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सुकमा में 10 महिलाओं समेत 24 नक्सलियों ने किया सरेंडर, 'पुना नर्कोम' अभियान के तहत फिर हुए मुख्यधारा में शामिल

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान (Naxalite eradication Campaign) के तहत सुकमा पुलिस को बड़ी सफलता हाथ मिली है। जिले में पुलिस द्वारा चलाए जा रहे 'पुना नर्कोम' (नई सुबह-नई शुरुआत)  अभियान से प्रभावित होकर 10 महिला नक्सली समेत 24 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। पुलिस ने बताया कि ये सभी चरमपंथी निचले स्तर के उग्रवादी थे। सुकमा SP के मुताबिक नक्सलियों ने होली मिलन कार्यक्रम में पोटकपल्ली गांव के पुलिस कैंप में पहुंचकर सरेंडर किया है। उन्होंने बताया कि नक्सलियों को मुख्यधारा में शामिल करने की मुहिम के तहत इन्होंने अपने हथियार डाले हैं।

सुकमा SP ने बताया कि पुलिस द्वारा चलाए जा रहे पुना नर्कोम अभियान के तहत 10 महिला समेत 24 नक्सलियों ने किस्टाराम थाना क्षेत्र के पोटकपल्ली नवीन कैंप में सरेंडर किया है। वहीं सभी नक्सली लंबे समय से माओवादी संगठन से जुड़कर काम कर रहे थे। ऐसे में बड़ी संख्या में नक्सलियों के समर्पण से नक्सल संगठन को बड़ा झटका लगा है। बता दें कि सुरक्षा बलों के सामने बिना हथियार के सरेंडर कर दिया। ऐसे में सरेंडर करने वाले नक्सली फोर्स को नुकसान पहुंचाने समेत कई घटनाओं में शामिल रहे हैं।

SP सुनील शर्मा ने दी जानकारी

वहीं SP सुनील शर्मा ने बताया कि होली मिलन के दौरान पोटकपल्ली के 100-120 की संख्या में ग्रामीण नक्सलियों को साथ लेकर सरेंडर कराने आए थे। इस दौरान गांव वालों ने बताया कि नक्सलियों के बहकावे और दहशत की वजह से वे नक्सल संगठन से जुड़े थे, लेकिन वे अब इलाके और गांव के विकास के लिए काम करना चाहते हैं। सरेंडर करने वाले नक्सलियों और कैंप में उपस्थित पुलिस अधिकारियों के साथ होली पर्व मनाया गया। SP शर्मा का कहना है कि सुरक्षाबलों के दबाव में नक्सली समर्पण कर रहे हैं या फिर मुठभेड़ में मारे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरेंडर करने वाले नक्सलियों को शासन की पुनर्वास नीति का लाभ दिया जाएगा।

इन्होंने छोड़ा हिंसा का रास्ता

बता दें कि सुकमा मे बीते दिन छत्तीसगढ़ पुलिस के सामने सरेंडर करने वाले नक्सलियों में सोडी कोसा, वेट्टी हड़मा, माडवी आयता, ओयम जोगा, वेट्टी हुंगा, वेट्टी भीमा, मड़कम हांदा, सोड़ी हुंगा, सोड़ी भीमा, वेट्टी देवी, वेको देवा, वेट्टी गंगा, सोड़ी हिड़मा, वेट्टी जोगा, वेट्टी भीमें, वेट्टी नंदे, वेट्टी मुये, वेट्टी देवे, किच्चे भीमे, किच्चे रामे, माड़वी हुंगी, सोड़ी सोमड़ी, सोड़ी सोमड़ी व वेट्टी मासे शामिल हैं। सभी पोटकपल्ली गांव के रहने वाले हैं। वे सभी मिलिशिया सदस्य हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि भारी संख्या में नक्सलियों के समर्पण से नक्सल संगठन को बड़ा झटका लगा है।

छत्तीसगढ़ पुलिस चला रही कई तरह के अभियान

नक्सलियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ पुलिस कई तरह के अभियान चला रही है, जिससे प्रभावित होकर कई नक्सली आत्मसमर्पण भी कर रहे है। जबकि सूरक्षाबल के जवान कई नक्सलियों को गिरफ्तार भी कर रहे है, जिससे बौखलाएं नक्सली इस तरह के कायरना हरकत कर रहे हैं। बता दें कि प्रदेश में बीते साल के मुताबले इस साल नक्सली हमले और गतिविधियां कम हुई है। वहीं छत्तीसगढ़ पुलिस और सरकार नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

लोन वर्राटू अभियान

बस्तर में इन दिनों पुलिस लोन वर्राटू अभियान चला रही है। जिसमें माओवाद का रास्ता छोड़ नक्सलियों की घर वापसी कराई जा रही है। बुधवार को लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर एक इनामी नक्सली ने समर्पण किया। नक्सली माओवादियों की खोखली विचारधारा को छोड़कर मुख्यधारा से लगातार जुड़ रहे हैं।

क्या है ‘लोन वर्राटू’ अभियान ?

दंतेवाड़ा में नक्सलियों के लिए एक अनोखी पहल की शुरुआत की गई है। जिसका नाम लोन वर्राटू दिया गया है, जिसका अर्थ है घर वापस लौट आइए। इसके लिए पुलिस के जवानों द्वारा गांव-गांव में प्रचार करवाया जा रहा है।गांव-गांव में पुलिस अधिकारियों के फोन नंबर भी दिए जा रहे हैं, ताकि समर्पण की इच्छा रखने वाले नक्सली सीधे उनसे संपर्क कर सकें। इस अभियान के तहत अब धीरे-धीरे पूरे दंतेवाड़ा जिले से स्थानीय कैडर के नक्सली इस अभियान के तहत पुलिस से संपर्क कर सरकार की मुख्य धारा में लौट रहे हैं।

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