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देश में बढ़ा 'आसनी' साइक्लोन का खतरा, कई जगहों पर भारी बार‍िश की संभावना

ताऊते, यास  और जवाद जैसे कई चक्रवात के बाद 'आसनी' भारत में तबाही मचाने के लिए आ गया है। बंगाल की खाड़ी से उठे आसनी के आज अंडमान-निकोबार के तट से टकराने की संभावना है। इसके कारण इंडियन कोस्ट गार्ड ने बंगाल की खाड़ी और अंडमान-निकोबार द्वीप पर सभी नाविकों और मछुआरों के लिए चेतावनी जारी की है और उन्हें समुद्र में नहीं जाने के लिए कहा है। 

तूफान के कारण पोर्ट ब्लेयर और आसपास के द्वीपों के बीच चलने वाले सभी जहाजों को समुद्र में जाने से रोक दिया गया है। साथ ही यात्रियों के लिए हेल्पलाइन नंबर 03192-245555/232714 और टोल-फ्री नंबर - 1-800-345-2714 जारी किया है। इधर, अंडमान-निकोबार प्रशासन बचाव और राहत अभियान के लिए NDRF के जवानों को अलग-अलग जगहों पर तैनात कर दिया है।

चक्रवाती तूफान आसनी के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के तट तक पहुंचने के अनुमान के साथ ही प्रशासन द्वीपसमूह में स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक व्यवस्था कर रहा है, जिसमें निचले इलाकों से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शामिल है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक बंगाल की दक्षिण पूर्व खाड़ी और उससे सटे दक्षिण अंडमान सागर पर आज एक दवाब और निम्न दबाव वाले क्षेत्र के 21 मार्च के आसपास एक चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है।

वहीं इसके उत्तर-उत्तर पूर्व की ओर बढ़ने और 22 मार्च को उत्तरी म्यांमार के दक्षिण-पूर्वी बांग्लादेश तटों के पास पहुंचने की संभावना है। IMD ने शनिवार को अपने बुलेटिन में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना जताई है। साथ ही निकोबार द्वीप समूह में अत्यधिक भारी बार‍िश की संभावना जताई है। इधर, मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण ने शुक्रवार को हुई एक बैठक में प्रशासन की तैयारियों की समीक्षा की और सभी हितधारकों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि निकाले गए लोगों को आश्रय देने के लिए बनाए गए अस्थायी शिविरों में भोजन, पानी और अन्य बुनियादी सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था हो। 

मौसम विभाग ने जारी की भारी बार‍िश की चेतावनी

नारायण ने निर्देश दिया कि खराब मौसम को देखते हुए नौ-परिवहन सेवाओं को तुरंत स्थगित कर दिया जाए और मछली पकड़ने वाली किसी भी नाव को समुद्र में जाने की अनुमति नहीं दी जाए। उन्होंने आपदा प्रबंधन विभाग से लोगों के बीच इस संबंध में जागरूकता फैलाने को कहा। मौसम विभाग ने 20 मार्च को अधिकतर स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की चेतावनी दी है। विभाग ने कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश और केंद्र शासित प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश की आशंका जताई है। विभाग ने सभी मछुआरों को अंडमान सागर और उससे सटे दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में न जाने की सलाह भी दी है।

बता दें कि हर साल आने वाले चक्रवातों के कारण सैकड़ों लोगों की मौत हो जाती है। केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक हर साल औसतन 72 लोगों की मौत साइक्लोन के कारण होती है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने बीते दिनों चक्रवातीय घटनाओं पर जलवायु परिवर्तन मूल्यांकन संबंधी एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 20वीं सदी के मध्य यानी 1951 से 2018 के बीच उत्तरी हिंद महासागर में चक्रवात की वार्षिक आवृति में कमी आई है। वहीं बीते 2 दशकों में मानसून के बाद अति प्रचंड चक्रवाती तूफान की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। 

विज्ञान मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2019 में अरब सागर में 5, बंगाल की खाड़ी में 3 चक्रवाती तूफान आए, जिनमें 6 प्रचंड तूफान की श्रेणी के थे। वहीं साल 2020 में अरब सागर में 2, बंगाल की खाड़ी में 2 और उत्तरी हिंद महसागर में एक चक्रवाती तूफान आया। इनमें से 5 प्रचंड चक्रवात की श्रेणी के थे। जून 2021 तक अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में प्रचंड चक्रवात की श्रेणी के एक-एक तूफान आए।

हाल के सालों में जनहानि में कमी: मंत्रालय

मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक साल 2010 से लेकर अब तक बीते साढ़े 11 साल में 748 लोगों की चक्रवात के कारण मौत हुई है। इस तरह हर साल चक्रवात के कारण औसतन 72 लोगों की मौत हो रही है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का कहना है कि चक्रवात पूर्वानुमान कौशल में सुधार होने से हाल के सालों में जनहानि में कमी आई है। इस कड़ी में एक अलर्ट ऐप भी तैयार किया जा रहा है। 

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