज्यादा लोग घायल हैं, जिनमें 2 की हालत गंभीर बताई जा रही है।
जानकारी के मुताबिक बस बारातियों को लेकर वापस लौट रही थी। किलमा के रहने वाले सी कमल खलखो की बारात सोमवार को नानदमाली गांव गई थी। दूल्हा कार में सवार होकर गया था। बाराती बस से नादनमाली गांव गए थे। बस में महिलाएं और बच्चे भी थे। विदाई के बाद सभी रात को 10 से 11 के बीच लौट रहे थे। उसी दौरान अंबिकापुर-रायगढ़ नेशनल हाईवे 43 में लालमाटी गांव के पास बस अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में मौके पर ही एक बच्चे और 16 साल की लड़की की मौत हो गई। जबकि कई लोग घायल हो गए थे। हादसे की सूचना पुलिस को दी गई, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची।
घायलों का इलाज अस्पताल में जारी
घटना के बाद आस-पास और पुलिस की मदद से घायलों को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां एक अधेड़ ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। साथ ही अन्य घायलों का इलाज किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि 6 से ज्यादा लोग घायल हैं, जिनका इलाज जारी है। हादसे में राजेंद्र खलखो (उम्र 4), आरती बड़ा (उम्र 16) और जीवन मिंज (उम्र 48)की मौत हुई है।
ड्राइवर की लापरवाही आई सामने
बस में सवार महिला ने बताया कि वे सब वापस लौट रहे थे। तभी ये हादसा हो गया। उसने बताया कि बस ड्राइवर बार-बार हाथ छोड़कर बस चला रहा था। वो मस्ती में था। बार-बार समझाने पर भी वह नहीं माना। आखिरकार उसकी लापरवाही के चलते 3 लोगों की जान चले गई है। महिला ने बताया कि जिस बच्चे की मौत हुई, वो आगे बैठा था। इसके चलते उसे बचने का मौका भी नहीं मिला। घटना के बाद से ही बस ड्राइवर बस छोड़कर भाग निकला। फिलहाल पुलिस आरोपी बस ड्राइवर की तलाश में जुटी हुई है।
नियमों की अनदेखी से बढ़ रहा सड़क हादसा
भारत में सुरक्षित यात्रा करने के लिए भारत सरकार ने लोगों की जीवन सुरक्षा के लिए यातायात के नियम ( Traffic rules) बनाए हैं, जिन नियमों का पालन करना हर भारतीय का परम कर्तव्य है, लेकिन वर्तमान समय में सड़क दुर्घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि इन्हीं यातायात के नियम की अनदेखी के कारण हुआ है।
सालाना डेढ़ लाख लोगों की मौत
बता दें कि भारत में दुनिया के एक फीसदी वाहन हैं, लेकिन सड़कों पर वाहन दुर्घटनाओं के चलते विश्वभर में होने वाली मौतों में 11 प्रतिशत मौत भारत में होती हैं। विश्वबैंक की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। भारत में सालाना करीब साढ़े चार लाख सड़क हादसे होती हैं, जिनमें डेढ़ लाख लोगों की मौत होती है।
सड़क हादसों से हर 4 मिनट में एक मौत
रिपोर्ट के मुताबिक 'सड़क हादसों में हताहत होने वाले लोगों में सबसे ज्यादा भारत के होते हैं। भारत में दुनिया के सिर्फ एक फीसदी वाहन हैं, लेकिन सड़क दुर्घटनाओं में दुनिया भर में होने वाली मौतों में भारत का हिस्सा 11 प्रतिशत है। देश में हर घंटे 53 सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं और हर 4 मिनट में एक मौत होती है।'